पीएम नरेंद्र मोदी माइक्रो क्रेडिट फाइनेंस कंपनी के समूह मेंबर्स को बांटेंगे रिक्शा, ट्राली, ठेला व ई रिक्शा

18 सितंबर को 602 लाभार्थियों को मिलेगा लाभ

VARANASI

पीएम नरेंद्र मोदी का रिक्शा, ट्रॉली और ठेला फ्री में नहीं बंटेगा। बल्कि इसे खरीदना होगा। जिन्होंने फाइनेंस के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है, उन्हें ही क्8 सितंबर को पीएम के हाथों रिक्शा, ट्रॉली व ठेला मिलेगा। यह हकीकत है कैंटोन्मेंट के मल्टी परपज ग्राउंड में बंटने वाले रिक्शा, ट्रॉली और ठेला प्रोग्राम का।

कहने को तो बनारस के सांसद व पीएम नरेंद्र मोदी गरीबों को इस दिन तोहफा देंगे। लेकिन ऐसा नहीं है। ये आयोजन मिर्जापुर निवासी व माइक्रो क्रेडिट फाइनेंस कंपनी के मालिक द्वारा किया गया है। आई नेक्स्ट की तफ्तीश में जो बात सामने आयी है उससे हम आपको रूबरू करा रहे हैं।

इनको मिलेगा लाभ

पीएम के हाथों मिलने वाला तोहफा सभी को नहीं मिलेगा। इसका लाभ उन्हीं को मिलेगा जिन्होंने रिक्शा, ट्रॉली, ठेला व ई-रिक्शा के लिए लोन लिया हुआ है। यह लोन भारतीय माइक्रो क्रेडिट फाइनेंस नामक कंपनी ने प्रोवाइड कराया है। लखनऊ में हेड क्वॉर्टर वाली क्रेडिट फाइनेंस कंपनी के ओनर पड़ोसी डिस्ट्रिक्ट मिर्जापुर के रहने वाले हैं। इनकी कंपनी की एक ब्रांच बनारस के कंछवा में भी है। जहां से मुहल्ले-मुहल्ले व गांव-गांव में बने कमजोर व गरीब लोगों के समूहों को लोन दिया जाता है। जिससे समूह के लोग अपना रोजी रोजगार करते हैं। जिसमें रिक्शा, ट्रॉली, ठेला व ई-रिक्शा भी शामिल है। इसके तहत रिक्शा, ट्रॉली, ठेला व ई-रिक्शा चाहने वाले कंपनी से फाइनेंस कराते हैं।

भ्0क् का हुआ सेलेक्शन

मल्टीपरपज ग्राउंड में भ्0क् लोगों को रिक्शा, ट्रॉली व ठेला मिलेगा। इसके लिए कंपनी ने अपने कछवां, रोहनियां, हरहुआ व आशापुर में बने समूहों से लोगों का चयन किया है। इन समूहों में शामिल जिन लोगों ने रिक्शा, ट्रॉली व ठेला के अलावा ई-रिक्शा लोन पर लेने के लिए अप्लाई किया था उन्हें ही पीएम के प्रोग्राम में बुलाया गया है। हालांकि कंपनी के एक ऑफिसर के अनुसार बीएमसी का ब्रांच सोनभद्र, मिर्जापुर, मऊ, लखनऊ, भोपाल सहित अन्य सिटीज में भी है। इन सिटीज के समूहों से जुड़े लोगों को भी इस प्रोग्राम में पीएम के हाथों रिक्शा, ट्रॉली, ठेला व ई-रिक्शा दिया जाएगा। इस सवाल पर वो चुप्पी साध गए। काफी कुरेदने के बाद भी उन्होंने मुंह नहीं खोला। उधर कंपनी ने ई-रिक्शा को अलग रखा है। बताया कि प्रोग्राम में क्0क् लोगों को ई-रिक्शा दिया जाएगा। इसके लिए लाभार्थियों का सेलेक्शन किया है।

दस-दस का बना है समूह

कंपनी से रिक्शा, ट्रॉली, ठेला व ई-रिक्शा प्राप्त करने के लिए दस-दस का ग्रुप होना जरूरी है। दस के समूह वालों को ही कंपनी ने फाइनेंस किया है। कंपनी के एक ऑफिसर के मुताबिक इस ग्रुप में एक को हेड बनाया गया है। जो अपने समूह का लीडर होता है। जिसके कंधे पर समूह के मेंबर्स की जिम्मेदारी होती है। किसी मेंबर के डिफाल्टर होने पर सारी जिम्मेदारी हेड की होती है। वही कंपनी के लोगों से संपर्क में रहता है।

Posted By: Inextlive