Jamshedpur: अब हार्डकोर क्रिमिनल्स आसानी से क्राइम इंसिडेंट्स को अंजाम नहीं दे सकेंगे. इसकी वजह है कि अब उन पर पुलिस की और पैनी निगाहें होंगी. पुलिस हेडक्वार्टर ने स्टेट पुलिस के लिए क्राइम कंट्रोल करने को लेकर स्पेशल प्लानिंग की है और इससे संबंधित डाइरेक्शन भी सभी डिस्ट्रिक्ट के एसपी व एसएसपी को दिया जा चुका है. इसके तहत अब जेल से बाहर निकल कर घटनाओं को अंजाम देने वालों पर पुलिस ज्यादा ध्यान देगी.

नजर नहीं रखती पुलिस
अब तक की सिचुएशन यह है कि अगर जेल में बंद कोई क्रिमिनल रिहा होता है, तो पुलिस को उसकी जानकारी नहीं मिल पाती है। कई मामलों में पुलिस फॉलो नहीं करती है, जिस कारण केस के एक्चुअल स्टेटस के बारे में भी पुलिस को सही इंफॉर्मेशन नहीं मिल पाती है। दूसरी ओर जेल से रिहा होने के बाद क्रिमिनल द्वारा आपराधिक वारदातों को अंजाम दिया जाता है। घटना हो जाने के बाद पुलिस को जानकारी मिलती है कि उक्त क्रिमिनल हाल ही में जेल से रिहा हुआ है। इसके बाद पुलिसिया कार्रवाई स्टार्ट होती है। पुलिस को कई बार इसमें सफलता मिलती है, कई बार निराशा भी हाथ लगती है।

रिहा होते ही करते हैं crime
कई बार ऐसा होता है कि जेल से जमानत पर निकलने या रिहा होने के बाद बाहर निकलते ही किसी क्रिमिनल की हत्या कर दी जाती है। कई बार क्रिमिनल जेल से बाहर निकलने के बाद क्राइम को अंजाम देता है। सोनारी में एक सप्ताह पहले ही जेल से बाहर निकले एक क्रिमिनल पर उसकी हत्या की नियत से फायरिंग की गई, हालांकि उसकी जान बच गई। अगर पुलिस एरिया की एक्टिविटी व जेल से रिहा होने वाले कैदियों पर नजर रखे तो कई वारदातों पर नकेल कसी जा सकती है। लेकिन इस तरफ ध्यान नहीं दिया जाता। इस वजह से क्राइम के मामले सामने आते हैं।

तैयार होगा data
इन सब इंसिडेंट्स को देखते हुए अब पुलिस हेडक्वार्टर ने हार्डकोर क्रिमिनल्स पर नकेल कसने की तैयारी कर ली है। इसके तहत अब क्रिमिनल्स के बेलर्स के साथ ही उनके करीबियों की लिस्ट तैयार की जाएगी। इसके लिए सभी डिस्ट्रिक्ट के एसपी व एसएसपी के साथ ही डीआईजी को भी डाइरेक्शन दिया गया है। इसके तहत डिस्ट्रिक्ट के एसपी जेल में बंद और फरार हार्डकोर क्रिमिनल्स की पूरी रिपोर्ट तैयार करेंगे, साथ ही डीआईजी रिपोर्ट की मंथली एसेसमेंट के बाद हेडक्वार्टर को देंगे। इसके बाद पुलिस हेडक्वार्टर द्वारा मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी।
'पुलिस रिहा होने वाले कैदियों की पूरी जानकारी रख रही है। कैदी का बेलर कौन है, कब रिहा हो रहा है और उसकी अगली पेशी कब है, आदि पर पुलिस की नजर है.'
-अरुण कुमार सिंह, डीआईजी, कोल्हान

Report by: goutam.ojha@inext.co.in

 

Posted By: Inextlive