लाहौर से शुरू हुआ था पंजाब नेशनल बैंक, जानें घोटाले में फंसे बैंक की पूरी कहानी
इंडियन कंपनी एक्ट में पंजीकरण, 1894 में शुरू हुआ है बैंकलाला लाजपत राय चाहते थे कि अपने राष्ट्र का एक बैंक हो जिसका फायदा भारतीयों को मिले। क्योंकि उस टाइम जो बैंक थे वे अंग्रेजों के थे और वे भारतीयों को भारतीयों को जमा पर थोड़ा ब्याज तो देते थे लेकिन मोटा मुनाफा खुद ले जाते थे। राष्ट्र सम्मान और स्वदेशी आंदोलन के तहत एक बैंक स्थापित करने का निर्णय लिया गया। 19 मई, 1894 को इंडियन कंपनी एक्ट के तहत पंजाब नेशनल बैंक का पंजीकरण किया गया। इसका कार्यालय वर्तमान पाकिस्तान के लाहौर शहर के अनारकली बाजार में खोला गया। आम लोगों के लिए 12 अप्रैल, 1895 को बैंक खोल दिया गया।
पीएनबी ने लाहौर के बाहर अपनी पहली ब्रांच 1900 में कराची और फिर पेशावर में खोला गया। भारत के बाहर बैंक की शाखाएं यूके, हांगकांग, कोलून, दुबई, काबुल तक फैली हैं। इसके अलावा बैंक की उपस्थिति कजाकिस्तान, संयुक्त अरब अमीरात, चीन, नार्वे और आस्ट्रेलिया में भी है। भूटान स्थित ड्रक पीएनबी बैंक में 51 फीसदी हिस्सेदारी है। इस बैंक की 5 शाखाएं हैं। नेपाल में एवरेस्ट बैंक लिमिटेड में पीएनबी की 20 फीसदी हिस्सेदारी है। इस बैंक की 50 शाखाएं हैं। इसके अलावा कजाकिस्तान में जेएससी (एसबी) पीएनबी में पंजाब नेशनल बैंक की 84 प्रतिशत हिस्सेदारी है। 31 मार्च, 2017 तक बैंक के कुल 6937 ब्रांच थे।
31 दिसंबर, 2013 में बैंक द्वारा घोषित आंकड़ों के अनुसार, पीएनबी में भारत सरकार की 58.87 प्रतिशत, विदेशी संस्थागत निवेशक यानी एफआईआई के 17.51 प्रतिशत, इंश्योरेंस कंपनियों के 15.46 प्रतिशत, व्यक्तिगत शेयरधारक 4.05 प्रतिशत, बैंक/वित्तीय संस्थान/म्यूचुअल फंड/यूटीआई के 3.02 प्रतिशत और अन्य की 1.9 प्रतिशत हिस्सेदारी है। मार्च 2016 तक बैंक में कुल 70801 कर्मचारी कार्यरत थे। बैंक के 8 करोड़ से ज्यादा ग्राहक हैं। बैंक के 764 शहरों में 10681 एटीएम हैं।