आई ब्रेकिंग

-बाजार में अचानक दो रुपए किलो तेज हो गई चीनी

-जनता की जेब पर साढ़े तीन लाख रुपए प्रतिदिन का बोझ

-नया पेराई सत्र शुरू होने तक राहत की उम्मीद नहीं

Meerut। चीनी कम है, चीनी कम 2007 में रिलीज हुई फिल्म चीनी कम का टाइटल सांग एक बार फिर प्रासंगिक हो चला है। वजह चीनी का भाव है। दो रुपए की तेजी के साथ रिटेल में चीनी का भाव 42 रुपए प्रति किलो गया है, जिसके कुछ दिनों बाद 45 रुपए होने की आशंका है। इस बढ़ोतरी ने मेरठ में जनता की जेब पर लगभग साढ़े तीन लाख रुपए प्रतिदिन का बोझ डाला है। सर्जिकल स्ट्राइक के बाद चाइनीज सामान के बहिष्कार के स्वर तीखे हो रहे हैं, वहीं शुगर पेशेंट्स को भी डॉक्टर की सलाह रहती है चीनी कम।

चुनावी कनेक्शन

चुनाव जब भी आते हैं तो चीनी का भाव आसमान चढ़ने की कोशिश करता है। पिछले लोक सभा चुनाव के दौरान भाजपा का 'चाय पर चर्चा' कार्यक्रम फेमस रहा था तो चुनाव से पहले बाजार में चीनी का भाव भी 48-50 रुपए किलो तक पहुंच गया था। अब विधान सभा चुनाव नजदीक हैं तो चीनी एक बार फिर भाव खा रही है। एडवोकेट सतीश कुमार मानते हैं कि चुनावी चंदे का बड़ा हिस्सा चीनी मिलों से लिया जाता है, इसलिए जनता की जेब पर भार पड़ना लाजमी है।

आशंका से घिरा बाजार

बाजार में दिसंबर तक चीनी का भाव 45-47 रुपए प्रति किलो होने की आशंका है। किराना व्यापारी हरीश कुमार बताते हैं कि पिछले साल दिवाली में चीनी का भाव 28 रुपए किलो था, जो अब 42 रुपए किलो तक पहुंच गया है। थोक बाजार में चीनी का भाव 40 रुपए किलो हो गया है। किराना व्यापारी अजय केडिया के अनुसार बहुत जल्द 2 रुपए किलो का एक और उछाल चीनी में दर्ज किया जाएगा।

व्यापारियों को पहुंच के साथ चीनी 41 रुपए किलो पड़ रही है, जिसे 42 रुपए किलो के भाव से बेचा जा रहा है। नया पेराई सत्र शुरू होने पर ही जनता को कुछ राहत मिल सकती है।

-अजय केडिया, व्यापारी

चीनी के रेट लगातार आसमान छू रहे हैं। पिछले दो सालों में चीनी के रेट बहुत तेजी से बढ़े हैं। इससे घरेलू बजट पर बड़ा प्रभाव पड़ा है।

-प्रदीप राजा, पल्लवपुरम

सरकार का चीनी के भाव पर कोई कंट्रोल नहीं है। आम आदमी का रोजमर्रा का जीवन कष्टदायी होता जा रहा है। चीनी के रेट लगातार बढ़ रहे हैं।

-सुनील शर्मा, बच्चा पार्क

चीनी के भाव लगातार बढ़ ही रहे हैं। एक साल में लगभग 14 रुपए की वृद्धि दर्ज की गई है। 42 रुपए किलो की चीनी खरीदने में वाकई आम जनता को दिक्कत हो रही है।

-शिवम रस्तोगी, बुढ़ाना गेट

बाजार में घाटे की दिवाली

सर्जिकल स्ट्राइक के बाद चीन का विरोध तेज हुआ है। ऐसे में चाइनीज सामान की सेल में 60 प्रतिशत तक गिरावट आई है। नतीजा यह है कि व्यापारियों को अपना स्टॉक निकालने में खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। ऐसे में अधिकांश व्यापारी इंडियन सामान को तरजीह दे रहे हैं।

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प्रतिदिन लाखों का चूना

34,43,689 मेरठ की आबादी

50 ग्राम प्रतिदिन प्रति व्यक्ति चीनी की खपत

172.184 मीट्रिक टन प्रतिदिन चीनी की खपत

रु 68,87,360 का खर्च 40 रुपए के भाव से

रु 72,31,728 का खर्च 42 रुपए के भाव से

रु 3,44,368 प्रतिदिन जनता की जेब पर अतिरिक्त बोझ

रु 28 प्रति किलोग्राम चीनी का भाव था अक्टूबर 2015 में

Posted By: Inextlive