- शनिवार के मुकाबले एक्यूआई स्तर में 22 अंकों की आई गिरावट

- संडे का असर या जिम्मेदारों की मेहनत रंग लाई, सोमवार शाम पता चलेगा सच

LUCKNOW लखनऊ की हवा में घुले जहर की स्थिति में कुछ सुधार तो हुआ है लेकिन इसे बहुत बेहतर नहीं माना जा सकता है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की ओर से संडे शाम जो आंकड़े जारी किए गए, उसमें लखनऊ की स्थिति शनिवार के मुकाबले सुधरी है। शनिवार को जहां एक्यूआई स्तर 422 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर था, वहीं संडे को 400 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर दर्ज किया गया, जो शनिवार के मुकाबले 22 अंक कम है। संडे को भी एलडीए और नगर निगम टीमों की ओर से सड़कों और पेड़ों पर पानी का छिड़काव कराया गया।

असली तस्वीर आज सामने आएगी

संडे होने से रोड पर व्हीकल लोड भी कम था। इसके साथ ही पानी का छिड़काव भी कराया गया। जिससे एक्यूआई स्तर में गिरावट आई। हालांकि सोमवार को जब सभी ऑफिस खुलेंगे और व्हीकल लोड बढ़ेगा, ऐसे में एक बार फिर से पॉल्यूशन ग्राफ बढ़ने की आशंका है।

शाम को चली तेज हवा

संडे शाम तेज हवा चलने से पॉल्यूशन के लेवल में कमी आ सकती है। विशेषज्ञों की माने तो अभी जो पॉल्यूशन का ग्राफ बढ़ रहा था, उसकी प्रमुख वजह बादलों का छाया रहना और हवा का न चलना था। विशेषज्ञों ने पहले ही स्पष्ट किया था कि अगर हवा चलती है तो इसका सीधा असर पॉल्यूशन के ग्राफ पर पड़ेगा। सोमवार शाम जब सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की ओर से आंकड़े जारी किए जाएंगे, तब सही तस्वीर साफ हो सकेगी।

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एक्यूआई स्तर एक नजर में

शहर एक्यूआई स्तर

लखनऊ 400

दिल्ली 494

गाजियाबाद 491

ग्रेटर नोएडा 482

नोएडा 495

आगरा 293

कानपुर 383

मेरठ 445

(एक्यूआई स्तर माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर में हैं)

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गोमती नगर में हालात खराब

पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के आंकड़ों से साफ है कि गोमती नगर में एक बार फिर पॉल्यूशन का ग्राफ बढ़ा है। संडे को गोमतीनगर में एक्यूआई स्तर 424 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर दर्ज हुआ। सेंट्रल स्कूल अलीगंज के आसपास 356 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर तथा तालकटोरा में 419 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर दर्ज किया गया। शनिवार को तालकटोरा में सर्वाधिक एक्यूआई स्तर दर्ज हुआ था। लालबाग का भी एक्यूआई स्तर 400 के आसपास रहा।

इस तरफ भी दें ध्यान

नगर निगम कर्मचारी हर वार्ड में सफाई व्यवस्था बेहतर बनाए रखने के लिए डेली सुबह झाड़ू लगाते हैं। जिससे देखने में आ रहा है कि झाड़ू लगाने के दौरान धूल उड़ती है, जिससे पॉल्यूशन के ग्राफ पर असर पड़ सकता है। निगम प्रशासन को ध्यान देना चाहिए कि पानी के छिड़काव के बाद ही झाड़ू लगाई जाए।

Posted By: Inextlive