-साइबर ठगी के बाद पुलिस और बैंक से लड़ता रहा सिपाही

-6 महीने के बाद सिपाही के खाते में आया 1.60 लाख रुपया

PATNA(16Sept)

अगर आप साइबर ठगी के शिकार हो गए हैं और आपने जालसाजों को अपनी ओर से कोई जानकारी नहीं दी है तो आपके रुपए वापस मिल जाएंगे। आप चौकिए नहीं ये हकीकत है। पटना में तैनात एक पुलिसकर्मी सिस्टम से 6 महीने तक लड़ा और बैंक द्वारा ठगी के रुपए उसे लौटाने पड़े। दरअसल पटना पुलिस लाइन में तैनात सिपाही विकास कुमार के खाते से 29 मार्च 2019 को साइबर जालसाजों 1 लाख 60 हजार रुपए निकाल लिया। विकास ने जालसाजों को अपनी कोई भी जानकारी नहीं दी थी। इसके बाद विकास ने पहले थाने में इसकी शिकायत की और फिर बैंक में। बैंक ने विकास की शिकायत पर जांच किया और पाया कि सिपाही की कोई गलती नहीं है। इसके बाद बैंक ने ठगी के 1.60 लाख रुपए उन्हे लौटा दिया। विकास ने बताया कि पहले मुझे लोग कहते थे कि ठगी का पैसा वापस नहीं मिलता लेकिन मैंने तय कि अपना हक लेकर ही रहूंगा। जिसका नतीजा है कि बैंक द्वारा मुझे रुपए वापस कर दिया गया।

आप भी ले सकते हैं अपना हक

1. सवाल : अगर किसी के साथ साइबर क्राइम हो गया है तो वो सबसे पहले क्या करे

जवाब : सबसे पहले टॉल फ्री नंबर पर इसकी जानकारी देनी चाहिए और कार्ड को ब्लॉक कर देना चाहिए।

2. सवाल : ब्लॉक करने के बाद अगला कदम क्या उठाना चाहिए

जवाब : थाने में जाकर पीडि़त को एफआईआर दर्ज कराना चाहिए।

3. सवाल : पुलिस अगर मुकदमा दर्ज नहीं करे तो ऐसे में क्या करना चाहिए

जवाब : ऐसे में लोगों को वरीय अधिकारी से संपर्क करना चाहिए।

4. सवाल : थाने में एफआईआर दर्ज होने के बाद क्या करना चाहिए

जवाब : एफआईआर की एक प्रति लेकर पीडि़त को बैंक जाना चाहिए और वहां पर इसकी लिखित शिकायत करनी चाहिए।

5. सवाल : बैंक में किससे मिले और क्या करें

जवाब : बैंक जाने के बाद मैनेजर से मिले और वहां से लेन-देन विवाद पत्र मांगे और उसे सावधानी पूर्वक भरकर बैंक में जमा कर दे।

6. सवाल : जमा करने के बाद क्या प्रक्रिया है

जवाब : पीडि़त द्वारा बैंक में शिकायत करने बाद बैंक आपके द्वारा पीडि़त की शिकायत पर जांच की जाती है।

7. सवाल : ये जांच कितने दिनों तक चलती है

जवाब : नियमत: ये जांच 30 दिन में पुरी होनी चाहिए, अगर ऐसा नहीं होता है तो इसकी शिकायत बैंकिंग लोकपाल रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को कर सकते हैं।

8. सवाल : साइबर फ्रॉड के पैसे मिलने की उम्मीद होती है

जवाब : यदि उपभोक्ता द्वारा किसी भी प्रकार की गलती नहीं की गई है (गोपनीय जानकारी किसी के साथ साझा नहीं किया हो) तो उसके पैसे देने की जिम्मेदारी बैंक की होती है और बैंक पैसे लौटाता भी है।

रवि पांडेय, फाइनेनसियल एक्सपर्ट, पटना

आए दिन लोग हो रहे हैं ठगी के शिकार

वर्ष - शिकायत

2014 - 84

2015- 187

2016 - 167

2017 - 150

2018 - 141

2019 - 93

पटना में किस तरह से हो रहे ठगी

- 77 एटीएम ठगी।

- 37 फेसबुक से ठगी।

- 12 इमेल से ठगी।

- 04 वाट्सएप से ठगी।

- 03 वेबसाइट से ठगी।

- 08 लैपटॉप से ठगी।

Posted By: Inextlive