-हाईकोर्ट के आदेश पर एडीजी एलओ ने सभी पुलिस अधिकारियों को सील बंद लिफाफे में ही केस डायरी कोर्ट में पेश करने का दिए निर्देश

BAREILLY: कोर्ट में पेश होने से पहले केस डायरी चोरी हो जा रही है। आरोपी कोर्ट में पुलिस से पहले केस डायरी पेश कर बचने की कोशिश कर रहे हैं। इस तरह के मामले सामने आने पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार किया है। हाईकोर्ट ने गाजियाबाद के मुरादनगर थाने की एक केस डायरी का उदाहरण भी दिया है। हाईकोर्ट के आदेश पर एडीजी लॉ एंड ऑर्डर आनंद कुमार ने सभी एडीजी, आईजी, डीआईजी और एसएसपी को निर्देश जारी किए हैं कि केस डायरी कोर्ट में सील बंद लिफाफे में ही पेश की जाए और कोर्ट से वापस भी सील बंद लिफाफे में ली जाए। क्राइम मीटिंग में भी इस बारे में सभी पुलिसकर्मियों को भी बताया जाए।

आरोपी ने कोर्ट में पेश की केस डायरी

केस डायरी कोर्ट के संज्ञान लिए जाने से पहले उसकी प्रति न तो आरोपी और न ही किसी अन्य को दिए जाने का कोई प्रावधान है, लेकिन कई आरोपी कोर्ट के संज्ञान लेने से पहले ही केस डायरी कोर्ट में पेश कर दे रहे हैं। ऐसा वह केस से बचने के लिए करते हैं। गाजियाबाद के मुरादनगर थाना में आईपीसी की धारा 394 के तहत रजिस्टर्ड क्राइम नंबर 1002ख्/2017 की काली जैन उर्फ जितेंद्र जैन ने रिट लगाई। इसके प्रार्थना पत्र के साथ केस डायरी भी संलग्न थी। इस पर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की और अपर शासकीय अधिवक्ता को आदेश दिए हैं कि वह कोर्ट को बताएं कि आरोपी के पास कैसे केस डायरी पहुंची।

क्या होती है केस डायरी

पुलिस में जिस तरह से किसी केस में एफआईआर, चार्जशीट और फाइनल रिपोर्ट लिखी जाती हैं, उसी तरह से केस में केस डायरी भी लिखी जाती है। केस डायरी किसी केस से जुड़ी शुरुआत से लेकर आखिरी तक की पूरी जानकारी होती है। इसके तहत विवेचक समय-समय पर पर्चा काटता रहता है। जिसमें एफआईआर, गिरफ्तारी, चार्जशीट या फाइनल रिपोर्ट, दबिश, व अन्य डॉक्यूमेंट के बारे में पूरी डिटेल रखी होती है।

ऐसे लीक हो सकती है केस डायरी

किसी भी केस की केस डायरी विवेचक के पास ही होती है। केस डायरी को सीओ, एसपी, एसएसपी, या अन्य कोई पुलिस अधिकारी मंगाकर चेक कर सकता है, लेकिन उसे वापस विवेचक को ही दे दिया जाता है। केस डायरी थाना प्रभारी से होते हुए सीओ पेशी में चली जाती है। कार्बन कॉपी आईओ के पास रहती है। जब कोर्ट केस डायरी की मांग करता है तो फिर केस डायरी कोर्ट में पेश की जाती है। इन सभी अधिकारियों से होकर केस डायरी जाती है तो फिर इसके लीक होने का खतरा रहता है।

Posted By: Inextlive