500 एमसीजी प्रतिक्यूबिक मीटर एक्यूआई था वेडनसडे को

300 एमसीजी प्रतिक्यूबिक मीटर एक्यूआई घटकर रह गया थर्स डे को

इन बातों का रखें ख्याल

- बदलते मौसम में थोड़ी सी लापरवाही पड़ेगी भारी, गर्म कपड़े जरूर पहनें

- बुखार महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। इस मौसम में बुखार आपको चपेट में ले सकता है।

- इस मौसम में सर्दी जुकाम तेजी से फैलता है। इसलिए लापरवाही न करते हुए तुरंत उपचार लें। दवा से परहेज कतई न करें।

- गले में खरास भी हो सकती है। इसलिए बिल्कुल ठंडा पानी न पीएं। हल्क गुनगुना करके पीएं।

- कानों को जरूर ढंकें। साथ ही, ध्यान दें कि तेज हवा सीधे सीने पर न लगे। इसका विशेष ध्यान रखें।

- बाइक से ज्यादा दूरी तय करने पर आग का सहारा जरूर लें। कहीं अलाव जलता मिले तो गाड़ी रोककर पहले ताप लें।

- दिन भर नहीं निकली धूप, बारिश के बने रहे आसार, शाम को हुई देरतक हल्की बारिश

- मौसम में अचानक से आया बदलाव, चलने लगी शीतलहर

बरेली : बारिश के आसार वेडनसडे से ही बन रहे थे। थर्सडे सुबह से आसमान में बादल घिर आए। बिल्कुल भी धूप नहीं निकली। दिनभर मौसम सर्द बना रहा। शाम होते-होते बारिश हो ही गई। लेकिन ज्यादा तेज न हुई। मामूली रूप से हुई बारिश कुछ देर तक होती रही। इससे एक्यूआई घट गया, जिससे पॉल्यूशन से निजात मिली। लेकिन यह बारिश सर्दी बढ़ा गई। शीतलहर चलने लगी है। इससे ठिठुरन महसूस हो रही है।

आगे ऐसा ही रहेगा मौसम

मौसम वैज्ञानिक की मानें तो अब मौसम में आगे राहत नहीं मिलने वाली है। ठिठुरन और बढ़ेगी। सर्द हवाएं तेज हो सकती हैं। इसके साथ ही, तापमान भी गिरेगा। अधिकतम तापमान में भी गिरावट देखी जाएगी। मौसम विभाग ने अपनी वेबसाइट में आने वाले दिनों का ब्योरा दिया है। जिसमें अधिकतम और न्यूनतम तापमान तेजी से गिरेगा

कम ज्यादा होता रहा पारा

थर्सडे को तापमान में सबसे ज्यादा असंतुलन दिखा। तापमान ऊपर नीचे होता रहा है। जहां वेडनेसडे को न्यूनतम तापमान 5.9 था वहीं, थर्सडे को इसी के आसपास दिन भर तापमान रहा। अधिकतम तापमान में भी कमी देखी गई।

पशुओं की सेहत पर भी असर

पशु वैज्ञानिक डॉ। केपी सिंह ने बताया कि अचानक मौसम में बदलाव की वजह से पांच साल से ऊपर के पशुओं में खुरपका, मुंहपका और गला घोंटू जैसी बीमारियां फैलती है। इस समय टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। टीके लगवाने से इन बीमारियों से पशुओं को बचाया जा सकता है। इसके अलावा, पशुओं को खुले में बांधने की बजाए अंदर बांधें।

सांस के रोगियों को मिलेगी राहत

पर्यावरणविद् डा। आलोक खरे ने बताया कि वेडनसडे को जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 500 एमसीजी प्रतिक्यूबिक मीटर आंका गया था जो कि आज बारिश हो जाने के कारण थर्सडे को 300 तक घट गया। इससे पॉल्यूशन के स्तर में भले ही गिरावट आई हो लेकिन ठंड बढ़ गई है। वहीं, सांस के रोगियों को इससे जरूर राहत मिलेगी।

Posted By: Inextlive