-घटना से दोनों पक्षों में तनाव, पुलिस तैनात

ALLAHABAD:

झलवा की 12 बीघा जमीन को लेकर शहर पश्चिमी में फिर से सियासत गर्मा गई है। एक तरफ पूर्व सांसद अतीक अहमद हैं और दूसरी तरफ विधायक पूजा पाल। विधायक, अतीक के विरोधियों को गोलबंद करने में जुट गई हैं तो दूसरे खेमे में इस वक्त सभी चुप हैं। हालांकि अतीक ने साफ किया है कि उनको साजिश के तहत इस फंसाया जा रहा है। इस घटना के बाद झलवा में तनाव है। पूर्व सांसद व विधायक के समर्थकों में टकराव न हो जाए, इसलिए फोर्स तैनात कर दी गई है।

खोल रखा था मोर्चा

बृजमोहन के गायब होने के बाद से सूरजकली ने पूर्व सांसद अतीक अहमद के करीबी अधिवक्ता कपिल देव त्रिपाठी व अन्य लोगों के खिलाफ मोर्चा खोल रखा था। पहले मामला एसडीएम कोर्ट में गया। फैसला सूरजकली के पक्ष में आया। इस फैसले को कमिश्नर कोर्ट में चुनौती दी गई.इसी बीच सूरजकली की फैमिली को धमकियां मिलने लगीं।

छह दिसंबर वर्ष 2007 को जयश्री के घर पर धावा बोलकर कपिल देव त्रिपाठी, मोतीलाल त्रिपाठी, संतलाल त्रिपाठी, बब्लू त्रिपाठी, खान शौलत हनीफ, इशरत अली, फहीज, जफर उल्ला और गुलहसन ने मारपीट की थी। धूमनगंज थाने की पुलिस ने उस वक्त रिपोर्ट नहीं दर्ज की थी। इसके बाद खुल्दाबाद थाने में एक अक्टूबर वर्ष 2008 में यह मामला दर्ज हुआ। इसी मामले में दो अप्रैल को जयश्री व उसके परिजनों की एसीजेएम (पंचम) की कोर्ट में गवाही होनी थी।

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जमीन खरीदने वाले भी मारे गए

1990 में धूमनगंज के मानिक चंद्र श्रीवास्तव और सुरेश द्विवेदी ने मिलकर शिवकोटी सहकारी आवास समिति का गठन किया था। इसी सोसायटी के लिए बृजमोहन से 12 बीघा जमीन खरीदी गई थी। मानिक चंद्र व सुरेश द्विवेदी समेत समिति के कई सदस्यों की मौत हो चुकी है। बाद में कपिल देव ने सोसाइटी का कामकाज संभाल लिया। कपिल के सामने आने के बाद विवादित जमीन की प्लाटिंग तेज हो गई थी। हॉस्पिटल में नरेंद्र की बहन सुनीता ने कहा कि यह सब अतीक के इशारे पर ही हुआ है।

Posted By: Inextlive