RANCHI: रांची सहित राज्य के जितने भी पॉलीटेक्निक कॉलेज हैं उन्हें अब हाइटेक बनाया जाएगा। ऐसा कोर्स डिजाइन होगा कि वहां पढ़ने वाले स्टूडेंट्स का प्लेसमेंट बड़ी कंपनियों में होगा। उच्च, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग इन कॉलेजों का कोर्स बाजार की मांग के अनुसार डिजायन करेगा। तकनीकी शिक्षा देने के पहले रिसर्च करें कि पॉलीटेक्निक के किस कोर्स में रोजगार के क्या अवसर है। यह भी आकलन करना होगा कि कौन सा परंपरागत कोर्स या ट्रेड अब बाजार की मांग के अनुरूप उपयोगी नहीं रहा है, ताकि पॉलीटेक्निक कॉलेजों से निकले लोगों को रोजगार के अवसर ं मिलेंगे। ये बातें झारखंड के चीफ सेक्रेटरी डॉ डीके तिवारी ने कहीं। बुधवार को वह झारखंड मंत्रालय में उच्च, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग की कार्ययोजना की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में विकास आयुक्त सुखदेव सिंह, योजना सह वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव केके खंडेलवाल, उच्च शिक्षा के प्रधान सचिव शैलेश कुमार सिंह, श्रम विभाग प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, भवन निर्माण सचिव सुनील कुमार समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।

स्किल सेंटर भी बनाए जाएंगे

मुख्य सचिव डॉ डीके तिवारी ने बताया कि निर्माणाधीन एवं प्रस्तावित पॉलीटेक्निक कॉलेजों की समीक्षा उनकी जरूरत के अनुरूप की जाएगी। अगर जरूरत नहीं हो तो उसका उपयोग स्किल सेंटर के रूप में निजी भागीदारी के आधार पर किया जाए। साथ ही पॉलीटेक्निक कॉलेजों की संबद्धता के मसले का निवारण यूनिवर्सिटी लेवल पर ही किया जाना चाहिए। इसी मकसद से तकनीकी यूनिवर्सिटी की स्थापना भी की गई है।

तारामंडल व साइंस सिटी का पैकेज बनाएं

मुख्य सचिव ने रांची के तारामंडल व वहां स्थित साइंस सिटी के अपग्रेडेशन पर बल देते हुए कहा है कि तारामंडल, साइंस सिटी और एस्ट्रोनॉमी क्लब के साथ वहां कैफेटेरिया, लेजर शो, म्युजिकल बैंड आदि का एक पैकेज बनाएं। शौचालय और बैठने का प्रबंध करें, जिससे वहां जानेवाले लोग ज्ञानव‌र्द्धन के साथ कुछ घंटे मनोरंजन कर सकें। उन्होंने निर्देश दिया है कि तारामंडल से संबंधित जानकारी ऑनलाइन करें। इससे यह पता चलेगा कि तारामंडल का शो कब-कब होता है। वहीं टिकट का मूल्य तथा ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा भी उससे मिल सकेगी।

रोजगार डैशबोर्ड बनेगा

मुख्य सचिव ने श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग की समीक्षा करते हुए कहा कि रोजगार कार्यालय की घटती उपयोगिता के मद्देनजर रोजगार डैशबोर्ड बनाने का निर्देश दिया है। उन्होंने चालू योजनाओं के तहत बन चुके 10 आइटीआइ भवनों में तीन माह के भीतर पढ़ाई शुरू करने का निर्देश दिया। अवांछनीय हो चुके ट्रेडों की पढ़ाई बंद कर रोजगार के अनुरूप ट्रेडों पर फोकस करने का निर्देश दिया। साथ ही निर्मित हो चुके 16 स्किल सेंटरों में भी मार्च तक गतिविधि शुरू करने का निर्देश दिया। वहीं विभिन्न स्तर के बीमाकृत असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को मिले लाभ क्लेम का डाटाबेस एक माह में बनाने का भी निर्देश दिया है। इसका डाटा जुटाने में बीमा कंपनी और श्रमिक मित्र की सहायता लेने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि इसके लिए पंजीकृत श्रमिकों को भी बल्क एसएमएस भेज उन्हें जागरूक करें।

Posted By: Inextlive