राहुल गांधी ने मंगलवार को कोविड-19 के प्रबंधन पर एक व्हाइट पेपर जारी करते हुए थर्ड वेव से पहले भारत सरकार को गलती सुधारने का सुझाव दिया है। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन की कमी के कारण बहुत लोगों की मुत्यु हुई है। पीएम मोदी के आंसू इन परिवारों के आंसू नहीं मिटा पाए।


नई दिल्ली (एएनआई)। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को एक बार फिर केंद्र सरकार को घेरा है। कोविड​​​​-19 से निपटने के लिए केंद्र की आलोचना करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण मरने वाले 90 प्रतिशत लोगों को बचाया जा सकता था। इसका सबसे बड़ा कारण समय ऑक्सीजन की कमी थी जबकि देश में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है। पीएम मोदी के आंसू इन परिवारों के आंसू नहीं मिटा पाए। वो सब परिवार जानते हैं कि उनके अपनों को पीएम के आंसू उन्हें नहीं बचा पाते लेकिन ऑक्सीजन जरूर बचा लेती है। कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान वायरस के मामलों में रिकॉर्ड वृद्धि के बाद मेडिकल ऑक्सीजन की मांग में काफी वृद्धि हुई। केंद्र पर हमला तब हुआ जब कांग्रेस के पूर्व प्रमुख ने भारत सरकार के कोविड-19 के प्रबंधन पर एक व्हाइट पेपर जारी किया।


व्हाइट पेपर का लक्ष्य देश को तीसरी लहर के लिए तैयार करना

कांग्रेस नेता ने कहा कि हमने व्हाइट पेपर विस्तृत में तैयार किया है इसका लक्ष्य ये नहीं कि सरकार ने विभिन्न गलतियां की, बल्कि देश को तीसरी लहर के लिए तैयार करने में मदद करने के लिए है। देश में तीसरी लहर आने वाली है इसलिए हम सरकार से फिर कह रहें कि उनको इसके लिए पूरी तैयारी करनी चाहिए क्योंकि पहली और दूसरी लहर का प्रबंधन विनाशकारी था। इसके साथ ही कांग्रेस नेता ने कहा कि पूरा देश जानता है कि तीसरी लहर आने वाली है। व्हाइट पेपर का लक्ष्य तीसरी लहर के लिए तैयारी है ताकि तीसरी लहर जब आए तब लोगों को आसानी से ऑक्सीजन, दवाईयां , अस्पताल में बेड मिल जाएं। कोरोना सिर्फ बायोलॉजिकल नहीं बल्कि इकोनॉमिकल सोशल बीमारीराहुल गांधी ने काह कि कोरोना वायरस महामारी सिर्फ बायोलॉजिकल बीमारी नहीं है बल्कि इकोनॉमिकल सोशल बीमारी है। इसलिए सरकार को गरीब लोगों को आर्थिक सहायता देनी की जरूरत है। हालांकि इस दाैरान उन्होंने सोमवार को रिकॉर्ड संख्या में टीकाकरण को लेकर केंद्र सरकार की सराहना की। इससे पहले कल सोमवार को राहुल गांधी ने कोरोना से मरने वालों के परिजनों को अनुग्रह राशि नहीं देने के फैसले को केंद्र सरकार की क्रूरता करार दिया उन्होंने कहा, &जीवन की कीमत लगाना असंभव है- सरकारी मुआवजा सिर्फ एक छोटी सी सहायता होती है लेकिन मोदी सरकार ये भी करने को तैयार नहीं।

Posted By: Shweta Mishra