हाल में पकड़े गए बदमाशों से पुलिस की पूछताछ में हुआ खुलासा

पुलिस के साथ-साथ डीसीआरबी तैयार कर रही रजिस्टर

रजिस्टर में दर्ज होगी फरारी काटने वाली लोकेशंस

Meerut। मेरठ के क्रिमिनल्स क्राइम करने के बाद पुलिस से बचने के लिए उत्तराखंड, हिमाचल और नेपाल सेफ डेस्टिनेशन मानते हैं। दरअसल, इसका खुलासा हाल ही में पकड़े गए कुख्यात बदमाशों से पूछताछ में हुआ है। पुलिस ने इस बात को सीरियस नोट पर लेकर इस बाबत रिकॉर्ड मेंटेन करना भी शुरू कर दिया है। इतना ही नहीं पुलिस के साथ-साथ डीसीआरबी (डिस्ट्रिक्ट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो) को भी हर बदमाश का रिकॉर्ड मेंटेन करने के साथ उनकी फरारी वाली लोकेशन रजिस्टर में दर्ज करने की जिम्मेदारी दी गई है। सूत्रों की मानें तो इसका उद्देश्य बदमाशों को ट्रैक करने वाले सिस्टम को मजबूत करना है।

क्या है ट्रैकिंग सिस्टम

दरअसल, सूत्रों की मानें तो किसी भी वारदात के बाद पुलिस बदमाशों को सर्विलांस के जरिए ही ट्रैक करने की कोशिश करती है। अगर बदमाश का सारा रिकॉर्ड पुलिस के पास मेंटेन होगा तो उसके सेफ डेस्टिनेशन भी पुलिस की रडार में होंगे और उसे पकड़ने में पुलिस को कड़ी मशक्कत नही ंकरनी पड़ेगी। कुछ पुलिस अधिकारियों ने नाम ने छापने की शर्त पर बताया कि ज्यादातर बदमाश अपनी पुरानी और सेफ मानी जाने वाली लोकेशंस पर फरारी काटते हैं। नए ठिकाने पर नेटवर्क बनाने में समय लगने के साथ ही पकड़े जाने का डर भी बना रहता है।

तैयार हो रहा रिकार्ड

पुलिस के साथ-साथ डीसीआरबी ने फरारी काटने वाले बदमाशों का रिकार्ड तैयार करना शुरू कर दिया है। अभी हाल ही जो बदमाश पकड़े गए हैं उन्होंने देहरादून, मंसूरी, शिमला और नेपाल में फरारी काटी थी। जिसके बाद पुलिस ने उनके फरारी काटने वाली हर लोकेशन को वैरीफाई कर रजिस्टर में रिकॉर्ड कर लिया है। ताकि भविष्य में जमानत पर छूटने के बाद बदमाश कोई क्राइम करे तो उसके पहले वाले हर ठिकाने की रैकी पुलिस के लिए आसान होगी।

उत्तराखंड़ में काटी फरारी

पुलिस के मुताबिक गत दिनों एनकाउंटर में मारे गए डेढ़ लाख के ईनामी शिव उर्फ नायडू के दाएं हाथ रवि मलिक उर्फ भूरा को कुछ दिन पहले मुठभेड़ में गिरफ्तार कर लिया था। रवि मलिक उर्फ भूरा ने अपनी फरारी उत्तराखंड के मंसूरी में काटी थी।

वहीं रवि मलिक के दो साथी पिंटू बंगाली और नितिन सैदपुरिया जो फरार हैं, उनकी लोकेशन भी पुलिस को उत्तराखंड में मिली है। पुलिस इनकी तलाश करने में जुटी है।

वहीं गैंग का मुखिया नायडू एनकाउंटर में मारा गया था, उसने भी करीब 10 दिन की फरारी उत्तराखंड में काटी थी।

24 जनवरी को मेरठ की साइबर क्राइम की टीम ने पांच बदमाश प्रमोद यादव, भूरा, अरविंद त्यागी, मैनपाल, अतीत उर्फ बब्लू को गिरफ्तार किया था। इन आरोपियों ने भी अपनी फरारी उत्तराखंड में काटी थी।

सेंट्रल मार्केट में रतिराम अनिल कुमार ज्वैलर्स के यहां करोड़ों रूपये की सोने चांदी के जेवरात लूट लिए थे। 16 जनवरी को पुलिस ने घटना का खुलासा चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने पड़ताल में सामने आया था कि सभी आरोपियों ने अपनी फरारी देहरादून, शिमला, जम्मू, विजयवाड़ा, जयपुर, बंगलुरू और अमृतसर में फरारी काटी थी।

बदमाश क्राइम करने के बाद उत्तराखंड, शिमला और अन्य जगह पर फरारी काटता है। अब पुलिस के साथ-साथ डीसीआरबी हर बदमाश की फरारी काटने वाली जगह का रिकॉर्ड मेंटेन करेगी।

डॉ। अखिलेश नारायण सिंह, एसपी सिटी, मेरठ

Posted By: Inextlive