हाई कोर्ट की सुरक्षा को चुनौती देने वाले ने जस्टिस का ध्यान खींचने के लिए रखा था बम

संविदा पर रहे पूर्व कर्मचारी ने किया था सिक्योरिटी को चैलेंज

गुरुवार की रात कोर्ट नंबर 55 के सामने से मिले संदिग्ध सामान से मच गया था हड़कंप

ALLAHABAD: हाई कोर्ट की तीन लेयर की सिक्योरिटी को चैलेंज करने वाला यहीं का एक संविदा पर तैनात रहा एक पूर्व कर्मचारी था। जस्टिस का ध्यान अपनी ओर खींचकर जॉब में वापसी के लिए उसने यह पूरा गेम किया था। अलग बात है कि उसे नौकरी तो मिलने से रही, पुलिस ने उसे जेल की हवा खिला दी है। सीसीटीवी फुटेज से ट्रेस हुए इस शख्स को पुलिस ने शुक्रवार को मीडिया के सामने पेश किया तो उसने सब कुछ उगल दिया।

मूल रूप से अमेठी का निवासी

पुलिस की गिरफ्त में आने वाला संतोष कुमार अग्रहरि पुत्र स्व श्रीकांत अग्रहरि मूलत: अमेठी जनपद के मुसाफिर खाना वार्ड 8 का रहने वाला है। वर्तमान में वह अपने पूरे परिवार के साथ राजरूपुर में रह रहा है। पुलिस की पूछताछ में उसने बताया कि 14 साल से वह हाईकोर्ट में संविदा कर्मचारी के रूप में काम कर रहा था। परमानेंट होने का कोई चांस नहीं बना और इधर बीच संविधा समाप्त होने के बाद उसे नौकरी से बाहर भी कर दिया गया। इससे पत्‍‌नी और दो बच्चों के पालन-पोषण का संकट खड़ा हो गया। क्या करें-कैसे करें? को लेकर उसके दिमाग में एक आइडिया ने जन्म लिया कि सीधे जस्टिस तक पहुंचकर अपनी बात रखी जाय। इसका और कोई रास्ता उसे नहीं सूझा तो दिमाग में एक फितूर ने जन्म लिया। जस्टिस का भरोसा जीतने का। प्लान बनाया कि कोर्ट के बाहर एक टिफिन में मामूली बम रख दिया जाय। इसे बताकर वह जस्टिस का भरोसा जीत लेगा और शाबाशी के रूप में नौकरी मिल जाएगी। लेकिन, दांव उल्टा पड़ गया।

भरोसे के बूते बिना चेकिंग इंट्री

मीडिया के सामने संतोष ने बताया कि संविदा समाप्त होने के बाद उसे नौकरी से बाहर कर दिया गया लेकिन कोर्ट में इंट्री के लिए बना पुराना कार्ड उसके पास ही था। इसी के जरिए वह कोर्ट कैंपस में इंट्री करता था। कर्मचारी उसे जानते थे, इसलिए आमतौर पर उसे कोई रोकता-टोकता नहीं था। उसकी चेकिंग भी नहीं होती थी। इसी के सहारे वह टिफिन लेकर कोर्ट रूम तक पहुंच गया। उसके मुताबिक खाली टिफिन उसने बुधवार को ही कोर्ट में पहुंचा दिया था जबकि सुतली बम बनाने का मॅटिरियल लेकर वह गुरुवार को कोर्ट में घुसा था। मॅटिरियल जेब में था इससे किसी को कुछ पता नहीं चला।

कोर्ट कैंपस में ही बनाया बम

संतोष ने बताया कि उसने कोर्ट कोर्ट कैंपस में ही सुतली बम को तैयार किया था और वहीं छोड़कर आ गया। कोर्ट प्रिमाइस में सस्पेक्टेड मॅटिरियल को कोर्ट के ही एक संविदा कर्मचारी ने देखा था और गेट नंबर दो के सुरक्षाकर्मियों को सौंप दिया था। इसके बाद कोर्ट प्रिमाइस में हलचल बढ़ गई। आईजी से लेकर एसएसपी तक पहुंच गए और बम डिस्पोजल युनिट, एटीएस, डॉग स्क्वॉड को बुला लिया गया। रात में डिस्पोज ऑफ होने के बाद बताया गया कि टिफिन में कोई ऐसा एक्सप्लोसिव नहीं था जिससे कोई खतरा हो। यह मामूली सुतली बम था।

सीसीटीवी फुटेज से खुला राज

इसे लेकर कोर्ट प्रिमाइस में आने वाले का राज जानने के लिए पुलिस ने कोर्ट प्रिमाइस में लगे सीसीटीवी की फुटेज को खंगालना शुरू कर दिया। इसी में संतोष का आना-जाना दिख गया। शक के आधार पर पुलिस ने उठाया और कड़ाई से पूछताछ की तो उसने पूरा घटनाक्रम और इसके पीछे का कारण उगल दिया। इसके बाद अफसरों ने राहत की सांस ली और उसका चालान कर दिया।

एक नजर में हाई कोर्ट की सुरक्षा

कुल 220 सीसीटीवी कैमरों से होती है पूरे परिसर की निगरानी

तीन लेयर में बंटा हुआ है पूरा सिक्योरिटी सिस्टम

सीआरपीएफ और सिविल पुलिस मिलकर देखते हैं सिक्योरिटी अरेंजमेंट

एसपी हाई कोर्ट और सीओ हाई कोर्ट की पोस्ट हाल ही में सृजित की गई है

बिना पहचान पत्र के किसी को कोर्ट प्रिमाइस में प्रवेश की इजाजत नहीं

जस्टिस, अधिवक्ता और वादकारियों को मिलती है सेपरेट गेट से इंट्री

गेट पर वादकारियों की चेकिंग है अनिवार्य, इंट्री पास भी चेक किया जाता है

सुरक्षा में सेंध पर सवाल

गेट पर सभी की चेकिंग करने का नियम है तो कैसे आपत्तिजनक सामान पहुंचा भीतर

हैंडहेल्ड मेटल डिटेक्टर से परखा जाता है कोर्ट प्रिमाइस में जाने वाला हर शख्स तो यहां चूक कैसे हुई

कार्ड को चेक करने में लापरवाही बरतते हैं सुरक्षाकर्मी

मेटल डिटेक्टर का इस्तेमाल भी चुनिन्दा लोगों पर ही किया जाता है

कोर्ट में बम बांधते समय कैसे वह किसी की नजर में नहीं चढ़ा

मॉनिटरिंग सिस्टम में भी है प्राब्लम

आरोपी ने अपना गुनाह कुबूल कर लिया है। उसने नौकरी के लिए यह ड्रामा रचा। गेट नम्बर पर चार पर तैनात कर्मचारियों ने लापरवाही की है, उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी। कोर्ट की सुरक्षा को और पुख्ता करने के इंतेजाम किए जा रहे हैं।

शलभ माथुर, एसएसपी

Posted By: Inextlive