PM मोदी आज गोरखपुर को देंगे एम्स और खाद कारखाने की साैगात, 9,600 करोड़ रुपये से अधिक की परियाेजनाओं का करेंगे शुभारंभ
नई दिल्ली (एएनआई)। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज उत्तर प्रदेश के गोरखपुर दाैरे पर हैं। पीएम मोदी इस दाैरान गोरखपुर जिले के लोगों को एक अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और एक उर्वरक संयंत्र सहित कई परियोजनाओं को समर्पित करेंगे। गोरखपुर में एम्स न केवल उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के जिलों बल्कि पड़ोसी बिहार और यहां तक कि नेपाल की भी सेवा करेगा। एक अधिकारिक विज्ञाप्ति के मुताबिक, एम्स को 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाया गया है। परिसर की आधारशिला प्रधानमंत्री द्वारा 22 जुलाई, 2016 को रखी गई थी। यह प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत स्थापित किया गया है, जिसके माध्यम से गुणवत्तापूर्ण तृतीयक स्तर की स्वास्थ्य सेवा की उपलब्धता में क्षेत्रीय असंतुलन को ठीक करने के लिए प्रधानमंत्री की दृष्टि के अनुसार संस्थान स्थापित किए जा रहे हैं।
पीएम मोदी गोरखपुर उर्वरक संयंत्र राष्ट्र को समर्पित करेंगे
एम्स, गोरखपुर में सुविधाओं में 750 बिस्तरों वाला अस्पताल, मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज, आयुष भवन, सभी कर्मचारियों के लिए आवासीय आवास, यूजी और पीजी छात्रों के लिए छात्रावास आवास आदि शामिल हैं। पिछले सात सालों में देश के अलग-अलग हिस्सों में 15 एम्स की स्थापना की घोषणा के जरिए पीएम ने इस विजन को आगे बढ़ाया है। प्रधानमंत्री गोरखपुर उर्वरक संयंत्र राष्ट्र को समर्पित करेंगे, जिसकी आधारशिला 22 जुलाई 2016 को उनके द्वारा रखी गई थी। यह 30 से अधिक वर्षों से बंद पड़ा है। इसे लगभग 8,600 करोड़ रुपये की लागत से पुनर्जीवित और बनाया गया है।यह क्षेत्र के समग्र आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगा।
लोकसभा चुनाव 2014 से पहले गोरखपुर में एक रैली में पीएम मोदी ने बंद गोरखपुर उर्वरक संयंत्र का मुद्दा उठाया था। पीएम बनने के बाद, उन्होंने बंद उर्वरक संयंत्रों के पुनरुद्धार की दिशा में काम किया और 2016 में गोरखपुर संयंत्र के पुनरुद्धार की आधारशिला रखी। इस सरकार ने गोरखपुर, बिहार में बरौनी, झारखंड में सिंदरी, तेलंगाना में रामागुंडम और ओडिशा में तालचेर नामक पांच उर्वरक संयंत्रों को पुनर्जीवित किया है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि इन पांच संयंत्रों में देश के कुल यूरिया उत्पादन को सालाना 60 लाख टन से अधिक बढ़ाने की क्षमता है। सरकार ने भारत में एक लचीला उर्वरक क्षेत्र की नींव को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं।