- ट्रेवेल एजेंसी एजेंट सुनील कुमार उपाध्याय की हुई थी किडनैपिंग, बरामद, 30 घंटे तक बंधक बनाये रखा

- उसी के फोन से मांगी फिरौती, सचिवालय थाना का सिपाही दीपक सहित चार लोग गिरफ्तार

- छह जून को हुआ था अपहरण, पांच लाख मांगी थी फिरौती, बेऊर थाने में दर्ज हुआ था मामला

PATNA : बेऊर थाना की पुलिस ने ट्रेवेल एजेंसी के एजेंट सुनील कुमार उपाध्याय किडनैपिंग केस को सुलझा लिया है। इस किडनैपिंग के मास्टर माइंड का जब खुलासा हुआ तो पुलिस भी चौंक पड़ी। दरअसल इस पूरे खेल के पीछे सचिवालय थाना में क्वीक मोबाइल जवान के रूप में पोस्टेड दीपक कुमार नाम का कांस्टेबल निकला। उसने ही कुछ लोगों के साथ मिलकर बेऊर के हरिश्चन्द्र नगर में रहने वाले सुनील की किडनैपिंग की थी। छह जून को सिपारा पुल के समीप सुनील को टिकट लेने के लिए बुलाया जहां से बाइक पर बैठकर गर्दनीबाग अमित प्रताप सिंह के घर ले गये और कब्जे में ले लिया। इसकी जानकारी एसपी वेस्ट राजीव मिश्रा ने दी। उन्होंने बताया कि इस मामले में सिपाही दीपक कुमार (गर्दनीबाग) सहित श्याम राय (छपरा) रंजीत साव (सरिस्ताबाद), अनिल प्रताप सिंह (यारपुर) को गिरफ्तार किया गया। कुछ और लोग भी शामिल हैं जिनकी गिरफ्तारी के प्रयास हो रहे हैं।

फ्लाइट के टिकट के लिए बुलाया था

म् तारीख को करीब क्क्.फ्0 बजे दिन में सिपारा पुल के पास सुनील को श्याम के मोबाइल फोन से कॉल कर फ्लाइट का टिकट बुक करवाने के लिए बुलाया। जब सुनील वहां पहुंचा तो दीपक भी था। उसने कहा कि वह एसटीएफ से है और उसे लेकर अमित के घर चले गये, जहां उसके ही मोबाइल फोन से बेटी को कॉल कर पांच लाख की फिरौती मांगी।

दीपक ही कर रहा था डील

सुनील के लापता होने की जानकारी उसकी उसकी पत्नी लल्ली देवी ने छह जून को थाने को दी थी। इसके बाद ही उसकी बेटी के मोबाइल पर फोन कर पांच लाख रुपये की फिरौती मांगी जाने लगी। पुलिस को इसकी जानकारी दी गई। रुपये की डीलिंग दीपक ही कर रहा था। पुलिस की जांच में बार-बार उसका लोकेशन सचिवालय थाना एरिया में आ रहा था। पांच लाख की फिरौती से 70 हजार रुपये तक आ गये थे। इसी बीच पुलिस ने श्याम को गिरफ्तार कर लिया क्योंकि उसके ही मोबाइल से सुनील को कॉल किया गया था। इसके बाद अमित डर से उसे छोड़कर भाग गया। इसके बाद सुनील बरामद हुआ। पुलिस इस अपराधियों को पकड़ने के लिए लगी रही और दो दिन बाद दीपक सहित चार लोग पकड़ लिये गये। इस मामले में चंदन सहित कुछ और लोग फरार हैं जिनके लिए पुलिस छापेमारी कर रही है।

हर छापेमारी में जाता था दीपक

दीपक सचिवालय थाना का काफी एक्टिव पुलिसकर्मी था। हर रेड में उसे जरूर ले जाया जाता। इसी का फायदा उसने उठाया और गलत काम करने लगा। पुलिस वालों का भरोसा तोड़ा। इस संबंध में सचिवालय डीएसपी डॉ मो शिब्ली नोमानी ने बताया कि भरोसा ही नहीं था कि वह ऐसा करेगा मगर जब सच्चाई सामने आई तो उसे थाने बुलाकर गिरफ्तार कर लिया गया। उसके घर वाले भी थाने में पैरवी करने आये थे मगर उनकी नहीं सुनी गई। पुलिस वाला होकर ऐसा किया है कि कोई क्या भरोसा रखेगा पुलिस पर। डीएसपी ने बताया कि उसे निलम्बित किया जायेगा। उसके बारे में और भी मिली शिकायतों की जांच शुरू कर दी गई है।

क्वीक मोबाइल पर लगता रहा है दाग

क्वीक मोबाइल के जवान रुपये की वसूली करते हैं, लोगों को डराते धमकाते हैं इस तरह के आरोप लगते रहे हैं। पीरबहोर थाना एरिया में भी एक चाचा भतीजी को परेशान करने वाला क्वीक मोबाइल का जवान सस्पेंड हुआ था। इसके अलावा एसके पुरी थाना एरिया में भी चिल्ड्रेन पार्क के पास क्वीक मोबाइल जवान की लड़ाई हुई थी। कुछ दिन पहले ही एक एसआई को क्वीक मोबाइल के सिपाही ने राजेन्द्र नगर टर्मिनल के पास पीट दिया था।

एक बार ही बदल दिये गये थे

इन लोगों की शिकायतें लगातार पुलिस को मिल रही है। यही कारण है कि कुछ दिनों पहले ही सभी क्वीक मोबाइल को बदला गया था। बावजूद इसके सुधार नहीं हो पा रहा है। कुछ पुलिस वालों की हरकतों के कारण पुलिस की छवि खराब हो रही है। नशे में धुत पुलिस वालों की करतूतें भी हाल के दिनों में सामने आई है।

Posted By: Inextlive