- नीतीश कुमार से पूछा कि क्या जातीय आंकड़ों को संशोधित कर केंद्र को भेजा जा चुका है

- जात-पात, बेटा-बेटी और टमटम लालटेन से कभी आगे नहीं बढ़े लालू

PATNA : आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद जातीय जनगणनना के नाम पर लोगों को फिर से जातिवाद के दलदल में फंसाना चाहते हैं। बिहारी नौजवान तो हाईस्पीड बाइक पर सवार होकर रोजगार की नई-नई मंजिलें पाना चाहता है लेकिन लालू प्रसाद उसे लालटेन की रोशनी में टमटम की सवारी कराना चाहते हैं। वे तो जात-पात, बेटा-बेटी और टमटम लालटेन से कभी आगे ही नहीं बढ़े। ये कहा एक्स डिप्टी सीएम व बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने।

आईटी-वाईटी कह मजाक उड़ाया था लालू ने

सुशील मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद जिस सूचना क्रांति को आईटी-वाईटी कहकर मजाक उड़ाया था, उसी आईटी से करोड़ों युवाओं को काम मिला। अब सीएम नीतीश कुमार बताएं कि क्990 की जातिवादी मानसिकता में फंसे लालू प्रसाद की तेल पिलाई लाठी के सहारे वे ख्0ख्भ् का विजन डाक्यूमेंट कैसे लागू कर सकते हैं?

राज्यों के पास भेजा गया है

कहा कि ख्0क्क् में जनगणना शुरू हुई थी। इसे साल भर में पूरा होना था लेकिन राज्यों में प्राथमिक आंकड़े मिलने में ही चार साल लग गए। मंडल आयोग ने फ्भ्00 जातियों-उपजातियों की पहचान की थी जबकि हाल की जनगणना में लोगों ने ब्म् लाख से ज्यादा जाति, उपजाति, गोत्र आदि दर्ज करा दिए। इन आंकड़ों की जांच और जातियों की सही पहचान के लिए राज्यों क पास भेजा गया है।

फाइनल आंकड़े बिना कैसे जारी हो रिपोर्ट

सुशील मोदी ने सवाल किया कि नीतीश कुमार बताएं कि क्या बिहार से जातीय आंकड़ों को परिमार्जित-संशोधित कर केन्द्र को भेजा जा चुका है? क्या लालू प्रसाद बिहार के फाइनल आंकड़े मिले बिना ही जनगणना रिपोर्ट जारी कराना चाहते हैं?

Posted By: Inextlive