- पुलिस के खिलाफ व्यापार संघ हुआ लामबंद

- पुलिस ने किया तीन लोगों को गिरफ्तार

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Meerut : मारपीट का मामला इतना बढ़ गया कि दो थानों की पुलिस के लिए भी उसे संभालना मुश्किल हो गया। शहर के बीचोबीच सबसे व्यस्तम सड़क पर करीब तीन किलोमीटर का तक का जाम लग गया। जो पुलिस पहले व्यापारियों पर लाठ भांज रही थी वो ही पुलिस अब उनसे शांत होने और मामले को ठंडा करने की बात करने लगी।

कार-बाइक टक्कर, मारपीट

सुबह करीब क्0 बजे स्वीस फाइनेंस कंपनी का मालिक बच्चा पार्क स्थित तिरुपति प्लाजा के बेसमेंट में अपनी गाड़ी पार्क कर रहा था। वहीं एलजी शोरूम में काम करने वाला रोहित ठाकुर खड़ा था। समीर ने उसकी बाइक पर टक्कर मार दी। दोनों में बहस हुई जो झगड़े में तब्दील हो गई। फाइनेंस कंपनी से आए क्0-क्ख् लड़कों ने रोहित को खूब मारा। इतने में व्यापारी इकट्ठा हो गए और सेकंड फ्लोर स्थित फाइनेंस कंपनी में घुस गए। जहां दोनों पक्षों में खूब मारपीट हुई। और ऑफिस से करीब ख्भ्-फ्0 लड़कियां बाहर निकलीं।

पुलिस भी पहुंची, लाठीचार्ज

सूचना मिलते ही सदर और लालकुर्ती की पुलिस पहुंची और एसपी सिटी भी पहुंचे। जहां से लड़कियों को बाहर निकाला गया। मामले को शांत कराने के लिए एसपी सिटी ने दोनों पक्षों पर लाठी भांजनी शुरू कर दी। कई व्यापारियों को लाठी लगी। सभी व्यापारियों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। पुलिस ने फाइनेंस कंपनी के तीन लोगों को गिरफ्तार कर थाने में भेज दिया। लेकिन व्यापारी अभी तक शांत नहीं हुए थे।

व्यापारी हुए लामबंद

पुलिस की इस हरकत से सभी व्यापारी लामबंद हो गए। आसपास की सभी दुकानें बंद हो गई। साथ ही पुलिस के खिलाफ नारेबाजी शुरू हो गई। व्यापारियों ने आरोप लगाया कि पुलिस अपराधियों को भगा देती है और व्यापारियों पर लाठी चलाती है। दोनों थानों के इंचार्ज और सीओ इस पर व्यापारियों को समझाते रहे लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।

लग गया जाम

व्यापारियों के हल्ला मचाने और सड़क के बीचोबीच आने से बेगमपुल तक करीब तीन किलोमीटर का ट्रैफिक जाम लग गया। लेकिन व्यापारी मानने को तैयार नहीं थे। मोके पर संयुक्त व्यापार संघ के अध्यक्ष और कैंट विधानसभा क्षेत्र के विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल भी पहुंचे। पुलिस ने उन्हें व्यापारियों को शांत कराने के लिए कहा। दोनों की अपील के बाद व्यापारी शांत हुए और सड़क से हटे।

मारपीट में मामला हुआ दर्ज

पुलिस ने दोनों पक्षों में मारपीट का ही मामला दर्ज किया है। व्यापारी पक्ष की ओर से एलजी शोरूम के मालिक आरके त्यागी ने फाइनेंस कंपनी के समीर चौहान, बासिद, जावेद, अब्दुल हक, मोहम्मद आसिफ और इमरान के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। वहीं फाइनेंस कंपनी की ओर से रोहित, शिवम, सुनील एवं अन्य के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है।

वर्जन

इस मामले में दोनों ओर से क्रॉस एफआईआर दर्ज की गई है। इसमें देह व्यापार जैसी कोई पुष्टि नहीं हुई है और न ही उन धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है।

- अभिषेक सिंह, सीओ कैंट/पुलिस लाइल

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फाइनेंस कंपनी के नाम पर देह व्यापार

व्यापारियों ने फाइनेंस कंपनी पर संगीन आरोप लगाते हुए कहा कि ये देह व्यापार का धंधा चला रहे थे। लड़कियों को पुलिस वालों ने भगा दिया। जब लड़कियों को भगाया गया सभी ने कपड़े से मुंह ढका था। ताकि उन्हें कोई पहचान न सके। व्यापारियों की मानें तो अगर वो लड़के और लड़कियां ठीक थे तो उन्हें भागने की जरुरत क्या थी? लेकिन पुलिस की ढिलाई की वजह से ये रैकेट भी हाथों दूर हो गया। व्यापारी बृजभूषण त्यागी और आरके त्यागी ने बताया कि मार्केट में फाइनेंस कंपनी की आड़ में देह व्यापार का पहला मामला नहीं है। चार महीने पहले भी इसी तरह का केस पुलिस को सौंपा था। लेकिन पुलिस ने कुछ नहीं किया।

शक था कुछ तो गड़बड़ है

फाइनेंस कंपनी के बराबर में सॉफ्टवेयर इंजीनियर रजनीश सखूजा का ऑफिस है। वो बताते हैं कि इस कंपनी में करीब भ्0 लड़कियां काम करती थी। कभी-कभी शक होता था कि एक छोटी सी फाइनेंस कंपनी में इतनी लड़कियों का क्या काम? कुछ न कुछ गड़बड़ होने का हमेशा शक होता था।

फ्रॉड थी कंपनी

ज्वालापुर की रहने वाली पेशे से नर्स पूनम गुप्ता भी फाइनेंस कंपनी में लोन के सिलसिले में आई हुई थी। लेकिन वहां ड्रामा देखकर अपने पति ललित कुमार को फोन किया। उन्होंने बताया कि उन्होंने 8 लाख रुपए का लोन अप्लाई किया था। कागज और बाकी काम के लिए डेढ़ लाख रुपए ले रखे थे। पिछले डेढ़ महीने से चक्कर लगा रखे थे। अब पता चला तो मामला फ्रॉड ही लग रहा है। मैंने अपने किसी जानकार के गारंटर के तौर पर उसके जमीन के कागज लगवाए हुए हैं।

Posted By: Inextlive