95बसें संचालित होती हैं सिविल लाइंस डिपो से

54पैसेंजर सफर कर सकते हैं एक बस में

10साल बाद बसों को रूट से हटा देने का है नियम

05लाख किलोमीटर तक ही आइडियल माना जाता है बस का संचालन

20फीसदी बसें कबाड़ होने के बाद भी की जा रही हैं संचालित

-रोडवेज बसों के फटे हुए टायर, जर्जर कंडीशन में दौड़ रही है बस

-शिकायत करने के बाद भी नहीं बदला टायर, मजबूरी है चलाना

PRAYAGRAJ:

आगरा एक्सप्रेस वे पर हादसे के बाद बातें बहुत हुई। फैसले भी लिये गये। लेकिन, बमुश्किल दो महीना भी नहीं बीता और फिर से परिवहन निगम पुराने ढर्रे पर लौट आया। खटारा बसों की कंडीशन कोई देखने वाला नहीं है। कोई यह चेक करने वाला नहीं है कि बस में फ‌र्स्ट एड बाक्स है या नहीं है। किसी को इसकी चिंता नहीं है कि बस जिस डेस्टिनेशन के लिए निकलने वाली है, टायर्स वहां तक बस का साथ देख पाएंगे। पब्लिक की मजबूरी है कि उनके पास और कोई आप्शन नहीं है। यह हकीकत सामने आयी रियलिटी चेक में।

टायर कब फट जाए कोई भरोसा नहीं

बसों की कंडीशन का रियलिटी चेक करने के लिए रिपोर्टर सिविल लाइंस बस अड्डे पर पहुंचा तो टायरों की दशा देखकर दंग रह गया। टायर की रबडिंग साथ छोड़ने को आतुर दिखी तो कुछ बसों के टायर में कट मार्क भी दिखा। पूछने पर चालक बगले झांकने लगे। नाम नहीं बताया, बस इतना कहा कि जो वर्कशाप से दे दी गयी उसे ही लेकर निकलना पड़ता है। न कुछ बोल सकते हैं और न ही कुछ कर सकते हैं।

जर्जर बसें दौड़ रही सड़कों पर

बस की स्थिति चेक करने के लिए रिपोर्टर डिपो में खड़ी बस के अंदर चला गया। गेयर बाक्स के ऊपर की कंडीशन बता रही थी कि उसे बस जैसे-तैसे ढक दिया गया है। ड्राइवर की सीट के पास तारों का बंच लटक रहा है। स्टेरिंग की कंडीशन भी अच्छी नहीं थी। चालक इसे लेकर रोड पर चलता कैसे होगा? इसकी कल्पना करना भी मुश्किल था।

फ‌र्स्ट एड बाक्स में मिली सिर्फ रूई

पिछले दिनों आगरा एक्सप्रेस वे पर हुए हादसे में दर्जनभर से अधिक लोगों की जान जाने के बाद परिवहन निगम ने कुछ बड़े फैसले लिये थे। इसमें बसों में फ‌र्स्ट एड बाक्स अनिवार्य किया गया था। चालकों से एक समय में अधिकतम आठ घंटे डयूटी लेने, चालकों के डिपो से निकलते समय ब्रीथ एनलॉइजर टेस्ट कराने जैसी योजनाएं प्रमुख थीं। इसका रियलिटी चेक करने के लिए रिपोर्टर पहुंच गया सिविल लाइंस बस डिपो। यहां बसों की चेकिंग करने पर पता चला कि कुछ में फ‌र्स्ट एड किट है ही नहीं। कुछ में है तो सिर्फ रूई उपलब्ध है। कुछ में रूई के साथ एक पेनकिलर मिल गयी। चालक और परिचालक को यह भी पता नहीं था कि बस में इस किट का होना अनिवार्य है।

दीपावली पर प्रोत्साहन योजना

प्रयागराज की पूर्वाचल के जनपदों से ट्रेन कनेक्टिविटी कमजोर है। इसके चलते लखनऊ, प्रतापगढ़, बाराबंकी, गोरखपुर, देवरिया, मऊ, बलिया, गाजीपुर, जौनपुर, सोनभद्र, चित्रकूट, झांसी, रीवा जनपदों के लिए बसें ही बड़ा सहारा हैं। रोडवेज के पास त्योहार के दौरान इस रूट पर बसें संचालित करना फायदे का सौदा होता है। इसे देखते हुए विभाग ने सभी मार्गो पर अतिरिक्त बसें संचालित करने का फैसला लिया है। कर्मचारियों के लिए प्रोत्साहन योजना इंट्रोडयूज करने का फैसला लिया है जिससे उन्हें चार हजार रुपये तक का फायदा हो सकता है। यह योजना 25 अक्टूबर से शुरू होगी और 3 नवंबर तक जारी रहेगी।

दिवाली रश को देखते हुए अवकाश पर रोक लगा दी गयी है। चालक और परिचालकों के लिए प्रोत्साहन योजना प्रारंभ की गई है। इसके मुताबिक चालक और परिचालक को दस दिन ड्यूटी के लिए निर्धारित किलोमीटर पूरे करने पर चार हजार रुपये अतिरिक्त मिलेंगे। यह योजना संविदा और नियमित दोनो तरह के कर्मचारियों के लिए है।

राम सागर पाण्डेय

सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक

फ‌र्स्ट एड बाक्स में रखे जाने वाले सामान का स्टॉक खत्म हो गया है। नये स्टॉक के लिए ऑर्डर प्लेस कर दिया गया है। सप्लाई प्राप्त होते ही फ‌र्स्ट एड बाक्स में जरूरत के सभी सामान रखवा दिये जाएंगे। जब तक सामान नहीं मिलता इन्हीं सामानों से काम चलाया जा रहा है।

सपना तिवारी

स्टेशन इंचार्ज, सिविल लाइंस डिपो

Posted By: Inextlive