-महाराजपुर के डबल मर्डर और डकैती का पुलिस ने किया खुलासा

-पुलिस ने चार बदमाशों को पकड़कर गैंग का भंडाफोड़ करने का दावा किया

KANPUR : महाराजपुर में डबल मर्डर और डकैती डालकर सनसनी मचाने वाले गैंग का सोमवार को पुलिस ने भंडाफोड़ करने का दावा किया। पुलिस ने चार बदमाशों को गिरफ्तार दिखाते हुए उनको मीडिया के सामने पेश भी किया, लेकिन बदमाशों ने मीडिया के सामने पुलिस की पोल खोल दी। उन्होंने खुद को बेकसूर बताते हुए पुलिस पर फर्जी फंसाने का आरोप लगाया। उनके मुताबिक उनको मजदूरी के नाम पर थाने लाया गया और हत्यारा व डकैत बना दिया। पुलिस ने उनको पीट-पीटकर जबरन जुर्म कबूल कराया है।

4 महीने पहले हुई थी वारदात

10 सितंबर की रात को आधा दर्जन से ज्यादा बदमाशों ने महाराजपुर के धमना गांव में डाका डाल और डबल मर्डर कर सनसनी मचा दी थी। बदमाशों ने बाबूराम पासी और शांति शरण राजपूत के घर पर डाका डाला था। बाबूराम को पत्नी कमलेश समेत पीट-पीटकर मरणासन्न कर 27 हजार रुपए लूट लिया था। इसके बाद बदमाशों ने किसान शांति भूषण के घर धावा बोला था। विरोध करने पर शांति भूषण की हत्या कर दी थी। इसके बाद परिवार को बन्धक बनाकर 50 हजार की नगदी और ज्वैलरी लूट ली। इससे पहले बदमाशों ने गांव के सुमित कुशवाहा उर्फ गुलशन (18) की डण्डे से पीट-पीटकर हत्या कर दी थी।

मुठभेड़ में पकड़ने का दावा

महाराजपुर पुलिस ने मुठभेड़ में चार बदमाशों को पकड़ने का दावा किया है। चारों बदमाश कुछ और साथियों के साथ सरसौल स्टेशन के पास बन्द पड़े ईंट भट्ठा में कोई योजना बना रहे थे। तभी मुखबिर से एसओ को सूचना मिली। एसओ ने उन्हें पकड़ने के लिए घेराबन्दी की तो बदमाशों ने पुलिस को देखकर फायरिंग शुरू कर दी। एसओ ने जवाब में फायरिंग कर चार बदमाशों को दबोच लिया, जबकि तीन फरार हो गए। एसएसपी शलभ माथुर ने बताया, झांसी के गरौठा के काले उर्फ शाहिद खां, लाला, अलताफ और चीआ पकड़े गए हैं, जबकि उनके साथी अपरेश खां, इदुल उर्फ लाले और नियामत खां पुलिस को गच्चा देकर भाग गए।

फूट-फूटकर रोने लगे बदमाश

पुलिस ने चारों बदमाशों को मीडिया के सामने पेश करने से पहले बताया कि वे बेहद क्रूर हैं, लेकिन बदमाश जैसे ही मीडिया के सामने पेश हुए, वे बच्चों की तरह फूट-फूटकर रोने लगे। उन्होंने पुलिस पर उनको फर्जी फंसाने का आरोप लगाया। वे तो नकाब पहनने से भी डर रहे थे। उन्हें लगा कि उनको फांसी पर चढ़ाने के लिए नकाब पहनाया जा रहा है। उनको फूट-फूटकर रोते देख पुलिस को बैकफुट में आना पड़ा। उन्हें रोते देख एसएसपी को कहना पड़ा कि इनको बाहर ले जाकर चुप कराओ।

बन्धक बनाकर पीटा

बदमाशों ने एसएसपी के सामने तो मुंह नहीं खोला, लेकिन उनके सामने से हटते ही चिल्ला-चिल्लाकर पुलिस पर फर्जी फंसाने का आरोप लगाने लगे। उनका कहना था कि उन्हें सात दिन पहले महाराजपुर थाने में निर्माण कार्य करने के बहाने से झांसी से लाया गया था। वे जैसे ही थाने पहुंचे उन्हें बन्धक बना लिया गया। इसके बाद से उनको जबरन हत्या और डकैती का जुर्म कबूल कराने के लिए पीटा जा रहा था।

घुमंतू होने का भी दावा किया

एसपी ग्रामीण सुरेंद्र तिवारी के मुताबिक पुलिस के हत्थे चढ़े बदमाश घुमंतू है। वे वारदात करने के बाद उस जगह पर रुकते नहीं हैं, लेकिन सवाल है कि जब वो वारदात करने के बाद उस जगह पर रुकते नहीं है तो वे फिर दोबारा महाराजपुर क्यों आ गए। इस बारे में एसपी ग्रामीण कुछ नहीं बोल पाए। पुलिस ने पीडि़त परिवार से भी बदमाशों की शिनाख्त नहीं कराई। इससे भी पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा हो गया है।

Posted By: Inextlive