15 हजार पुलिस वाले 17 गैंगस्टर ही पकड़ पाए

- 24 घंटे के विशेष अभियान को कराया फ्लाप

- डीआईजी ने लगाई फटकार, कप्तानों को लिखा कड़ा लेटर

ALLAHABAD:

इलाहाबाद रेंज में लगभग 15 हजार पुलिस वाले हैं, जिन्होंने अपनी 'काबिलियत' 24 घंटे के गैंगस्टर की धरपकड़ के विशेष अभियान के दौरान दिखा दी। डीआईजी जितेंद्र कुमार शाही के निर्देश पर रेंज के इलाहाबाद, प्रतापगढ़, कौशांबी व फतेहपुर में गैंगस्टर की अरेस्टिंग के लिए अभियान चलाया गया था। जानकर हैरत होगी कि 24 घंटे में पुलिस सिर्फ 17 गैंगस्टर को ही पकड़ पाई। इस पर डीआईजी ने फटकार लगाई है और बचे हुए गैंगस्टर की जल्द से जल्द अरेस्टिंग कराने का निर्देश दिया है। उन्होंने अभियान को हल्के में लेने वालों के खिलाफ कार्रवाई की बात भी कही है।

लिस्ट भी नहीं दे पाए थे

चारों जिलों से अभियान से पहले वांछित गैंगस्टर की लिस्ट मांगी गई थी। कोई भी जिला निर्धारित समय के भीतर लिस्ट नहीं सौंप पाया था। इलाहाबाद व प्रतापगढ़ की स्थिति तो काफी खराब थी। कौशांबी व फतेहपुर की लिस्ट में भी कई नाम छूटे हुए थे। जांच में पाया गया कि अरेस्टिंग की कोशिश की बात तो दूर है, किसी भी सीओ के पास तो गैंगस्टर की सूची तक नहीं थी।

कागज में दे रहे दबिश

अभियान के दौरान पता चला कि इलाहाबाद से वांछित रजनीश हेला कौशांबी से जेल जा चुका है। जिस मामले में वह वांछित था, उसमें वारंट तक नहीं बना। डीआईजी का कहना है कि ऐसे मामले और जिलों में भी हो सकते हैं। उनका कहना है कि साफ है कि पुलिस कागजों में दबिश डाल रही है। अगर पुलिस ने हकीकत में अरेस्टिंग की कोशिश की होती तो दूसरे जिले से जेल जाने का मामला पकड़ में आ जाता। विवेचना व मुकदमा लिखने वाले थानों के बीच सामंजस्य भी नहीं है।

कप्तानों को लिखा लेटर

डीआईजी ने आठ अप्रैल को इलाहाबाद के एसएसपी, प्रतापगढ़, कौशांबी व फतेहपुर के एसपी को लेटर लिखा। उसमें अभियान के दौरान पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए गए। कहा कि सूची तक न होना सीओ की कार्य कुशलता पर प्रश्न चिन्ह लगाता है। ऐसे मामलों में कप्तान अपने स्तर से कार्यवाही कराएं। साथ ही उन्होंने गैंगस्टर के वांछित अभियुक्तों की अरेस्टिंग या कुर्की कर विवेचनाओं का निस्तारण कराने को कहा है।

Posted By: Inextlive