कुंभ मेला एरिया में अस्तित्व में आए थाने, बुनियादी सुविधाओं का टोटा

चोक हो गए कई थानों के शौचालय, क्षमता से बेहद कम हैं टेंट में स्पेश

अलाव की व्यवस्था न होने से ठंड में ठिठुर रहे हैं जवान

mukesh.chaturvedi@inext.co.in

PRAYAGRAJ: स्नान पर्व कुंभ का आगाज होने में अब सिर्फ 13 दिन शेष रह गये हैं। अखाड़ों का कुंभ मेला क्षेत्र में आगमन शुरू हो चुका है। संगम की रेती पर आबाद होने वाले अस्थायी शहर का खाका तैयार हो चुका है। थानों की स्थापना हो चुकी है। पुलिसकर्मियों की तैनाती हो चुकी है। आदेश हो चुका है कि जिनकी डयूटी लगी है वे अपने टेंट में ही रात्रि प्रवास करें। आदेश है तो मानना तो होगा ही। कम से कम पुलिसकर्मी तो इसे मानने पर मजबूर ही हैं क्योंकि वे बाहर से आए हैं और कहीं और ठिकाना भी नहीं है। इनके ठिकानों का हाल क्या है यह जाना दैनिक जागरण आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने मंगलवार को।

शास्त्री सेतु थाना: खरीदकर पी रहे पानी

रिपोर्टर ने शुरुआत काली मार्ग से की। न्यू इयर सेलीब्रेशन के लिए बड़ी संख्या में पब्लिक का मूवमेंट था। नतीजा रोड पैक थी। जैसे-तैसे यहां तक पहुंचने में कामयाबी मिली। थाने में रहने के लिए टेंट व खाने के लिए मेस की व्यवस्था दुरुस्त मिली। सप्लाई का पानी आ रहा था। कर्मचारियों के पास एक ही विकल्प था। वे या तो इस पानी को पिएं या फिर खुद पीने के लिए पानी खरीदें। बताया गया कि आरओ लगने वाला है। कब तक लगेगा? इसका कोई जवाब किसी के पास नहीं था। जवानों ने बताया रात में रेत के चलते गलन बढ़ जाती है। चौराहों पर कहीं अलाव की व्यवस्था नहीं है। इससे ड्यूटी करना दुश्वार हो जाता है। इस थाने पर 70 पुलिसकर्मी तैनात हैं। शौचालय कुल चार बनाये गये हैं।

थाना अखाड़ा: टॉयलेट के लिए लाइन

यहां से रिपोर्टर थाना अखाड़ा पहुंचा। यहां थाना प्रभारी भास्कर मिश्र मिले। इस थाने में कुल 186 कांस्टेबल, 11 सब इंस्पेक्टर व दो वायरलेस मैच, 16 दीवान की तैनाती है। जवानों को रहने के लिए यहां 14 टेंट लगाए गए हैं। पेशवाई निकल रही थी लिहाजा इंस्पेक्टर सूचना आते ही निकल लिए। पुलिसकर्मियों ने बताया कि यहां सबसे ज्यादा दिक्कत शौचालय की है। कुल पांच शौचालय हैं जो चोक हो गए हैं। शौचालय अब सोख्ता विधि से बनाए जा रहे हैं। मेस की स्थिति व वायरलेस आदि की स्थिति यहां भी ठीक ही है।

अखाड़ा फायर स्टेशन: रात में लगता है बिस्तर भींग गया है

कुंभ मेला अखाड़ा फायर स्टेशन की दशा भी दयनीय ही नजर आई। इस स्टेशन के इंचार्ज भरत राम हैं। यहां 14 कांस्टेबल व दो हवलदार एवं तीन चालक की तैनाती है। बताया गया कि अभी और कांस्टेबल तैनात किए जाने हैं। सिपाहियों ने सीधे किसी बात का जवाब नहीं दिया। लेकिन, बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ तो बताने लगे, पुआल इतना कम मिला है कि रात में लगने लगता है कि बिस्तर गीला हो गया है। टॉयलेट चोक हैं। फिर से निर्माण कराया जा रहा है। फिलहाल खुले में शौच जाना पड़ रहा है। मेस के लिए लकड़ी मिल नहीं रही तो अलाव की बात करना ही व्यर्थ है। रोशनी के लिए लगाए गए कई बल्ब फ्यूज हो गए थे, उसे दोबारा लगाया गया है।

थाना गंगा प्रसार: चौकियां अस्तित्व में ही नहीं आयीं

रिपोर्टर थाना गंगा प्रसार पहुंचा तो पता चला कि पुलिस चौकियों का निर्माण अब तक नहीं हुआ है। इससे रात्रि गश्त प्रभावित है। इस थाने पर 42 कांस्टेबल, दो हेड कांस्टेबल, तीन दरोगा अब तक तैनात किए गए हैं। यहां के इंचार्ज जगदम्बा सिंह बताए गए। सिपाहियों का कहना था कि थाने पर लगाए गए विद्युत बल्ब चौबीसों घंटे जलते रहते हैं। इसे ऑन व ऑफ करने के लिए स्विच बोर्ड नहीं लगा है। पीने के लिए पानी का भी संकट है। कड़ाके की ठंड पड़ रही है हर जवान को 12 घंटे की ड्यूटी देनी पड़ती है। रात में अलाव की व्यवस्था न होने से ठंड में वे ठिठुर रहे हैं।

महिला थाना झूंसी कुंभ: अब तक बोर्ड ही नहीं

थाना गंगा प्रसार के आगे यमुना नदी के पास महिला थाना झूंसी कुंभ स्थित है। इस थाने पर 60 महिला कांस्टेबल, दो दरोगाओं की तैनाती है। प्रभारी रंजना तिवारी हैं। थाने में कुल चार टेंट छोटे वाले लगाए गए हैं। इसी में सभी को रात बितानी है। स्पेश की बताने पर अफसरों से जवाब मिला कि इसी से काम चलाना पड़ेगा। सिर्फ चार शौचालय के चलते बनाए गए हैं। 63 महिलाओं के लिए सिर्फ चार टॉयलेट के चलते सुबह सबको लाइन में लगना पड़ता है। बाथरूम भी जवानों की संख्या के अनुपात में काफी कम हैं। पानी जवानों को खुद खरीद कर पीना पड़ रहा है। अभी तक इस थाने का बोर्ड तक नहीं लगाया जा सका है।

Posted By: Inextlive