इलेक्शन में झंडा दे देता है रूल्स तोडऩे का लाइसेंस
Traffic rules की नही की परवाह
पॉलिटिकल पार्टीज इलेक्शन जीतने के बाद लॉ एंड आर्डर दुरुस्त करने की बात कहती है पर इलेक्शन के दौरान किसी को भी इसे मेंटेन करने की परवाह नही होती। लोकसभा इलेक्शन के लिए सिटी में चल रहे कैंपेन के दौरान भी ये बाते देखने को मिल रही है।
Helmet पहनना भी rule है
कभी नेताजी के काफिले के साथ तो कभी नेताजी की सभा में पहुंचने की जल्दबाजी में, बाइक पर सवार पॉलिटिकल पार्टीज के कार्यकर्ता पूरे जोश के साथ सडक़ों से निकलते है। बाइक पर पार्टी का झंडा तो होता है, पर बाइक चलाते वक्त जो चीज कानूनी तौर पर साथ में होनी चाहिए वो कही नही दिखती। जी हां, बात हेलमेट की हो रही है। सिटी में इन दिनों आपको जगह-जगह पॉलिटिकल पार्टीज के बाइक सवार वर्कर्स दिख जाएंगे। कई बार बाइक पर तीन सवार तो दिख जाते है पर हेलमेट शायद ही देखने को मिल जाएंगे।
Lawmakers को फिक्र नहीं
इलेक्शन में कंटेस्ट कर रहे सभी कैंडिडेट्स जीतने के बाद लॉ मेकर की भूमिका में होंगे। पर उससे पहले नेता या कार्यकर्ता खुद ही रूल को तोड़ रहे है। ऐसे में कानून-व्यवस्था की स्थिती तो खराब होती ही है साथ ही आम लोगों को भी कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
इलेक्शन कैंपेन के दौरान रुल्स का वायलेशन ना हो और आम आदमी को भी किसी तरह की परेशानी ना हो इसके लिए जरुरी है सभी केंडीडेट और कैडर इस बात को समझें। बीजेपी के मीडिया स्पोक्सपर्सन अनिल मोदी ने कहा कि कैैंपेन के दौरान कायकर्ताओं में उत्साह रहता है पर इस दौरान ये ध्यान रखना भी जरुरी है कि रुल्स का वायलेशन ना हो।रुल्स को फॉलो करना सभी की जिम्मेदारी है। इलेक्शन कैंपेन के दौरान भी इस बात का ध्यान रखना जरुरी है।
-सीएच राममूर्ति
मीडिया प्रभारी, जेवीएमReport by : abhijit.pandey@inext.co.in