- विधानसभा में एक विधायक का अनोखा रिकॉर्ड

- एक ही सत्र में सबसे अधिक सवाल, और पूरे सत्र से गायब रहने का रिकॉर्ड

- यह हैं कांग्रेस के विधायक जेल में बंद मुकेश श्रीवास्तव

- 20 में से 9 विधायक बीएसपी के जो 17 दिन से अधिक रहे गायब

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LUCKNOW : मौजूदा विधानसभा के एक मेंबर ने अनोखा रिकॉर्ड बनाया है। एक ही सेशन में सबसे अधिक सवालों की पूछने का रिकॉर्ड और उसी सेशन में सबसे अधिक अब्सेंट रहने का रिकॉर्ड। यह विधायक हैं बहराइच के पयागपुर विधान सभा सीट से मुकेश श्रीवास्तव उर्फ ज्ञानेंद्र प्रताप। इन्होंने यह रिकॉर्ड पिछले बजट सत्र के दौरान बनाया। हालांकि, ऐसा नहीं है कि सबसे अधिक अब्सेंट रहने वालों में सिर्फ मुकेश श्रीवास्तव का ही नाम हो, बल्कि बीएसपी, एसपी और कांग्रेस समेत कई पार्टी के डेढ़ दर्जन से अधिक विधायकों ने पिछले बजट सेशन में 19 दिन के सत्र के दौरान 17 या उससे अधिक दिन अब्सेंट रहे। इनमें दस विधायक तो ऐसे हैं जिन्होंने एक दिन भी विधान सभा में हाजिरी नहीं लगायी। मुकेश श्रीवास्तव उर्फ ज्ञानेंद्र प्रताप भी उन्हीं में से एक हैं।

एक साथ दो रिकॉर्ड

विधान सभा से हासिल रिकॉर्ड की मानें तो पिछले विधान सभा सेशन के दौरान मुकेश श्रीवास्तव की ओर से सबसे अधिक सवाल पूछे गये। 19 दिनों के सेशन में उनकी ओर से 184 सवाल लगाये गये। यानी औसतन 10 सवाल मुकेश श्रीवास्तव की ओर से हर दिन के लिए लगे। जिस सेशन के लिए मुकेश ने सबसे अधिक सवाल पूछने का रिकॉर्ड बनाया, उसी सेशन में वह पूरे सत्र विधानसभा से गैर हाजिर रहे। यह हम नहीं कह रहे, बल्कि रिकॉर्ड कह रहा है।

जेल में हैं मुकेश श्रीवास्तव

जिस विधायक ने पिछले सेशन में सबसे अधिक सवाल पूछने और सत्र के दौरान गायब रहने का रिकार्ड बनाने वाले मुकेश फिलहाल जेल में बंद हैं। उनपर एनआरएचएम में घोटाले का आरोप है। हालांकि जेल में रहने के दौरान भी विधानसभा के सदस्य विधान सभा की कार्रवाई में हिस्सा ले सकते हैं। इसके लिए प्रॉपर तरीके से परमीशन ली जाती है। निर्दलीय विधायक मुख्तार अंसारी हों या अन्य विधायक। समय समय पर होने वाले सेशन में जेल से आकर भी यह मेंबर कार्रवाई में हिस्सा लेते रहे हैं।

