- अशरफ गंगा प्लाजा में भी कर चुका है फायरिंग

- आईआईएमटी ने भी नहीं कराई कोई रिपोर्ट दर्ज

Meerut : आईआईएमटी में सपा कार्यकर्ताओं की गुंडई पर खाकी भी बैकफुट पर आ गई। पकड़े गए 9 आरोपियों पर तमंचा बरामद करने की धारा लगाकर जेल भेज दिया, जबकि हमलावरों ने खुलेआम कैंटीन में दहशत फैलाई। छात्रों को जान से मारने की धमकी तक दी गई। नेताओं के कॉल करने के बाद ही पुलिस ने कार्रवाई से हाथ पीछे खींचे हैं। पुलिस का तर्क है कि कॉलेज की ओर से अभी तक कोई तहरीर नहीं दी गई है। वहीं अभी तक फरार आरोपियों को चिह्नित तक नहीं किया गया, जबकि पकड़ा गया अशरफ अब्बास पहले भी गंगा प्लाजा पर फायरिंग कर दहशत फैला चुका है।

की थी फायरिंग

सरधना के खिर्वा जलालपुर निवासी अशरफ अब्बास बेगमपुल स्थित गंगा प्लाजा में फाइनेंसर का काम करता है। साथ ही आईआईएमटी से एलएलबी का कोर्स कर रहा है। सोमवार को आईआईएमटी की कैंटीन में छात्रा के साथ सहपाठी विशाल ने उसकी मोबाइल से फोटो खींच ली थी, जिसे लेकर विवाद हो गया था। उसी का बदला लेने के लिए अशरफ अब्बास अपने दो भाईयों समेत तीस युवकों के साथ तीन सफारी में भरकर आईआईएमटी में पहुंचे थे। वहां पर हथियार लहराते हुए जमकर बवाल काटा।

गिरफ्तारी के बाद पुलिस बैकफुट पर

पुलिस ने अशरफ अब्बास समेत सहजान, शाह अब्बास, अंकुर शर्मा, संजीव, ब्रह्मपाल, हिमांशु, गौरव, सौरव को मौके से गिरफ्तार कर लिया। सपा के मंत्री शाहिद मंजूर, छात्र सभा के नेता अतुल प्रधान और मोहम्मद अब्बास की कॉल आने के बाद पुलिस बैकफुट पर आ गई। सभी आरोपियों को मामूली धारा म्0 के तहत जेल भेजा गया है, जबकि पुलिस के साथ अभद्रता ही नहीं कि दारोगा को वर्दी उतरवाने की धमकी तक दी गई। इतना ही नहीं आरोपियों की जेब से मिले प्रेम पत्रों को को भी मुकदमे का हिस्सा नहीं बनाया गया। साथ ही फरार हुए ख्क् हमलावरों के नाम भी पुलिस अभी तक पता नहीं कर पाई। पुलिस का तर्क है कि आईआईएमटी ने भी कार्रवाई में हाथ खींच लिए है। उनकी ओर से मुकदमे की कोई तहरीर नहीं दी गई। एसओ का कहना है कि पुलिस ने अपनी ओर से मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा है।

पूरे मामले की मानीटरिंग करने की जिम्मेदारी सीओ सदर देहात को सौंपी गई है। पुलिस नियमानुसार काम कर रही है। फरार हुए हमलावरों के नाम चिन्हित कर कार्रवाई की जाएगी। यदि कॉलेज से हमलावरों की फुटेज मिल गई तो उसके आधार पर पहचान कर ली जाएगी।

- ओंकार सिंह, एसएसपी

हमलावरों की जेब से मिले लव जेहाद के पत्रों को विवेचना में शामिल नहीं किया गया है। पुलिस सत्ता पक्ष के दबाव में काम कर रही है। यदि छात्रों के खिलाफ विवेचनाओं में धारा नहीं बढ़ाई गई तो पुलिस से कार्रवाई पर जवाब मांगा जाएगा।

- संजीव पहल, सच संस्था

Posted By: Inextlive