शिक्षक दिवस के उपलक्ष्‍य में राजधानी दिल्‍ली के मॉनेकशॉ ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम को देशभर के स्‍कूलों में वीडियों कांफ्रेसिंग से दिखाया गया। पीएम की स्‍पीच खत्‍म होने के बाद बच्चों ने पीएम से सवालों की झड़ी लगा दी। किसी ने उनसे प्रिय खेल के बारे में पूछा तो किसी ने देश की समस्‍याओं का जिक्र किया। आइए पढाते हैं आपको बच्‍चों के सवाल और पीएम के जवाब।


सवाल: युवा आखिर क्यों टीचिंग नहीं करना चाहते जबकि हमें टीचर की जरूरत है- आत्मिक अजॉय, बेंगलुरुमोदी- तुम क्या बनोगे? (आत्मिक ने कहा-कंप्यूटर साइंस फील्ड में जाऊंगा) यही रियल प्रॉब्लम है। ऐसा नहीं है कि देश में अच्छे टीचर नहीं है। इन बच्चों से मैं उन टीचर को देख रहा हूं। देश में सफल व्यक्ति सप्ताह में एक घंटा किसी स्कूल में पढ़ाने जाएं। देश में टैलेंट की कमी नहीं है।सवाल: देश के लिए काम करना चाहती हूं। मैं क्या कर सकती हूं- विशालनी, तिरुनेलवेली
मोदी- जो तुम कर रही हो तो वह भी सेवा है (विशालनी क्लाउड कंप्यूटिंग एक्सपर्ट है)। फौज में जाने, चुनाव लड़ने से ही देश की सेवा नहीं होती। अगर कोई बालक 100 रुपए का बिल 90 रुपए कम कर देता है वह भी सेवा है। हम खाना खाते हैं, कभी कभी खाना छोड़ कर वेस्ट कर देते हैं। जितना चाहिए उतना ही लीजिए वह भी देश की सेवा है। गाड़ी चालू छोड़कर मत जाएं। कई चीजों को सहज रूप से करके भी देश की सेवा कर सकते हैं। घर में काम करने वालों को पढ़ना सिखाइए। करोड़ों लोगों के द्वारा छोटे-छोटे काम से बड़ी कोई देश की सेवा नहीं हो सकती।


सवाल: आजकल प्रतियोगी परीक्षाएं ही मकसद बन गई हैं क्या संदेश देना चाहेंगे- अनमोल, पटनामोदी- तुम भी तो इंजीनियर बनना चाहते हो। (अनमोल- इंजीनियरिंग ऐम है, मिशन कुछ और है।) ये सही है कि हमारे यहां माता-पिता का स्वभाव होता है कि जो काम वह अपने नहीं कर पाए तो वह बच्चों से करवाना चाहते हैं। सबसे बड़ी कठिनाई यही है। एक बदलाव लाने का प्रयास कर रहा हूं। आने वाले दिनों में होगा। आजकल कैरेक्टर सर्टिफिकेट मिलता है। जो जेल में हैं उनके पास भी होता है। जो फांसी पर लटक गया उसके पास भी घर में होगा। यह एक कागज बन गया बस। हमें एटीट्यूड सर्टिफिकेट देना चाहिए। हर तीन महीने में दोस्तों से सॉफ्टवेयर के जरिए फिलअप कराना चाहिए। तब पता चलेगा कि उसमें क्या विशेष है? फिर वह अपने जीवन की दिशा तय कर पाएगा। डिपार्टमेंट इस पर काम कर रहा है।सवाल: स्वच्छ भारत अभियान समस्या में क्या दिक्कत आई- अनुपमा, बेंगलुरु

