-12 प्रतिशत फॉरेस्ट एरिया शहर में

-करीब 46 लाख शहर की आबादी

-1.752 टन ऑक्सीजन सालभर में एक व्यक्ति उपयोग करता है

-1.6 टन ऑक्सीजन सालभर में एक पेड़ उत्सर्जित करता है

-25 से 30 साल एक पेड़ की आयु

-50 लोगों की सालभर में पूरी करता है आवश्यकता

- शहर में बढ़ती आवासीय जरुरतों के चलते काटे जा रहे पेड़

- पर्यावरण असंतुलन के कारण सामने आएंगे गंभीर परिणाम

LUCKNOW: शहर की बढ़ती आबादी के ग्राफ का सीधा असर हरियाली पर दिखाई दे रहा है। आलम यह है कि जनसंख्या वृद्धि की रफ्तार के बीच हरियाली दम तोड़ रही है। जिसकी वजह से पर्यावरण असंतुलन सामने आ रहा है। हम सभी को इसके भयावह परिणामों का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा।

बस रही बस्तियां, गायब हो रही हरियाली

जनसंख्या वृद्धि के कारण शहर के बाहरी इलाकों में तेजी से बस्तियां बस रही हैं। जिसकी वजह से हरियाली का अंत हो रहा है। इतना ही नहीं, शहर के अंदर भी बड़े-बड़े आवासीय प्रोजेक्ट्स हरियाली को दफन कर रहे हैं। हैरानी की बात तो यह है कि गुम होती हरियाली को रोकने के लिए जिम्मेदारों की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

हजार लोगों पर एक पेड़

शहर में जिस तरह से विकास के नाम पर पेड़ों को काटा जा रहा है, उससे जहां पहले एक व्यक्ति पर एक पेड़ था, वहीं आज हजार लोगों पर एक पेड़ बचा है। एक पेड़ जो 25 से 30 साल आयु का है वह साल भर में 50 लोगों की आवश्यकता को पूरा करता है, लेकिन यह व्यवस्था शहरों में फैलने वाले प्रदूषण और बढ़ती गर्मी से बदल भी जाती हैं।

केवल 12 प्रतिशत फॉरेस्ट एरिया

लखनऊ में इस समय अनुमानित आबादी करीब 46 लाख से ऊपर है। वहीं शहर का केवल 12 प्रतिशत एरिया ही फॉरेस्ट कवर एरिया है। इस फॉरेस्ट एरिया में लगे पेड़ राजधानी की आबादी के लिए नाकाफी हैं। हाल यह है कि जो पेड़ कभी दस लोगों की आक्सीजन की जरूरत को पूरा कर सकते थे, आज उन पर हजारों लोगों की जिम्मेदारी है।

स्थिति हो रही खराब

गुजरते वक्त के साथ हरियाली के गिरते ग्राफ की स्थिति बेहद खराब होती जा रही है। इस्माइलगंज द्वितीय वार्ड के तहत एक दर्जन से अधिक नए मोहल्ले विकसित हुए हैं। जानकारों की मानें तो पहले यहां हरियाली हुआ करती थी, लेकिन जैसे ही आवासीय बस्तियां बसीं, हरियाली ने दम तोड़ना शुरू कर दिया। हालांकि अभी कुछ ऐसे इलाके हैं, जहां पर हरियाली का वास है। अगर समय रहते कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले दिनों में यहां भी हरियाली इतिहास बन जाएगी।

Posted By: Inextlive