साइबर क्रिमिनल्स से हार रही पुलिस
- 12 थानों में व्यवस्था फिर भी रोज भटक रहे पीडि़त
- जागरुकता अभियान के बावजूद नहीं लग रही लगामGORAKHPUR: मैंने ऑनलाइन कंपनी पर अपनी बाइक बेचने का एड डाल रखा था। 17 नवंबर 2019 को मेरे मोबाइल पर कॉल आया। कॉलर ने मेरी बाइक खरीदने की इच्छा जताई। उसने 35 हजार रुपए तय किए। मेरे एकाउंट में रुपए भेजने के लिए उसने पेटीएम में कुछ ऑप्शन ओके करने को कहा। मैंने जैसे ही ओके किया तभी उसी समय मेरे एकाउंट से दो हजार, दो हजार, बीस-बीस हजार, दो-दो हजार रुपए करकेजालसाजों ने 48 हजार रुपए निकाल लिए। इसकी शिकायत मैंने थाना से लेकर साइबर सेल तक की। लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। अभी तक मेरा मुकदमा भी नहीं दर्ज किया। हर रोज मुझे कोई न कोई नई कहानी बताई जाती है। इसलिए रुपए मिलने की उम्मीद भी छूटती जा रही है। जैसा कि साइबर क्राइम से पीडि़त बिजनेसमैन अंकुर शर्मा ने बताया। उनका कहना है कि अकेला मैं ही नहीं हूं बल्कि कई लोग इस प्रॉब्लम से जूझ रहे हैं।
पुलिस पर भारी पड़ रहे साइबर अपराधीजिले में साइबर क्रिमिनल से निपटने के लिए पुलिस लगातार संसाधन बढ़ा रही है। क्राइम ब्रांच की साइबर सेल को जहां हाईटेक बनाया जा रहा है। वहीं 12 थानों पर अलग से साइबर सेल का गठन किया गया है। टीम के लोग साइबर क्राइम से जुड़े मामलों के सामने आने पर हांफ जा रहे हैं। इक्का-दुक्का मामलों को छोड़ दें तो ज्यादातर में पुलिस को कामयाबी नहीं मिल पा रही। इसलिए पब्लिक को बेवजह की दौड़भाग करनी पड़ती है। हालांकि पुलिस कर्मचारियों का तर्क है कि रुपए निकालने संबंधी ज्यादातर मामलों में पीडि़त काफी विलंब से शिकायत करते हैं। इस वजह से अपेक्षित मदद नहीं हो पाती।
इन थानों पर साइबर क्राइम की जांच गुलरिहा, खोराबार, शाहपुर, कैंट, चिलुआताल, कोतवाली, गोरखनाथ, गोला, पिपराइच, बड़हलगंज, बांसगांव और खजनी इन अपराधों की जांच एटीएम कार्ड क्लोनिंग स्कीमिंग एक्सचेन्जिंग फाइनेंनशियल फ्रॉड (डेबिट कार्ड/ क्रेडिट कार्ड/ यूपीआई फ्रॉड) सोशल मीडिया में फोटो, वीडियो वायरल करने, फेक आईडी गोरखपुर में साइबर क्राइम - 288 मामले दर्ज किए गए। - 86 में चार्जशीट दाखिल हुई - 48 मामले बंद हो गए - 154 की विवेचना जारी - 97,76042 रुपए की चोरी - 9,36000 रुपए बरामद हुए साइबर क्राइम से ऐसे करें बचाव - ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स के किसी तरह के लिंक को क्लिक न करें।- रुपए के ट्रांजेक्शन के समय पूरी सावधानी बरतें। लापरवाही पर एकाउंट खाली हो जाएगा।
- ऑनलाइन काम करने के बाद वेबसाइट को लागआउट-साइन आउट जरूर करें। - किसी साइट पर अपने यूजर नेम और पासवर्ड को रिमेंबर के लिए सेव करने से बचें। - किसी तरह के अहम डाटा और जानकारी का एक बैकअप अपने लिए हमेशा तैयार रखें। - कंप्यूटर नेटवर्क के लिए सिक्योरिटी प्रोग्राम का इस्तेमाल जरूर करें। - पासवर्ड को हमेशा अक्षरों और संख्याओं को मिलाकर बनाएं। ऐसा पासवर्ड रखें जो क्रेक न हो सके। - सोशल नेटवर्किग साइट पर अपनी कोई प्राइवेट जानकारी शेयर करने से हमेशा बचाव करें। - किसी तरह के फाइनेंशियल लेनदेन के बाद कंप्यूटर, मोबाइल से टेंपरोरी इंटरनेट फाइल्स को जरूर डिलीट कर दें। - अपने सॉफ्टवेयर पैकेज को नियमित रूप से अपडेट करते करें। ईमेल पर भरोसेमंद लिंक को ही ओपेन करें। वर्जन साइबर क्राइम के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए समीक्षा बैठक की जाती है। इस दौरान सामने आई कमियों को दूर करने के निर्देश दिए जाते हैं। हाल के दिनों में कई मामलों में पुलिस को कामयाबी मिली है। डॉ। सुनील गुप्ता, एसएसपी