7 दिन और सांसों में घुलेगा जहर
- लगातार तीसरे दिन शहर की हवा सामान्य से कहीं ज्यादा प्रदूषित रही
- वेडनेसडे को शहर में एक्यूआई 350 रिकॉर्ड किया गया बरेली : दिवाली के बाद से सिटी सहित पूरे जिले में स्मॉग ने लोगों का सांस लेना मुश्किल कर दिया है। लगातार तीसरे दिन शहर की हवा सामान्य से कहीं ज्यादा प्रदूषित रही। वेडनेसडे को शहर में एक्यूआई 350 रिकॉर्ड किया गया। इसके बावजूद शहर की सरकार ने स्मॉग से निपटने के लिए अब तक कोई कदम नहीं उठाया है। पर्यावरणविदों का कहना है कि बरेली के वातावरण में यह स्मॉग अभी सात दिन और छाया रहेगा।वेडनेसडे को पूरे दिन शहर के आसमान पर स्मॉग की इतनी घनी चादर थी कि सूर्य के दर्शन तक नहीं हुए। लोग मास्क लगाकर मॉर्निग वॉक पर निकले। स्मॉग के कारण लोगों को हो रही दिक्कतों का नगर निगम पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। अब तक न कहीं पानी छिड़काव हुआ है और न ही कोई दूसरे ठोस इंतजाम किए गए हैं। नगर निगम पूरी तरह से मौसम पर निर्भर होकर बैठा है।
डीडीपुरम और चौपुला इलाकों में पीएम 2.5 और 10 की मात्रा सामान्य से कई गुना तक बढ़ गई है। जो बहुत ही खतरनाक है। डीडीपुरम में वेडनेसडे को जहां पीएम 2.5 की मात्रा 297, वहीं चौपुला में 281 दर्ज की गई। सिटी में जिस तरह से पीएम 2.5 की मात्रा बढ़ रही है, उससे स्वस्थ लोग भी बीमार हो रहे हैं। सांस की बीमारी से पीडि़त लोगों के लिए यह और भी खतरनाक है।
क्या होते हैं पीएम 2.5 - पीएम 2.5 खुली आंखों से नहीं दिखाई देते हैं। - ये गैस के रूप में होते हें और सांस लेने के दौरान फेफड़ों में चले जाते हैं - इससे खांसी और अस्थमा के दौरे तक पड़ सकते हैं - हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक और कई अन्य गंभीर बीमारियों का खतरा बना रहता है - ऐसे माहौल में रहने से यह रोज 17 से 18 सिगरेट पीने के समान है ------------------------- प्रदूषण की बड़े कारण सड़कों पर उड़ रही धूल शहर में कई प्रमुख सड़कों पर मेंटिनेंस और सीवर लाइन की खुदाई का काम कई दिनों से चल रहा है। खुदाई में निकली मिट्टी सड़क किनारे डाल दिया गया है। वाहनों के आने जाने से मिट्टी उड़ रही है। यह सिलसिला काफी दिनों से जारी है। इन एरिया में नगर निगम की ओर से अब तक पानी का छिड़काव भी नहीं कराया गया है।जलाया जा रहा कूड़ा
शहर में नगर निगम की ओर से कई जगह कूड़ेदान तो रखवा दिए गए हैं, लेकिन समय से कूड़ा नहीं उठाए जाने से यह जमा हो गया है। ऐसे में लोग इसमें आग लगा दे रहे हैं। इससे भी शहर की आबो-हवा जहरीली हो रही है।
लगातार जनरेटरों का चलना सभी कॉमर्शियल बिल्डिंग और घरों में लोगों ने सुविधाओं के लिए बड़े-बड़े जनरेटर लगवा लिए हैं, जिससे निकलने वाला धुंआ एयर क्वालिटी इंडेक्स का ग्राफ बढ़ा रहा है। लेकिन पॉल्यूशन डिपार्टमेंट ने एक बार भी इस ओर ध्यान नही दिया। ---------------------- कहां कितना रहा एक्यूआई स्थान - पीएम 2.5 - पीएम 10 मॉडल टाउन - 240 - 300 रामपुर गार्डन - 250 - 350 डीडीपुरम - 297 - 592 श्यामगंज - 246 - 441 चौपुला - 281 - 572 ----------------- एक्यूआई का मानक सामान्य : 50 से 100 मीडियम : 101-200 खराब : 201 से 300बेहद खराब : 301-400
खतरनाक : 401-500 --------------- कैसे छटेगा स्मॉग पर्यावरणविद् डॉ आलोक खरे की माने तो हवा का न चलना और दिवाली पर भारी मात्रा में आतिशबाजी के चलते स्मॉग की समस्या बनी हुई है। अगर इस दौरान बारिश हो जाती है तो स्मॉग छट जाएगा। मॉर्निग वॉक पर जाने से पहले रखें ध्यान - मॉर्निग वॉक पर जाने से पहले कुछ न कुछ जरूर खाएं - मास्क या रूमाल लगाकर ही टहलने निकलें क्योंकि यह काफी हद तक प्रदूषण के असर को कम कर देता है। - पार्क में यह देख लें की ओस पड़ी है या नहीं। ओस पड़ने के बाद ही टहलें क्योंकि ओस प्रदूषण की एक परत को खत्म कर देती है। - खाने में पौष्टिक आहार लें। खूब पानी पिएं। इससे प्रदूषण के हानीकारक तत्व शरीर से बाहर निकल जाते हैं। ------------------- वर्जन अक्सर दिवाली के समय पर ही लोग पराली में भी आग भी लगा देते हैं जो कि स्मॉग का सबसे बड़ा कारण बनता है। इस जहरीले स्मॉग से बचने के लिए घर से बाहर निकलते ही मुंह पर मास्क लगाकर निकलें। डॉ। राजेश अग्रवाल, प्रेसिडेंट आईएमए।