होम मिनिस्‍टर राजनाथ सिंह समेत तीन मंत्रियों के अपने पर्सनल सेक्रेटरी नियुक्त करने संबंधी निर्णय को प्राइम मिनिस्‍टर ऑफिस ने ठंडे बस्‍ते में डाल दिया है.


कार्मिक विभाग के सर्कुलर के मद्देनजर उठाया कदमकार्मिक विभाग ने एक सर्कुलर जारी कर कहा था कि मंत्रियों के पर्सनल सेक्रेटरी और ओएसडी (ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी) व निजी कर्मचारियों की नियुक्ति की कैबिनेट की नियुक्ति समिति से मंजूरी मिलनी चाहिए. कहा जा रहा है कि पीएमओ ने इसी सकुर्लर के मद्देनजर यह कदम उठाया है.होम मिनिस्टर समेत तीन मंत्रियों पर्सनल सेक्रेटरी होने थे नियुक्तपीएमओ ने होम मिनिस्टर राजनाथ सिंह समेत तीन केंद्रीय मंत्रियों के पर्सनल सेक्रेटरी की नियुक्ति को ठंडे बस्ते में डाला है. होम मिनिस्टर ने यूपी के आलोक सिंह का नाम प्रस्तावित किया था. आलोक सिंह 1995 बैच के यूपी कैडर के प्रशासनिक अधिकारी हैं. वह इससे पहले यूपीए के शासन काल में फॉरेन मिनिस्टर सलमान खुर्शीद के पर्सनल सेक्रेटरी रह चुके हैं.


मिली जानकारी के अनुसार, आलोक ने अनआफिशियली राजनाथ के पर्सनल सेक्रेटरी का कामकाज भी संभाल लिया था. पर पीअमओ के हाल के इंस्ट्रक्सन के बाद इसपर रोक लगने की संभावना है.इनका भविष्य भी अधर मेंइसके अलावा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरन रीजीजू और विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह के पर्सनल सेक्रेटरी अभिनव कुमार और राजेश कुमार का भविष्य भी अधर में लटक गया है. किसी भी मंत्री की अपनी मर्जी नही चलेगी

राजनाथ सिंह के अलावा नजमा हेपतुल्ला, रविशंकर प्रसाद, स्मृति ईरानी और कई अन्य मंत्रियों को भी अपना पसंदीदा निजी सचिव नहीं मिल पा रहा है. सूत्रों के अनुसार, पीएमओ यूपीए के समय में पर्सनल सेक्रेटरी के तौर पर काम कर चुके अफसरों को दोबारा रखने के पक्ष में नहीं है.सांसदों को भी मोदी का विशेष निर्देशइससे पहले भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सभी सांसदों को इंस्ट्रक्सन दिया था कि वो अपने संसदीय क्षेत्र के प्रतिनिधि के रूप में अपने रिश्तेदारों की नियूक्ति ना करें. मोदी के इस इंस्ट्रक्सन को फॉलो न करते हुए बाराबंकी की सांसद प्रियंका सिंह रावत ने अपने पिता को अपने संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधि बना लिया था पर मोदी के हस्तक्षेप के बाद उन्हें अपना निर्णय बदलना पड़ा.

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari