- काकोरी में नकली खोआ फैक्ट्री का पर्दाफाश, तीन अरेस्ट

- 10 कुंतल नकली खोआ व कच्चा माल बरामद, राजधानी की बाजारों में थी खपाने की तैयारी

LUCKNOW : मिल्क पाउडर, स्टार्च, रिफाइंड ऑयल और चीनी अगर हम आपसे कहें कि आप जो मिठाई खाते हैं वह इन चीजों से बनी है तो आप का जवाब न में होगा। पर, यही हकीकत है। इन्हीं सब चीजों को मिलाकर मिलावटखोर नकली खोआ बना रहे हैं और उसे राजधानी की बाजारों में खपा रहे हैं। पुलिस ने राजधानी के आउटस्कर्ट में नकली खोआ बनाने की फैक्ट्री का पर्दाफाश करते हुए गोरखधंधे से जुड़े तीन मिलावटखोरों को अरेस्ट किया है। पुलिस ने मौके से 10 कुंतल नकली खोआ और इसे तैयार करने में इस्तेमाल होने वाला कच्चा माल बरामद किया है।

किराये के कमरे में फैक्ट्री

एसओ काकोरी विजय कुमार यादव के मुताबिक, मंगलवार को मुखबिर से इंफॉर्मेशन मिली कि एरिया के शेखपुरवा स्थित कमाल के मकान में नकली खोआ की फैक्ट्री संचालित की जा रही है। जानकारी मिलते ही पुलिस टीम ने मकान पर छापा मारा। पुलिस ने मौके पर मौजूद उन्नाव के औरास का निवासी शुभम गुप्ता, इंद्रपाल रावत उर्फ छोटू व सीतापुर निवासी श्यामपाल रावत को अरेस्ट कर लिया। पुलिस ने मौके से 18 कुंतल तैयार नकली खोआ, 10 टीन रिफाइंड ऑयल, वनस्पति घी, स्टार्च पाउडर, 31 बोरी मिल्क पाउडर, दो बोरी चीनी, भट्ठी, गैस सिलेन्डर, कढ़ाई, भगोना, दो बड़े फ्रीजर, 1 इलेक्ट्रानिक तराजू, 5 डिब्बा पीला कलर बरामद कर लिया। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि उन्होंने यह मकान किराये पर ले रखा था।

दो साल से चल रहा था गोरखधंधा

पूछताछ के दौरान शुभम ने बताया कि उसने नकली खोआ बनाने का तरीका कानपुर में सीखा था। शुभम ने बताया कि कानपुर में बिजनेस में कंपटीशन बहुत है, इसी वजह से उसने कुछ दिनों तक कानपुर में नकली खोआ बेचने के बाद वह दो साल पहले लखनऊ आ गया और इसका कारोबार शुरू कर दिया। उसने बताया कि वे लोग किसी एक मकान में ज्यादा दिन तक नहीं टिकते थे और हर दो या तीन महीने में फैक्ट्री की जगह बदल लेते थे। उन्होंने बताया कि इस मकान को भी उन्होंने दो महीने पहले ही किराये पर लिया था। इससे पहले वे मलिहाबाद के रहीमाबाद एरिया में नकली खोआ बनाते थे।

कई जिलों में सप्लाई

आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वे नकली खोआ बनाने के बाद उसे राजधानी की तमाम खोआ मंडियों में तो सप्लाई करते ही थे साथ ही सीतापुर, गोंडा, बहराइच और सुल्तानपुर में भी वे हाफ डाला की मदद से माल सप्लाई करते थे। उन्होंने बताया कि छोटे जिलों में वे दुकानों पर जाकर नकली खोआ सप्लाई करते थे।

कौडि़यों के दाम पर बिक्री

पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि नकली खोआ तैयार करने में उनकी लागत 60 से 70 रुपये प्रति किलो की आती थी। जिसे वे 120 से 130 रुपये प्रति किलो के रेट में बेचते थे। आरोपियों ने पुलिस के सामने कबूल किया कि वे बीते दो साल में हजारों कुंतल नकली खोआ तैयार कर तमाम जिलों में खपा चुके हैं।

ग्रामीण इलाकों में चल रहीं जहरीली फैक्ट्रियां

काकोरी एरिया में मंगलवार को पकड़ी गई नकली खोआ बनाने की फैक्ट्री कोई एकमात्र फैक्ट्री नहीं है, जहां नकली व जहरीला खोआ बनाया जा रहा है। राजधानी के ग्रामीण इलाकों में ऐसी तमाम फैक्ट्रियां संचालित हो रही हैं जहां ऐसे उत्पाद धड़ल्ले से तैयार किये जा रहे हैं, जिनसे इंसान तो इंसान जानवर भी उसे लगातार खा ले तो उसकी जान पर भी बन आए। सूत्रों की मानें तो जहर की इन फैक्ट्रियों की भनक पुलिस को भी है, लेकिन वे जेब गर्म करने के बाद उस ओर से आंख मूंद लेते हैं। नतीजतन, जहर का यह कारोबार दिन दूनी रात चौगुनी ढंग से फल-फूल रहा है।

कैसे जांचें असली-नकली

खोआ में मिलावट की जांच घर में करना बेहद आसान है। थोड़े से खोआ को पानी में डालकर उबाल लें। ठंडा करने के बाद उसमें पांच से 10 बूंद लिक्विड आयोडीन डालें। अगर खोआ में स्टार्च की मिलावट होती है तो उसका रंग नीला हो जाता है।

क्या है दुष्प्रभाव

एफएसडीए की स्टडी के मुताबिक, स्टार्च की मात्रा अधिक लेने से लो ब्लड प्रेशर, अनिंद्रा, पाइल्स और घबराहट जैसी बीमारियां हो सकती हैं। इसके अलावा वनस्पति घी का सेवन करने से हार्ट की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

Posted By: Inextlive