- शहर के कई चौराहों के दुकानदार ग्राहकों को पॉलीथिन में ही बचे रहे सामान

-ग्राहक भी नहीं टोकते, पॉलीथिन में ही ले जाते सामान

GORAKHPUR: पॉलीथिन बैन होने के बाद भी धड़ल्ले से दुकानदार सामान बेच रहे हैं। 50 माइक्रॉन से कम की पॉलीथिन बैन होने के बाद नगर निगम दर्जनों कार्रवाई कर चुका है, औचक छापेमारी के बाद पॉलीथिन जब्त कर दुकानदारों पर जुर्माना भी लगाया जाता रहा, लेकिन इस कार्रवाई का फिलहाल जमीनी स्तर पर कोई विशेष प्रभाव नहीं दिखाई दे रहा है। शहर के कई मार्केटों में अभी भी खुलेआम दुकानदार पॉलीथिन में सामान बेच रहे हैं। हालांकि इससे बड़ी संख्या में दुकानदारों की है, जिन्होंने पहले से पॉलीथिन खरीद ली थी। लिहाजा वह पहले खरीदे गए माल को खपाने में लगे हैं। यदि यही स्थिति रही तो पॉलीथिन बैन के दावे केवल कागजों तक ही सिमटे रह जाएंगे।

खुलेआम हो रहा है इस्तेमाल

शहर के मार्केट में अभी भी खुलेआम पॉलीथिन में सामने बेचे जा रहे हैं। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम गोरखपुर के फल और सब्जी मार्केट में पहुंची। बुधवार की शाम कलेक्ट्रेट कचहरी रोड के किनारे ग्राहकों की काफी भीड़ लगी थी। पटरियों पर ठेले वाले फल बेच रहे थे। ग्राहक खड़े होकर फल खरीदने में जुटे थे तो दुकानादर प्रतिबंधित पॉलीथिन में ग्राहकों को फल तौल कर दे रहा था। इस बीच किसी ने भी उसे नहीं टोका, वे पॉलीथिन में फल घर लौट गए।

शास्त्री चौक

शास्त्री चौक के पास सड़क की पटरियों पर सब्जी के दुकानें सजी थी। वहां आने जाने वाले ग्राहक ठेले के पास खड़े होकर ही सब्जी खरीद रहे थे। दुकानदार खुलेआम ग्राहकों को पॉलीथिन में सब्जी दे रहे थे। वहीं ग्राहक भी आपत्ति दर्ज नहीं की, पुरूष हो या महिलाएं अपने साथ थैला लाने के बजाए पॉलीथिन में ही सामन ले जा रहे थे। एक दुकानादार से जब इस संबंध में बात की गई तो उनका कहना था कि ग्राहक को थैला लाने के लिए बोला जाता है लेकिन वह कुछ लाते नहीं हैं, जिसकी वजह से मजबूरी में पॉलीथिन में ही सामान देना पड़ता है। अगर पॉलीथिन नहीं देते, तो उस दिन बिक्री प्रभावित हो जाती है।

घोष कंपनी चौराहा

शहर के घोषकंपनी चौराहे पर सब्जी की कई दुकानों सजी थी। ग्राहक सब्जी ले रहे थे। दुकानदार हरी सब्जी झोले के बजाए पॉलीथिन में ही दे रहे थे। बैन लगने के बाद भी दुकानदार अपनी आदत से बाज नहीं नहीं आ रहे हैं। ग्राहक पॉलीथिन सामान ले रहे है। एक ग्राहक से जब इस संबंध में पूछा गया तो उनका कहना है कि दुकानदार से झोला मांगने पर नहीं देते हैं। मजबूरी है पॉलीथिन में सामाल ने जाना।

बैन के बाद कोई विकल्प नहीं

पॉलीथिन बिक्री बैन होने बाद कोई विकल्प न होने के कारण दुकानदारों और पब्लिक दोनों को परेशानी हो रही है। लोगों का कहना है कि अब खरीदारी के लिए जरूरी तौर पर झोले लेकर चलने की आदत नहीं डाल रहे हैं। नगर निगम कार्रवाई का ये प्रभाव है कि शहर के मेन मार्केट में सब्जी-फल की दुकानों पर अब भी पॉलीथिन में सामान बिक रहे है। दुकानों पर खुलआम अब भी पॉलीथिन में ही सामाने बेचा जा रहा है।

वर्जन

पॉलीथिन बैन करने को लेकर लगातार कार्रवाई की जा रही है। इस दौरान पकड़े जाने पर जुर्माना भी लगाया जा रहा है। आगे भी नियमित कार्रवाई चलती रहेगी।

डॉ। मुकेश रस्तोगी, नगर स्वास्थ्य अधिकारी

Posted By: Inextlive