52

फीसदी कम है मानक के सापेक्ष पुलिसकर्मियों की तैनाती

108

फीसदी तक बढ़ी है दर्ज होने वाले अपराध की संख्या

528

लोगों पर एक पुलिस की तैनाती है स्वीकृत

1104

लोगों पर एक पुलिस की है तैनाती

(स्रोत कैग की रिपोर्ट)

थानावार तैयार हो रही है लिस्ट, सभी वर्गो के लोगों को जोड़ने पर फोकस

ग्राउंड लेवल के नेटवर्क को मजबूत बनाने पर फोकस, पुलिस करेगी इनकी मदद

ajeet.singh@inext.co.in

ALLAHABAD: अपराधों की संख्या में बेतहासा इजाफा और लोकल सपोर्ट के अकाल ने पुलिस का ध्यान एक फिर सम्मानित लोगों की तरफ खींचा है। किसी दौर में हर गली में पुलिस का सहयोग करने वाले एक सदस्य की मौजूदगी से पुलिस के लिए किसी घटना को वर्कआउट करना ज्यादा आसान था। वक्त के साथ टेक्नोलॉजी पर बढ़े भरोसे ने इस पुलिस को इन मित्रों से दूर कर दिया। इसके बाद कवायदें होती रहीं लेकिन कुछ ही दिनो बाद फाइल बंद कर दी गई। एक बार फिर पुलिस पुराने पैटर्न पर वर्किंग की ओर कदम बढ़ा रही है। मकसद है शांति-व्यवस्था को बेहतर बनाने में के लिए मजबूत नेटवर्क तैयार करना।

पीस कमेटियों पर है फोकस

थाना और पुलिस चौकीवार पीस कमेटियों का अस्तित्व एक दौर में बेहद मजबूत था। इस कमेटी से जुड़े मानिन्द लोग पुलिस के लिए गाढ़े वक्त में मददगार साबित होते थे। इन कमेटियों का अस्तित्व अब भी है लेकिन मानिन्द लोगों की इससे दूरी बन चुकी है। थानों में अब इनकी मिटिंग का कोरम ही पूरा किया जाता है। कुछ दुकानदारों और नेताओं को बुलाकर रस्म अदायगी हो जाती है। इसी के चलते पुलिस को कई बार पब्लिक को फेस करना मुश्किल हो जाता है और उसकी मदद को कोई सामने नहीं आता। इसी को देखते हुए एसएसपी ने सभी थानाध्यक्षों को निर्देश दिया है कि क्षेत्र के सम्मानित व्यक्तियों की सूची बनाएं। पीस कमेटी में उन लोगों को शामिल करें जो क्षेत्र के मानिन्द और साफ-सुथरी छवि वाले हैं। जिनकी पब्लिक में पकड़ है और वे पुलिस के लिए मददगार का रोल प्ले कर सकते हैं।

नए सदस्य भी बनाएगी पुलिस

जिले के सभी 39 थानाध्यक्षों को जारी निर्देश में एसएसपी की ओर से कहा गया है कि पुराने लोगों को तो साथ रखें ही नए लोगों को भी जोड़ें। फोकस उन पर रहेगा जो सोशल फील्ड में ज्यादा एक्टिव हैं और उनका नेटवर्क भी मजबूत है। लिस्ट तैयार होने के बाद पुलिस दूसरे लेवल की वर्किंग शुरू करेगी।

एसएसपी के निर्देश पर सभी थानों को सूचित किया गया है कि वह पुन: सम्मानित व्यक्तियों की लिस्ट तैयार करें। नए लोगों को भी जोड़ने का प्रयास करें। जिससे क्षेत्र में यदि कोई समस्या आए तो उनकी मदद लेकर उसे हल खोजा जा सके।

-सिद्धार्थ,

एसपी सिटी

फेल हो चुकी पुलिस मित्र की कवायद

टेक्नोलॉजी ने अपराधियों को पकड़ने की राहत आसान तो बना दी है लेकिन ग्राउंड लेवल पर पुलिस के सहयोगी न होने से अपराध पर अंकुश लगाना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है। खासकर चोरी और छिनैती की घटनाएं जिनसे लोगों के मन में डर बैठता है। इसे रोकने की दिशा में कदम आगे बढ़ाते हुए करीब एक साल पहले थानावार पुलिस मित्र बनाने की कवायद शुरू हुई थी। वार्ड वार कुछ लोगों का चयन भी किया गया। इसमें पुलिस मित्र को विभाग की तरफ से प्रोत्साहित करने की भी योजना थी। लेकिन, वक्त बीतने के साथ ही यह कवायद अधूरी रह गई।

Posted By: Inextlive