एक नंबर पर बात करने वाले यादव परिवार के युवक को पुलिस ने उठाया

चार कातिलों की तलाश में संदिग्ध व्यक्तियों के घर दबिश में जुटी रही पुलिस

PRAYAGRAJ: बाप बेटे व बेटियों की हत्या के दूसरे दिन शनिवार को भी होलागढ़ के बरई हरखपुर का मजरा शुकुल का पूरा एरिया छावनी में तब्दील रहा। वहीं चार लोगों की हत्या के बाद कातिलों की तलाश में पुलिस द्वारा देर रात कई जगह संभावित ठिकानों पर छापेमारी की गई। आसपास के जनपदों में भी फोर्स पहुंची। इसके अलावा मौके से मिले मोबाइल के सीडीआर निकाले जा रहे हैं। मोबाइल नंबर के आधार पर पुलिस ने गांव के ही एक यादव लड़के को उठा लिया है, क्योंकि उस लड़के की एक मोबाइल पर दो तारीख को बात हुई थी। देर रात खुलासे को लेकर एसएसपी द्वारा पांच टीमें गठित की गई।

विमलेश का नहीं मिला मोबाइल

हालांकि मौत के घाट उतारे गए विमलेश पांडेय (50) के मोबाइल की सटीक जानकारी नहीं मिल पाई है। अब तक की तफ्तीश में पुलिस को पता चला है कातिल उसके मोबाइल को पास के तालाब में फेंक दिए होंगे। मौके से मिले दो मोबाइल के सीडीआर अभी तक नहीं आ सके हैं। उधर श्रेया (22), सिबू (20) एवं बेटे प्रिंस (19) के लव लाइन की दिशा में भी पुलिस ने काम शुरू कर दिया है। यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कहीं घटना के पीछे चक्कर प्यार मोहब्बत का तो नहीं था। खैर यह सारी बातें दोनों मोबाइल की सीडीआर सामने आने व नंबरों को ट्रेस करने के बाद क्लियर हो जाएगी। एक यादव परिवार से जिस युवक को उठाया गया है उससे कुछ जानकारी मिलने की संभावना है। क्योंकि जिस मोबाइल नंबर पर उसकी बात हुई थी वह मौत के घाट उतारी गई दो में से किसी एक युवती का माना जा रहा है। पुलिस द्वारा देर रात मऊआईमा से सटे प्रतापगढ़, कौशाम्बी बार्डर के गांवों में भी दबिश दी गई।

फिलहाल खतरे से बाहर है रचना

जिस रचना को मृत समझ कातिल छोड़ गए थे फिलहाल वह अब खतरे से बाहर है। विमलेश पांडेय की पत्‍‌नी रचना को पुलिस द्वारा एसआरएन हॉस्पिटल लाया गया था। उस वक्त उसके गले पर भी धारदार हथियार से घातक प्रहार किए गए थे। पुलिस को उम्मीद है कि उसके बोलने की कंडीशन में आने के बाद कुछ नए एंगल मिल सकेंगे, क्योंकि परिवार की किसी भी तरह की कोई बात बताने वाला अब उसके सिवा और कोई नहीं है।

फिर लुटेरे क्यों लेंगे इतना बड़ा रिस्क

तेलियरगंज शंकरघाट पर रहने वाले अशोक पांडेय की मानें तो भाई विमलेश का किसी से कोई विवाद न तो ननिहाल में था और न ही पैतृक गांव प्रतापगढ़ में।

माली हालत भी बहुत ठीक नहीं थी। यही वजह थी कि दोनों बेटियां स्कूल में पढ़ाकर खुद पढ़ा करती थीं।

वे भाई प्रिंस की पढ़ाई का भी गाहे बगाहे खर्च दिया करती थीं। विमलेश ननिहाल में ही रहकर पढ़ा लिखा भी था।

ऐसे में पुलिस हैरान इस बात से है कि आखिर जब किसी से कोई विवाद नहीं था और माली हालत भी बहुत अच्छी नहीं थी तो कोई कत्ल क्यों करेगा।

सीबू की मेहंदी का सामने आया राज

चार माह पूर्व फरवरी में हुई सोनम की शादी के बाद सोमवार को उसकी ससुराल में कथा थी। बहन के घर से इस पूजा में आए बुलावे पर सीबू भाई प्रिंस के साथ बाइक से गई हुई थी। बताते हैं कि इस प्रोग्राम में जाने के लिए ही वह खुद हाथ पर मेहंदी रचाई थी। कत्ल के बाद सीबू के हाथ पर रची मेहदी का राज किसी की समझ नहीं आ रहा था। उसकी मेहंदी से घर में किसी बड़े आयोजन की तैयारी के कयास लगाए जा रहे थे। माना जा रहा था कि कार्यक्रम की तैयारी लिए विमलेश रुपये निकाल कर घर में रखे रहा होगा, जिसकी भनक लुटेरों को लग गई होगी और वे वारदात को अंजाम दे बैठे होंगे।

Posted By: Inextlive