- अभियान चलाकर छह हजार मुकदमों का किया निस्तारण

- प्रेशर कम होने से पब्लिक के मामले सुलझा सकेगी पुलिस

GORAKHPUR: जिले में तैनात एसओ और दरोगा मुकदमों के बोझ का बहाना बनाकर पब्लिक के कामों को टरका नहीं सकेंगे। पब्लिक की शिकायत सामने आने पर त्वरित कार्रवाई करते हुए मामलों का निस्तारण करना होगा। करीब छह हजार मुकदमों के बोझ तले दबी पुलिस को भारी राहत मिली है। तीन माह के अभियान में महज 13 सौ पुराने मामले पेडिंग रह गए हैं। एसएसपी ने कहा कि रोजाना औसतन 30 मुकदमे दर्ज किए जाते हैं। पुराने मामलों सहित करीब 16 सौ मुकदमे पेडिंग हैं जिनके निस्तारण की योजना बना ली गई है।

मुकदमों के प्रेशर से नहीं होता काम

थानों पर दर्ज होने वाले मुकदमों की विवेचना पेडिंग रहने से कामकाज प्रभावित होता है। दिनभर की भागदौड़ में बिजी होने से विवेचना दरोगा फाइलों को समय नहीं दे पाते हैं। इससे फरियादियों को न्याय मिलने में विलंब होता है। लोग थानों के चक्कर काटते रह जाते हैं। मुकदमों का बोझ बढ़ने के बहाने सामने आने पर पूर्व आईजी हरीराम शर्मा ने जोनभर की पुलिस को कार्ययोजना बनाने का निर्देश दिया। इसके आधार पर काम करते हुए पुलिस ने छह हजार से अधिक मामलों का निस्तारण कर दिया। एसएसपी ने टारगेट फिक्स किया है कि 15 जून तक बचे कुचे मामलों को खत्म करा दिया जाए।

क्या होगा फायदा

- मुकदमों का प्रेशर होने पर पुलिस केस दर्ज करने से कतराती है।

- कम मामले होने पर थानेदार केस दर्ज करने में कोताही नहीं करेंगे।

- समय मिलने पर पुलिस केस की तफ्तीश ठीक ढंग से कर सकेगी।

- अभियुक्तों की धरपकड़, फरियादी को न्याय दिलाने के लिए पुलिस कोर्ट में पैरवी कर सकेगी।

- समय से कार्रवाई होने पर अफसरों के दफ्तर में शिकायतों का प्रेशर कम होगा।

इस तरह से सफल हुई पुलिस

- हर मामले की विवेचना के लिए पुलिस अधिकारी नामित किए गए।

- विवेचना में सबकी जिम्मेदारी तय करते हुए निस्तारण में सहयोग का निर्देश।

- छोटे मामलों की विवेचना हेड कांस्टेबल को देकर निस्तारण कराया गया।

- हर मामले की विवेचना की लिए 45-60 दिन का समय निर्धारित।

- चौकी प्रभारी, दरोगाओं के ताबड़तोड़ तबादलों पर रोक, विशेष परिस्थितियों में बदलाव।

- डीएनए टेस्ट, बिसरा जांच सहित दूसरे विभागों में लंबित मामलों का अलग श्रेणी में विभाजन

- चोरी, अज्ञात डेड बॉडी, लावारिस माल बरामदगी सहित कई मुकदमों में फाइनल रिपोर्ट लगाने का निर्देश

विवेचनाओं के निस्तारण के लिए सबकी जिम्मेदारी तय कर दी गई है। तीन माह के भीतर करीब छह हजार मामलों का निस्तारण करा दिया गया है। रोजाना दर्ज होने वाले मामलों के साथ-साथ कुछ पुराने मुकदमे बचे हैं। 15 जून तक उन मुकदमों का निस्तारण करा दिया जाएगा।

- अनंतदेव, एसएसपी

Posted By: Inextlive