-बरेली में सिर्फ 2400 पुलिसकर्मी लेकिन अपराधी 4800

-पब्लिक तो दूर पुलिस पर भी लगातार अपराधी कर रहे हमले

बरेली में सिर्फ ख्ब्00 पुलिसकर्मी लेकिन अपराधी ब्800

-पब्लिक तो दूर पुलिस पर भी लगातार अपराधी कर रहे हमले

BAREILLY: BAREILLY: डिस्ट्रिक्ट में अपराधियों के हौंसले इस कदर बुलंद हो गए हैं कि वह पब्लिक के बाद अब पुलिस पर भी हमला करने लगे हैं। पिछले दिनों पुलिस पर हमले के भ् मामले सामने आ चुके हैं। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि ब्ब् लाख आबादी वाले जिले में पुलिस पब्लिक को सुरक्षा कैसे देगी। इतनी आबादी की सुरक्षा की जिम्मेदारी महज ख्ब् सौ पुलिसकर्मियों पर है, जबकि पुलिसकर्मियों से दो गुना ब्8 सौ अपराधी पुलिस रिकार्ड में रजिस्टर्ड हो चुके हैं। यही हालात रहे तो फिर अपराधियों पर लगाम लगाना पुलिस के लिए बड़ा मुश्किल हो जाएगा।

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त्रिनेत्र एप में फीड हो रहा डाटा

अपराधियों पर लगाम कसने के लिए पुलिस ने त्रिनेत्र एप को लॉन्च किया है। इस एप के जरिए पूरे प्रदेश के अपराधियों का डाटा ऑनलाइन किया जा रहा है। डाटा ऑनलाइन करने की जिम्मेदारी थानों की पुलिस को दी गई है। थाना प्रभारी को लॉग-इन आईडी दी गई है और सीसीटीएनएस पर तैनात पुलिसकर्मियों को सीयूजी नंबर दिया गया है।

ब्800 अपराधियों का डाटा हो चुका फीड

त्रिनेत्र एप पर डाटा फीडिंग का मकसद है कि अपराधियों पर नजर रखी जा सके। जब भी कोई वारदात हो तो एप के जरिए क्रिमिनल की नाम, एड्रेस और फोटो से डिटेल कलेक्ट की जा सके। यही नहीं जेल से छूटने वाले अपराधियों की भी निगरानी की जा सके। अभी तक एप के जरिए ब्800 अपराधियों का डाटा रिकॉर्ड किया जा चुका है। अभी डाटा फीडिंग का काम चल ही रहा है और अपराधियों का आंकड़ा पुलिस की संख्या से कहीं और अधिक जा सकता है।

यह है हकीकत

-ब्ब् लाख आबादी है वर्ष ख्0क्क् सेंसेस के मुताबिक बरेली की

-ब्8 सौ अपराधी अभी तक त्रिनेत्र एप में हो चुके हैं रजिस्टर्ड

-ख्ब् सौ पुलिसकर्मी मौजूदा समय में हैं बरेली पुलिस में

-ख्9 थाने हैं बरेली डिस्ट्रिक्ट में

-ब् हमले हो चुके हैं पुलिस पर नवंबर माह में ही

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हमले रोकने में नाकाम हो रही पुलिस

अपराधी जब चाहें कर दे रहे हैं हमला

डिस्ट्रिक्ट में पुलिस पर हमले लगातार बढ़ रहे हैं लेकिन इन्हें रोकने में पुलिस नाकाम हो रही है। यू कहें कि अपने को ही पुलिस सेफ नहीं कर पा रही है। संडे को इज्जतनगर और नवाबगंज में पुलिस टीम पर हमले हुए। यहां तक कि पुलिस पर चाकू से भी वार कर दिया गया। यह दो हमले ही पुलिस के गिरते इकबाल को बयां कर रहे हैं। इसके अलावा पहले भी कई बार पुलिस पर हमले हो चुके हैं। पुलिस सिर्फ हमले के बाद एफआईआर दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर जेल देती है, इसके अलावा वह कुछ भी नहीं कर पाती है।

केस क्-इज्जतनगर के परतापुर जीवन सहाय में चीता मोबाइल पर वाहन चोर अख्तर ने अपने दो साथियों के साथ हमला बोल दिया। तीनों ने सिपाहियों की लात-घूसों से जमकर पिटाई की और फिर पुलिस पर ही पिटाई के आरोप लगा दिए। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

केस ख्-नवाबगंज के गांव टांडा परोथी में शराब तस्करों ने पुलिस टीम पर हमला बोल दिया। शराब तस्कर भैरो प्रसाद ने एसआई प्रवीण मलिक पर चाकू से वार कर दिया। पुलिस ने भैरो प्रसाद को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया लेकिन मौके से तस्कर की पत्‍‌नी और बेटा भाग गए।

केस फ्-कोतवाली में मेयर कैंप ऑफिस के सामने जुआरियों ने झगड़ा किया और जब सूचना पर पुलिस पहुंची तो पुलिस पर ही हमलावर हो गए। पुलिस ने किसी तरह से अपनी जान बचायी। पुलिस ने जुआरियों को तो गिरफ्तार कर लिया लेकिन अभी तक पुलिसकर्मी सामने नहीं आए हैं।

केस ब्-इज्जतनगर में जुआरियों को पकड़ने गई पुलिस पर हमला हो गया। पुलिस ने मौके से एक जुआरी को पकड़ लिया। पुलिस उसे बाइक पर बैठाकर ला रही थी कि उसने सिपाही का हाथ चबा लिया और मौके से फरार हो गया।

यह ब् केस तो नवंबर माह में ही हो चुके हैं। शायद ही कोई ऐसा महीना हो जिस महीने में पुलिसकर्मियों पर हमले न होते हों। चाहें सिपाही हो या फिर दरोगा, क्रिमिनल किसी से नहीं डर रहे हैं। होमगा‌र्ड्स को तो लोग जैसे मजाक ही समझते हैं। कोई भी छोटी बात पर हमला कर देता है। कुछ दिनों पहले चौकी चौराहा और सैटेलाइट पर चेकिंग के दौरान ही पुलिस टीम पर हमला कर दिया गया था।

नोट-अधिकारी का वर्जन दिया जाएगा।

Posted By: Inextlive