आगरा। तीन तलाक कानून भले ही अस्तित्व में आ चुका हो, लेकिन पुलिस थाने अब भी इसके लिए तैयार नहीं हैं। कंप्यूटर पर एफआईआर दर्ज करने में पुलिस को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वह मैनुअली शिकायत करने को मजबूर हैं।

फॉरमेट नहीं है उपलब्ध

तीन तलाक पर मुस्लिम वीमन (प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स ऑन मैरिज) एक्ट 2019 नया कानून लागू किया गया है। लेकिन, अभी तक थानों में कम्प्यूटर में सॉफ्टवेयर को अपडेट नहीं किया गया। नए कानून का फॉरमेट नहीं होने पर एफआईआर सिस्टम पर अपलोड नहीं हो रही हैं। इससे शिकायत दर्ज करने में सिपाहियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

थानों में लिखी मैनुअल एफआईआर

लोहामंडी थाने में तीन तलाक का शनिवार को पहला मामला दर्ज किया गया। जिसमें महिला ने आपने ममेरे भाई से लव मैरिज की थी। सात महीने बाद ही शौहर ने तीन तलाक बोलकर उसे घर से निकाल दिया। इस पर पीडि़ता ने परिजनों के साथ थाने पहुंचकर तहरीर दी। लेकिन सिस्टम पर सॉफ्टवेयर अपलोड नहीं होने पर मैनुअल रिपोर्ट लिखी गई। इस संबंध में ऑपरेटर और पुलिस अधिकारियों के बीच असमंजस की स्थिति बनी रही। बाद में उच्चाधिकारियों के आदेश में स्थिति स्प्ष्ट हो सकी।

पुलिस को नहीं कानून की जानकारी

पुलिस स्टेशनों में सिस्टम को ऑपरेट कर रहे अधिकतर पुलिसकर्मियों को तीन तलाक पर बने कानून की जानकारी नहीं है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने शहर के दो अलग-अलग थानों में उपनिरीक्षकों से कानून के विषय में जानकारी लेने की कोशिश की, लेकिन वह स्पष्ट रूप से नहीं बता सके।

क्या कहते हैं कानून विशेषज्ञ

तीन तलाक कानून लागू होने पर मुस्लिम महिला प्रोटेक्शन एक्ट को लागू किया गया है। पूर्व में तीन तलाक बोलने के बाद हमेशा के लिए संबंध खत्म कर दिए जाते थे, जिससे महिलाओं में असुरक्षा की भावना रहती थी। वर्तमान में धारा 4 को एड किया गया है।

Posted By: Inextlive