एक दर्जन से अधिक मेंबर थे पिछले सेशन से गायब

पिछले विधान सभा सत्र के दौरान जो बजट सत्र भी था, उसमें एक दर्जन से अधिक मेंबर ऐसे थे जो लगभग पूरे सत्र से ही गायब रहे। इनमें मुकेश श्रीवास्तव के साथ समाजवादी पार्टी के मुकेश शर्मा, बीएसपी के जमील अहमद कास्मी, तसलीम, राज कुमार रावत, सुनील कुमार सिंह यादव, सूरजपाल सिंह और नूर सलीम राणा का नाम शामिल था। यह सभी विधायक पूरे सेशन यानी 19 दिन सदन से गायब रहे। इसके अलावा सपा के ओम प्रकाश बाबा दूबे, आरएलडी के करतार सिंह भड़ाना, कांग्रेस के काजिम अली उर्फ नावेद मियां, बीएसपी के मोहम्मद आसिफ और सुनील कुमार सिंह यादव पिछले बजट के पूरे सेशन में सिर्फ एक-एक दिन के लिए विधान सभा में आये। वहीं पीस पार्टी के अखिलेश कुमार सिंह, बीएसपी के मोहम्मद आसिफ जाफरी, रमेश प्रसाद कुशवाहा, सूरजपाल सिंह और अजय पिछले सेशन के 19 दिनों में से 17 दिन गायब रहे। पिछला सेशन 19 फरवरी से 25 मार्च तक चला था। इसमें छुट्टियों को हटाकर 19 दिन चली सदन की कार्रवाई के आंकड़ों में से यह आंकड़े सामने आये हैं।

इन विधायकों ने लगाया सवाल पूछने का शतक

मुकेश श्रीवास्तव के बाद सबसे अधिक सवाल पूछने के मामले में काली चरन सुमन का नाम आता है। काली चरन ने 174 सवाल सरकार के मंत्रियों से पूछने के लिए आवेदन किया। बीजेपी के मनीष असीजा इस मामले में तीसरे नंबर पर थे और उन्होंने सरकार पर 164 सवालों की बौछार की। बीजेपी के ही विधान मंडल दल के नेता सुरेश कुमार खन्ना ने पिछले सेशन के दौरान 19 दिनों में 157 सवाल सरकार से पूछे। जगन्नाथ प्रसाद गर्ग ने 134, जय प्रकाश निषाद ने 126, सतीश महाना ने 118, दीपक पटेल ने 115, अवस्थीबाला प्रसाद ने 111, कृष्णपाल सिंह राजपूत ने 106, रोशन लाल वर्मा ने 103 और दलवीर सिंह ने 101 सवाल सरकार और उनके मंत्रियों से पूछे गये।

विधानसभा का सत्र इस लिए आयोजित होता है कि लोग अपने अपने क्षेत्र की समस्याएं सदन के अंदर रखें। लेकिन अगर वही गायब हो जाए जिसको जनता ने चुनकर भेजा हो तो यह जनता के साथ धोखा है। एक तो वैसे ही सदन की कार्रवाई कम चल पाती है। ऐसे में माननीय सदस्यों की गैर हाजिरी चिंता का विषय है।

प्रदीप माथुर

नेता सदन, कांग्रेस पार्टी।

ऐसे लोगों को जनता जरूर सबक सिखायेगी जो जनता की ही समस्याओं को सदन तक नहीं पहुंचाते या फिर सदन की कार्रवाई से गायब रहते हैं। जहां तक हमारी पार्टी का सवाल है तो हमारे नेता अब्सेंट रहने वालों से उसका कारण भी पूछते हैं और सदन में अधिक से अधिक टाइम देने की बात करते हैं। मीटिंग के दौरान जो विधायक गायब रहते हैं उनको भी काल करके उपस्थित होने के लिए कहा जाता है।

सतीश महाना

उपनेता, सदन, बीजेपी।

पिछले सत्र के दौरान कौन-कौन से विधायक पूरे सत्र में अनुपस्थित रहे, इसकी जानकारी नहीं है। जहां तक उपस्थिति की बात है तो सभी को अपनी जिम्मेदारियों का अहसास होना चाहिये। जनता ने उन्हें चुनकर अगर यहां भेजा है तो उन्हें भी ईमानदारी के साथ जनता की भलाई के लिये काम करना चाहिये।

राजेंद्र चौधरी

कैबिनेट मिनिस्टर एवं स्पोक पर्सन, सपा।

Posted By: Inextlive