- E-challan के लिए ट्रैफिक कांस्टेबल्स के हाथों में दिए गए थे कैमरे

- ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाली गाडि़यों के नंबर का फोटो खींचकर चालान भेजा जाता था घर, लेकिन अब सब हो गया है ठप

क्ड्डह्मड्डठ्ठड्डह्यद्ब@द्बठ्ठद्गफ्ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ

ङ्कन्क्त्रन्हृन्स्ढ्ढ

दिल्ली की तर्ज पर बनारस के ट्रैफिक को स्मूद करने और लोगों को नियमों के प्रति अवेयर करने के लिए ट्रैफिक पुलिस को दिए गए एक दर्जन कैमरों का अता पता नहीं है। जिसके चलते अब चौराहों पर पहले की ही तरह लोग मनमानी करते दिख रहे हैं। दरअसल लगभग छह महीने पहले हेड क्वार्टर ने ई चालान के लिए ट्रैफिक पुलिस को दर्जन भर से ज्यादा डिजिटल कैमरे सौंपे थे। इन कैमरों को चलाने की ट्रेनिंग के बाद हर चौराहे पर तैनात ट्रैफिक कांस्टेबलों को इसे सौंपा गया था। ताकि नियम तोड़ने वालों की गाड़ी के नंबर संग फोटो खींचकर उनके घर तक चालान भेजा जा सके। कुछ दिन तो व्यवस्था अच्छी चली लेकिन अब सब फेल हो गया है।

तो क्या रख दिए कैमरे?

ई चालान को प्रमोट करते हुए अपना रेवेन्यू बढ़ाने का भी ट्रैफिक पुलिस का ये बेहतर तरीका था। जिसके तहत डेली क्00 से ऊपर ई चालान की कार्रवाई कैमरे की मदद से की जाती थी। इसके लिए हर ट्रैफिक कांस्टेबल कैमरे संग चौराहे पर तैनात रहता था। कांस्टेबल के रुकने के इशारे के बाद जेब्रा लाइन पार करने, ट्रिपलिंग वालों, हेलमेट न पहनने वालों की गाड़ी के पीछे से नंबर संग फोटो लेकर गाड़ी की पूरी डिटेल निकालने के बाद चालान घर भेजने की कार्रवाई की जाती थी। लेकिन फिलहाल शहर के किसी भी चौराहे पर कैमरे लिए कांस्टेबल नहीं दिखते। अब कैमरे कहां हैं किसी को नहीं पता।

चस्पा चालान भी फेल

ई चालान की तरह ही ट्रैफिक पुलिस ने चस्पा चालान की भी कार्रवाई शुरू की थी। जो ठप पड़ गई है। इसके कारण अब लोग अपनी गाडि़यां सड़क किनारे छोड़कर जाने से नहीं हिचकते हैं। जबकि पहले चस्पा चालान की कार्रवाई रेग्यूलर होने से लोग डर के चलते गाडि़यां सड़क पर छोड़ने से बचते थे।

Posted By: Inextlive