अमेरिका पहुंचकर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शनिवार को संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा को संबोधित करेंगे. गौरतलब है कि संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा को नरेंद्र मोदी पहली बार संबोधित करेंगे. प्रधानमंत्री के इस संबोधन पर पूरे विश्‍व की नजर होगी.

मोदी की स्पीच के इंतजार में है हर देश  
भारत में एक मजबूत सरकार का गठन होने के बाद से पूरे विश्व की नजर यूं भी भारत पर है. प्रधानमंत्री मोदी की कार्यशैली उन्हें एक दृढ़प्रतिज्ञ व्यक्ति के रूप में प्रस्तुत करती है. यही वजह है कि दुनिया का हर देश उन्हें गौर से सुनना और समझना चाहता है. यहां यह भी गौर करने वाली बात है कि प्रधानमंत्री ने अपने पड़ोसियों के साथ रिश्ते सुधारने के लिए जिस प्रकार की पहल की है, उससे दक्षिण-एशिया की राजनीति पर काफी असर पड़ सकता है.
देंगे जवाब कि क्यों अहम है भारत विश्व के लिए
अपने संबोधन के दौरान नरेंद्र मोदी भारत देश की सोच को स्थापित करेंगे और यह बताने की कोशिश करेंगे कि आज भारत विश्व के लिए क्यों महत्वपूर्ण है. वे पूरे विश्व को यह बताने का प्रयास करेंगे कि भारत को दरकिनार करके या उसे कमतर आंक कर आज विश्व आगे नहीं बढ़ सकता है.
कश्मीर मामले का आज मिलेगा करारा जवाब
कल पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र महासभा के सामने कश्मीर का मुद्दा उठाया. भारत हमेशा यह कहता आया है कि कश्मीर मुद्दे में किसी मध्यस्थ की जरूरत नहीं है, क्योंकि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. नवाज शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर का मामला उठाकर भारत को एकबार फिर छेड़ दिया है, जिसका जवाब उसे आज मोदी के भाषण में मिलेगा.
भौगोलिक स्थिति से समझौता मंजूर नहीं
शरीफ के बयान के बाद भारत की ओर से यह कहा गया है कि पाकिस्तान को करारा जवाब संयुक्त राष्ट्र के मंच से ही मिलेगा. भारत सरकार अपनी भौगोलिक स्थिति पर किसी तरह का समझौता करने को तैयार नहीं है. इस बात का संकेत भारत ने हाल में तब भी दिया, जब चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भारत दौरे पर आये थे. उस वक्त भारत की ओर से यह कहा गया था कि सीमा पर शांति के बाद ही दोनों देशों के संबंध सुधर सकते हैं.
गांधी और नेहरु के रास्ते पर मोदी
आजादी से पहले महात्मा गांधी और पंडित जवाहर लाल नेहरु ने अंग्रेजी का सहारा लेकर पूरे विश्व को भारत के सोच और स्थिति से अवगत कराया था, लेकिन अब परिस्थितियां काफी बदल गईं हैं. आज पूरे विश्व में हिंदी चौथी ऐसी भाषा है जिसे जानने और समझने वाले लोग सबसे ज्यादा हैं. इस स्थिति में नरेंद्र मोदी इस कोशिश में है कि वे हिंदी में बोलकर उन लोगों तक पहुंचे, जो हिंदी जानते और समझते हैं. हिंदी में संयुक्त राष्ट्र को संबोधित करके मोदी भारत को आत्मविश्वास से लबरेज भी दिखाना चाहते हैं. वे विश्व को यह बताना चाहते हैं कि भारत एक ऐसा देश है, जो पूरी तरह से समर्थ है.
भाषण की हेडफोन से अंग्रेजी अनुवाद की व्यवस्था भारत की ओर से
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा को आज हिंदी में संबोधित करेंगे. संयुक्त राष्ट्र महासभा को उनसे पहले अटल बिहारी वाजपेयी और पीवी नरसिम्हा राव हिंदी में संबोधित कर चुके हैं. ऐसा पहली बार हो रहा है कि हिंदी में दिए गए भाषण को वहां उपस्थित लोग लाइव अंग्रेजी में हेडफोन की सहायता से सुन सकेंगे. यह व्यवस्था भारत की ओर से की गई है. गौरतलब है हिंदी संयुक्त राष्ट्र की ऑफिसियल भाषा में शामिल नहीं है, जिसके कारण उसका तुरंत अनुवाद नहीं हो पाता था, लेकिन इस बार तत्काल अनुवाद की व्यवस्था की गई है.
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से भी करेंगे बातचीत  
प्रधानमंत्री अपनी पांच दिवसीय अमेरिका यात्रा पर अभी न्यूयार्क में हैं. अपने इस दौरे के दौरान वे अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से भी बातचीत करेंगे और उन्हें भारत के सोच से अवगत कराएंगे.

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Posted By: Ruchi D Sharma