- पत्रकार के परिवार पर हमले का मामला

- एसपी ग्रामीण जाचेंगे पुलिस कर्मियों की भूमिका

GORAKHPUR: गुलरिहा एरिया के सरहरी, बनरहा टोले पर पत्रकार के घर चढ़कर धावा बोलने, मारपीट करके परिवार के लोगों को घायल करने के मामले में फरार अभियुक्तों को पुलिस अरेस्ट नहीं कर सकी है। इस मामले में सरहरी चौकी पर तैनात पुलिस कर्मचारियों के भूमिका की जांच होगी। एसएसपी ने एसपी ग्रामीण को जांच सौंपी है। उधर सपा जिलाध्यक्ष डॉ। मोहसिन खान ने पत्रकार के घर चढ़कर हमला करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए एसएसपी से बात की। उन्होंने कहा कि इस मामले के दोषी पुलिस कर्मचारियों को भी सरहरी चौकी से तत्काल हटाया जाए।

होली के दिन बोला हमला

वरिष्ठ पत्रकार अरुण कुमार मुन्ना के परिवारीजन गांव में रहते हैं। गुरुवार को होली के दिन पत्रकार के चाचा एडवोकेट कृष्ण प्रताप नारायण पासवान अपने दरवाजे पर बैठे थे। तभी गांव का जनार्दन निषाद अपने साथ मित्र रमाकांत के साथ पहुंचा। उसने अधिवक्ता को गाली देना शुरू कर दिया। इससे मना करने पर जनार्दन ने संतराज निषाद पुत्रगण देवनाथ, रमाकांत निषाद, छोटू निषाद, पृथ्वी निषाद पुत्रगण लालचंद, अजय यादव पुत्र राम सूरत, राकेश निषाद पुत्र कुंवर, राजेश निषाद पुत्र झिनकू को बुलाकर हमला बोल दिया। पत्रकार के घर में घुसकर लोगों को पीटा। आसपास के लोगों के जुटने पर मनबढ़ भागे। हमले में अधिवक्ता कृष्ण प्रताप नारायण सहित परिवार के कई लोग घायल हो गए।

कार्रवाई के बजाय चौकी पर बैठाया

हमले की सूचना पाकर सरहरी चौकी पर तैनात दरोगा और सिपाही मौके पर पहुंचे। आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के बजाय पीडि़त पक्ष को चौकी पर बैठा लिया। प्रधान के प्रभाव में आरोपियों को नहीं पकड़ा। बाद में पुलिस अधिकारियों के हस्तक्षेप पर आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया। आठ नामजद सहित कई अज्ञात लोगों के मुकदमा लिखकर पांच लोगों को अरेस्ट कर लिया, लेकिन तीन नामजद अभियुक्त अभी फरार चल रहे हैं।

गांव में उत्पात मचाते रहे मनबढ़

पत्रकार के घर हमला करने के आरोपी कई दिनों से उत्पात मचा रहे थे। बावजूद उनके खिलाफ पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। हमले के एक दिन पूर्व आरोपी जनार्दन, संतराज, अजय और रमाकांत ने गांव के राम भजन पर हमला किया था। इस मामले में सरहरी चौकी पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। इसके पहले भी जनार्दन और उसके सहयोगी कई लोगों से मारपीट कर चुके थे, लेकिन उनके आगे नतमस्तक सरहरी पुलिस कार्रवाई से कतराती रही।

आयोग करेगा मामले की जांच

पत्रकार के परिजनों पर हमले का मामला तूल पकड़ रहा है। अनुसूचित जाति आयोग ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। आयोग से जुड़े लोगों का कहना है कि हमले से ज्यादा निदंनीय सरहरी चौकी पुलिस की भूमिका है। दबंगों को शह देने वाली पुलिस ने पत्रकार के परिवार को चौकी पर बैठा लिया। अनुसूचित जाति आयोग की जिला कोऑर्डिनेटर निर्मला पासवान, आयोग के समन्यवक महेंद्र मोहन गुड्डू, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के मंडल महासचिव सुरेंद्र मोहन के नेतृत्व में टीम दौरा करेगी। आयोग के सदस्यों का कहना है कि दंबगों को शह देने वालों के खिलाफ भी केस दर्ज होना चाहिए।

पुलिस कर्मचारियों के भूमिका की जांच शुरू कर दी गई है। इसकी रिपोर्ट आने पर तत्काल कार्रवाई होगी। अन्य अभियुक्तों की पुलिस तलाश कर रही है।

ब्रजेश सिंह, एसपी ग्रामीण

Posted By: Inextlive