-परिवहन विभाग की ओर से अपलोड किए गए कई प्रदूषण जांच केन्द्रों के मोबाइल नंबर गलत

- संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट लागू होने के बाद पॉल्यूशन सर्टिफिकेट को लेकर बनाए गए हैं सख्त नियम

देहरादून,

अगर आप अपने व्हीकल का पॉल्यूशन सर्टिफिकेट बनाने के लिए ऑनलाइन सेंटर्स की जानकारी लेना चाहते हैं, तो ये खबर आपके लिए महत्वपूर्ण है। परिवहन विभाग की ओर से प्रदूषण जांच केन्द्रों के जो नंबर जारी किए गए हैं, उनमें कई केन्द्रों के नंबर गलत हैं। इतना ही नहीं दून के कुछ सेंटर्स पर कॉल करने से घंटी दूसरे शहरों में जा रही है। ऐसे में लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

दून में 37 प्रदूषण जांच केन्द्र

संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट लागू होने के बाद पॉल्यूशन सर्टिफिकेट को लेकर सख्त नियम बनाए गए हैं। ऐसे में व्हीकल का पॉल्यूशन सर्टिफिकेट बनाने के लिए लोग लगातार इधर-उधर भटक रहे हैं। इसके लिए परिवहन विभाग द्वारा वेलिड पॉल्यूशन सेंटर्स की जानकारी भी अपलोड की गई है। दून में 37 प्रदूषण जांच केन्द्र को परिवहन विभाग द्वारा अधिकृत किया गया है। लेकिन इनमें से अधिकतर सेंटर्स की जानकारी सही नहीं है। खास बात ये है सेंटर्स के मोबाइल नंबर तक सही नहीं दिए गए हैं। पटेलनगर स्थित एक सेंटर का जो मोबाइल नंबर दर्शाया गया है वह मेरठ के एक व्यक्ति का नंबर है। इसी तरह ब्राह्मणवाला के सेंटर का मोबाइल नंबर भी सही नहीं है। कई अन्य सेंटर्स के मोबाइल नंबर पर संपर्क करने से कोई जानकारी नहीं मिल रही है। इससे लोगों को सेंटर्स के एड्रेस पर जाकर ही जानकारी जुटानी पड़ रही है।

पहले टोकन फिर होगी जांच

दून में प्रदूषण जांच केन्द्रों में एक दिन में एक हजार से ज्यादा कार और 6 हजार से ज्यादा बाइक्स की जांच की जा रही है। ऐसे में केन्द्रों पर खासी भीड़ जुट रही है। इसके लिए केन्द्रों की ओर से टोकन सिस्टम तक शुरू किया गया है। लोग सुबह से कतारों में लग कर टोकन ले रहे हैं। इसके बाद दूसरे दिन सुबह व्हीकल को लेकर कतारें लग रही हैं। इस तरह से पूरी प्रक्रिया बहुत लम्बी हो रही है। इतना ही नहीं कई ऐसे सेंटर्स भी हैं जो जगह न होने के कारण सिर्फ बाइक्स का ही सर्टिफिकेट बना रह हैं। अधिकतर सेंटर्स सड़कों के पास ही खोले गए हैं, जिससे सेंटर्स के आसपास जाम की स्थिति बन रही है। ऐसे में कई सेंटर्स जाम के डर से सिर्फ बाइक्स का ही सर्टिफिकेट बना रहे हैं। फोर व्हीलर के लिए अधिक जगह की आवश्यकता होती है। ऐसे में जो लोग प्रदूषण जांच केन्द्र की डिटेल लेकर सेंटर्स से संपर्क करना चाहते हैं, मोबाइल नंबर या जानकारी सही न होने से लोगों को कोई फायदा नहीं हो रहा है। एआरटीओ अरविंद पांडेय ने बताया कि प्रदूषण जांच केन्द्रों की डिटेल हेड ऑफिस से ली गई थी, जिसके आधार पर ही जानकारी अपलोड की गई है। अगर किसी सेंटर्स की जानकारी गलत अपलोड हुई है तो इसको सुधार लिया जाएगा।

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प्रदूषण जांच केन्द्रों की डिटेल हेड ऑफिस से ली गई थी, जिसके आधार पर ही जानकारी अपलोड की गई है। अगर किसी सेंटर्स की जानकारी गलत अपलोड हुई है तो इसको सुधार लिया जाएगा।

अरविंद पांडेय, एआरटीओ

Posted By: Inextlive