प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज ऑस्ट्रेलिया यात्रा के अंतिम चरण में मेलबर्न पहुंच गए हैं. यहां उन्‍होंने आस्ट्रेलियाई पीएम टोनी एबोट के साथ वार्ता की. ऑस्ट्रेलियाई संसद को संबोधित करने वाले मोदी विश्‍व के पहले नेता बन गए हैं. आस्ट्रेलियाई पीएम आज शाम 161 साल पुराने मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में मोदी के स्वागत के लिए एक समारोह की मेजबानी करेंगे. इसके बाद मोदी आज रात फिजी रवाना हो जाएंगे. फिजी की एक दिन की यात्रा के साथ ही मोदी की 10 दिवसीय विदेश दौरे का समापन हो जाएगा.


गारद निरीक्षण में मिली तोपों की सलामी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैय्यद अकबरूद्दीन ने ट्वीट किया, प्रधानमंत्री ने आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री को आस्ट्रेलियाई जान लांग द्वारा झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की ओर से ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ लिखी याचिका भेंट की. मोदी की ओर से एबट को दिए इस उपहार का ब्यौरा देते हुए अकबरूद्दीन ने कहा, ‘जान लांग ने ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ झांसी की रानी की ओर से 1854 में लिखी अर्जी की मूल प्रति भेंट की.’ इससे पहले आस्ट्रेलियाई संसद के परिसर में मोदी ने सलामी गारद का निरीक्षण किया. उनके सम्मान में 19 तोपों की सलामी भी दी गई. इस मौके पर आस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एबट और कई भारतीय मौजूद थे. इसके बाद वे प्रधानमंत्री कार्यालय में द्विपक्षीय वार्ता के लिए बढ़ गए.

आतंकवाद मिटाने पर दिया जोर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऑस्ट्रेलियाई संसद को संबोधित करने वाले विश्व के पहले नेता बन गए हैं. प्रधानमंत्री ने यहां आस्ट्रेलियाई संसद को संबोधित करते हुए कहा, आतंकवाद हम सब के लिए सबसे बड़ा खतरा बन गया है. भारत पिछले तीन दशक से इसका सामना कर रहा है. इसका चरित्र बदल रहा है और यह अपनी पहुंच का भी व्यापक विस्तार कर रहा है. आतंकवाद आज दुनिया में इंटरनेट के जरिये भर्ती, धन शोधन, मादक पदार्थों एवं हथियारों की तस्करी के जरिये अपने पैर तेजी से पसार रहा है,  जिसे रोके जाने के लिए वैश्विक स्तर पर सहयोग किये जाने की सख्त जरूरत है. जहां यह आतंकवाद सबसे अधिक है, वहां हमें इसके खिलाफ सामाजिक आंदोलन चलाना होगा. आतंकवाद के खिलाफ व्यापक रणनीति बनाने की अपील के साथ उन्होंने आगाह किया, ‘धर्म और आतंकवाद को जोड़ने के सभी प्रयासों को विफल किया जाए. ऐसे कदमों को उठाने के बाद ही हम आतंकवाद से छुटकारा पा सकते हैं.

Posted By: Satyendra Kumar Singh