सीएमपी डाट पुल के पास से उधम सिंह गैंग के सुपारी किलर को एसटीएफ ने दबोचा

नैनी कारागार में बंद आका से मिलने पहुंचा था शातिर, पिस्टल कारतूस बरामद

ALLAHABAD: पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ऊधम सिंह गैंग के सुपारी किलर प्रवीण कुमार पाल को एसटीएफ ने शुक्रवार रात जार्जटाउन स्थित सीएमपी डॉट पुल के पास से गिरफ्तार कर किया। उसके पास से टीम को पिस्टल, कारतूस, बाइक सहित कई कागजात मिले हैं। जेल से मिलाई करके लौट अभियुक्त ने जिन बातों का खुलासा किया उसे सुनकर पुलिस व जेल प्रशासन के होश उड़ गए है।

बच गई कइयों की जिंदगी व कमाई

केन्द्रीय कारागार में गैंग का सरगना ऊधम सिंह बंद है। उसके साथ ही पूर्वाचल का खूंखार क्रिमिनल विकास सिंह भी नैनी जेल में ही है। नैनी जेल के अंदर से ही वे दोनों गाजियाबाद के एक शख्स की हत्या व कुछ लोगों से गुण्डा टैक्स की साजिश रच रहे थे। इस काम की जिम्मेदारी मेरठ फलावदा निवासी प्रवीण कुमार को ही सौंपी गई थी। प्रवीण गाजियाबाद स्थित संजय नगर में किराए के मकान में रहता था। जेल के अंदर से रची गई इस साजिश की भनक एसटीएफ को लगते ही टीम सक्रिया हो गई। गैंग के सरगना ऊधम सिंह के बुलाने पर प्रवीण रीवां एक्सप्रेस से शुक्रवार को जेल में उससे मिलने आया था। यहां उसकी मुलाकात अरविंद चौधरी व एक अन्य व्यक्ति से हुई। तीनों ऊधम सिंह से मिलने नैनी जेल पहुंचे। ऊधम ने जेल में प्रवीण को केकड़खेड़ा मेरठ के प्रॉपर्टी डीलर श्रवण राणा, मार्बल बिजनेसमैन से बीस-बीस लाख व निहल्लना मेरठ के बाबूराम मास्टर से 10 लाख रुपए तथा कारोबारी गिरजा मित्तल से भी गुंडा टैक्स मांगने की बात कही कही। पहले से सक्रिय रही टीम ने प्रवीण को जेल से निकलकर सीएमपी डाट पुल के पास पहुंचे ही दबोच ली।

जेल में रची थी हत्या की साजिश

इंस्पेक्टर अजय सिंह के मुताबिक गाजियाबाद जेल में बंद प्रदीप नेगी ने उसे बस अड्डा गाजियाबाद के पास निवासी एक मुस्लिम युवक की सुपारी प्रवीण व गौरव सिरोही को दी थी। इन्होंने उनकी रेकी भी कर ली थी। इसी बीच गौरव का एक्सीडेंट हो जाने से वे प्लान को टाल दिए थे। प्रवीण को नैनी जेल के बाहर हनी नामक व्यक्ति से असलहे व बाइक मिलनी थी। जिसे लेकर वह प्रतापगढ़ पहुंचने के दो दिन बाद सिरोही व जौनपुर के कुछ युवकों संग विकास के बताने पर गाजियाबाद के एक अन्य युवक की हत्या करने की योजना थी। प्रवीण ने बताया कि घटनाओं को अंजाम देने के लिए सरगना ने कोड वर्ड निर्धारित कर रखे थे। फोन पर उसी के सहारे बात होती थी।

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ब्लाक प्रमुख को देनी थी पिस्टल

इंस्पेक्टर अजय सिंह के मुताबिक जौनपुर केराकत के ब्लॉक प्रमुख विनय सिंह दिसम्बर में पैसा लेकर पिस्टल खरीदने गाजियाबाद गए थे। मगर प्रवीण के पास पिस्टल न होने से उसे खाली हाथ लौटना पड़ा। लौटने के बाद प्रवीण ने विनय के मोबाइल पर कई विदेशी पिस्टल की फोटो सेंड की। ऊधम सिंह गैंग को असलहों की सप्लाई पाल गांव मुजफ्फरनगर निवासी वीर सिंह व परमेंदर किया करता है। प्रवीण ने एसटीएफ को बताया कि जेल में अंदर जाते समय उसके पहचान पत्र की जांच न करके हाथ पर मुहर लग दी गई थी। जेल में बंध अपराधियों से मिलने पहुंचे शूटर को बगैर जांच अंदर भेज दिया जाना कारागार की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर रही है।

Posted By: Inextlive