मोदी- अब चैलेंज नहीं लग रहा। अगर आठवीं-नौवीं की स्टूडेंट्स वेस्ट मैनेजमेंट पर ऐप बनाती है तो देश स्वच्छ होकर रहेगा। यह अभियान हमारे स्वभाव से जुड़ा हुआ है। कई लोग कहते हैं कि मेरा पोता अब कूड़ा कचरा कहीं फेंकने देता। मोदी, मोदी करता है। इस अभियान को मीडिया के लोगों ने कितना आगे बढ़ाया। कमाई छोड़ कर कैमरे लेकर प्रोग्राम बनाए। हम वेस्ट मैनेजमेंट के बिना अल्टीमेंट सॉल्यूशन नहीं ला सकते। केचुंए लाकर अगर कचरे में डाल देते हैं तो खाद बना सकते हैं। वेस्ट को वेल्थ में क्रिएट कर सकते हैं। वेस्ट बहुत बड़ा बिजनेस है। हम फंड देकर इस काम को आगे बढ़ाएंगे।सवाल: आपको कौन सा गेम पसंद है- सोनिया यल्पा पाटिल,  गोवा
मोदी- तुम अमेरिका से क्या ले कर आई? (सोनिया- सिल्वर मेडल ले आई)। तुम्हें ये खेलने के लिए किसने हिम्मत दी? खेल में जब लड़कियां आगे जाती हैं तो उसमें उनकी मां का बहुत बड़ा रोल होता है। मां चाहती है कि बच्ची बड़ी हो रही है तो किचन में मदद करे लेकिन खेलने भेजती है तो यह बहुत बड़ा त्याग होता है। शारीरिक क्षमता में कमी के बावजूद बच्ची ने कमाल किया है। उनके टीचर को बहुत धन्यवाद देता हूं। राजनीति वाले क्या खेलते हैं, यह सबको मालूम है। मैं छोटे से गांव से था। कई खेल के नाम भी नहीं जानता था। कपड़े धोने के कारण तालाब जाता था तो तैरना सीख गया। फिर योग सीख लिया। बड़ोदा के पीटी टीचर थे, उनसे वहां मलखंभ सीखने की कोशिश की। क्रिकेट खेलता नहीं था पर बाउंड्री के बाहर से बॉल देने का काम करता था।सवाल: देश के कई हिस्सों में बिजली नहीं है। ऐसे में डिजिटल इंडिया कैंपेन कैसे पूरा होगा- सार्थक भारद्वाज देहरादूनपीएम- देश में अठारह हजार गांवों में बिजली नहीं है। अगले एक हजार दिनों में बिजली पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। बिजली नहीं है तो डिजिटल एक्टिविटी रुकती नहीं है। हम सब इससे अछूते नहीं रह सकते। यह सामान्य लोगों को एम्पावर करने का मिशन है। 2022 तक घरों में 24 घंटे बिजली होनी चाहिए। सवाल: सफल राजनेता बनने के लिए क्या करना चाहिए- शैली किपजेन, इंफाल मोदी: राजनीतिक जीवन की बदहाली हो चुकी है। इसलिए लोग सोचते हैं, नहीं जाना चाहिए। बहुत आवश्यक है कि राजनीति में अच्छे, विद्वान, जीवन के भिन्न-भिन्न क्षेत्र के लोग आएं। गांधी जी जब आंदोलन चलाते थे तो सब क्षेत्र के लोग उससे जुड़े थे। आंदोलन की ताकत बहुत बढ़ी। आप अगर राजनीति में आती हो तो आपको लीडरशिप रोल करना होगा। लीडर क्यों बनना है यह एकदम साफ होना चाहिए। सवाल:आपको सबसे ज्यादा किससे प्रभावित हुए हैं - मालापूर्णा
मोदी- जीवन एक व्यक्ति के कारण नहीं बनता। रेल के डिब्बे में भी कुछ सीखने को मिल जाता है। वैसे, मेरे गांव में लाइब्रेरी थी। मैं वहां स्वामी विवेकानंद को बढ़ता था। उन्हीं किताबों ने मेरे जीवन पर प्रभाव डाला।

 

Posted By: Satyendra Kumar Singh