- पुलिस ने पोक्सो एक्ट की धारा भी आरोपियों पर बढ़ाई

- भाई ने ही अपहरण कर मांगी थी दो करोड़ रुपये की फिरौती

Meerut: अतिशय के अपहरणकर्ताओं प्रतीक, तुषार और आस्था विस्वास को को सोमवार सुबह पुलिस ने मेडिकल के बाद कोर्ट में पेश किया। आरोपियों पर पोक्सो एक्ट लगाए जाने के कारण अपर जिला जज/पोक्सो एक्ट की कोर्ट में पेश किया गया। आरोपियों पर पुलिस पार्टी पर फाय¨रग करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है। दोनों मामलों में अपहर्ताओं को जेल भेजा गया है।

फुफेरे भाई को किया अगवा

अतिशय का अपहरण उसी के फुफेरे भाई प्रतीक ने साथी तुषार और आस्था के साथ मिलकर किया था। इस पूरे प्रकरण में दो करोड़ रुपये की फिरौती की मांग की गई थी। पुलिस ने शनिवार देररात को तुषार, प्रतीक जैन और आस्था विश्वास को गिरफ्तार किया था। आरोपियों की निशानदेही पर फिरौती के रूप में वसूली गई रकम और अतिशय को गुड़गांव से बरामद कर लिया गया। फिरौती के लिए अपहरण का मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस ने अपनी ओर से ही टीपीनगर थाने में एक और मुकदमा पुलिस पार्टी पर कातिलाना हमले का दर्ज किया। इसके अलावा अपहरण वाले मामले में पुलिस ने पोक्सो एक्ट को बढ़ाया है। सोमवार को तीनों अपहर्ताओं का जिला अस्पताल में मेडिकल कराया गया। पुलिस ने अतिशय का भी मेडिकल कराया और रिपोर्ट केस में संलग्न की। इसके बाद तीनों आरोपियों को अपर जिला जज कोर्ट-12/पोक्सो कोर्ट उत्कर्ष चतुर्वेदी की कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने आरोपियों का दोबारा मेडिकल कराकर जेल भेजने का आदेश दिया। इसके बाद आरोपियों को अपहरण और कातिलाना हमले के प्रकरण में एसीजेएम-कोर्ट संख्या 8 में पेश किया गया। यहां सुनवाई नहीं हुई तो एसीजेएम-10 योगेश कुमार की कोर्ट में पेश किया गया। यहां से कोर्ट ने आरोपियों को जेल भेज दिया।

गुनाह हो गया: प्रतीक

भाई के ही अपहरण का प्लान क्यों बनाया? प्रतीक से जब यह पूछा तो वो बोला कि 'गुनाह हो गया.' बहक गया था और मोटी रकम की चाह में गलती कर बैठा। सजा तो मिलनी ही थी। अपना जुर्म भी प्रतीक ने कबूल किया और बताया कि अतिशय को वही उठाकर ले गया था।

बेखौफ थे आरोपी

प्रतीक और तुषार दोनों कचहरी में बेखौफ से थे। पुलिस से हुई मुठभेड़ में दोनों को चोट जरूर आई थी, लेकिन माथे पर शिकन नहीं थी। उल्टा कोर्ट में उन्होंने अपना वकील भी खड़ा किया था। जब सवाल जवाब हो रहे थे तो भी प्रतीक साफ-साफ जवाब दे रहा था।

एसएसपी ने मिले अतिशय के चाचा

सकुशल वापसी पर सोमवार को अतिशय के चाचा मयंक जैन ने एसएसपी दिनेश चंद्र दूबे से मुलाकात कर उन्हें बधाई दी। मयूर ने कहा कि पुलिस की मुस्तैदी और सूझ-बूझ से ही अगवा अतिशय जैन की जान बस सकी। अगर पुलिस लापरवाही बरतती तो अनहोनी हो सकती थी। मयूर जैन ने कहा कि जिस तरह से हम अपने भतीजे की तलाश में इधर-उधर भागदौड़ कर रहे थे, उसी प्रकार पुलिस अधिकारी और कर्मचारी भी अतिशय की बरामदगी को हर फॉर्मूले पर एक-एक कदम सोच-समझकर उठा रहे थे। जैन ने कहा कि अतिशय के परिजन पुलिस के अधिकारी और कर्मचारियों को सम्मानित करने का निर्णय लिया है।

एसएसपी का सम्मान

अतिशय जैन की सकुशल बरामदगी मेरठ पुलिस के लिए बड़ा गुडवर्क है सीएम अखिलेश यादव, डीजीपी जावीद अहमद की ओर से एसएसपी दिनेश चंद्र दूबे और टीम को सम्मानित करेंगे। बता दें कि 1999 के बाद सूबे के किसी डीजीपी ने मेरठ के प्रकरण पर प्रेसवार्ता की है।

Posted By: Inextlive