- आर्यभट्ट नालेज यूनिवर्सिटी का तीसरा दीक्षांत समारोह संपन्न

- नौ टॉपरों में आठ बेटियों ने मेधा का लहराया परचम

- तीन नए शोध केन्द्र स्थापित किये जाएंगे एकेयू में

PATNA : आज व्यक्ति का संपूर्ण जीवन प्रतिस्पर्धाओं से भरा हुआ है। प्रतिस्पर्धाओं के तनाव से उबरने का सबसे बेहतर तरीका यही है कि आदमी परिश्रम करे और आत्मविश्वासपूर्वक जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखने हुए आगे बढ़ने का प्रयास करें। उक्त बातें बिहार के राज्यपाल राम नाथ कोविंद ने आर्यभट्ट नालेज यूनिवर्सिटी के तीसरे दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि लक्ष्य को ऊंचा रखकर ही तभी आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त होगा। इस अवसर पर सात टॉपरों एवं दो बेस्ट ग्रेजुएट को ख्ख् कैरेट गोल्ड मेडल देकर सम्मानित किया गया। दीक्षांत समारोह में आठ स्ट्रीम के फ्फ्भ्फ् छात्रों को ग्रेजुएट की डिग्री दी गई।

उद्योग के अनुरूप हो शिक्षा

राज्यपाल ने कहा कि मेरा सुझाव है कि राज्य के यूनिवर्सिटी क्लासरूम तथा लैब से निकालकर उद्योग के अनुरूप बनाया जाना चाहिए। यह यूनिवर्सिटी इस दिशा में अग्रसर है। यह संस्था शिक्षा को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तरीय बनाने के लिए प्रयत्‍‌नशील है। उन्होंने यूनिवर्सिटी में तीन नये सेंटर स्थापित करने के लिए सभी को बंधाई दी।

तीन नए रिसर्च सेंटर की स्थापना की गई

एसके मेमोरियल हॉल में तीसरे दीक्षांत समारोह के अवसर पर वाइस चांसलर प्रो। समरेंद्र प्रताप सिंह ने यूनिवर्सिटी का रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए कहा कि टीचिंग और रिसर्च वर्क को और गति देने के लिए यूनिवर्सिटी में तीन नए रिसर्च सेटर का गठन किया गया है। इसमें पाटलिपुत्रा स्कूल ऑफ इकोनामिक्स, सेंटर फोर रिवर स्टडी और सेंटर फॉर जर्नलिस्म एंड मास कम्यूनिकेशन शामिल है। उन्होंने बताया कि पाटलिपुत्रा स्कूल ऑफ इकोनामिक्स की स्थापना सीएम नीतीश कुमार के द्वारा अपने पाषर्द निधि से पैसा उपलब्ध कराया गया है। जबकि सेंटर फोर रिवर स्टडी और सेंटर फॉर जर्नलिस्म एंड मास कम्यूनिकेशन के लिए रिसर्च सेंटर की स्थापना सांसद हरिबंश नारायण एवं पवन वर्मा के सहयोग से किया गया है।

सेंटर ऑफ पेडागॉगी को मंजूरी

शैक्षणिक गतिविधियों का जिक्र करते हुए वीसी एसपी सिंह ने कहा कि तीन रिसर्च सेंटरों के अतिरिक्त सेंटर ऑफ पेडागॉगी का भी एक स्टडी सेंटर को एकेडमिक काउंसिल ने मंजूरी दिया है। काउंसिल ने विभिन्न नए कोर्सेज को मंजूरी प्रदान की है। इसमें पोस्ट डिप्लोमा इन मेडिकल फिजिक्स, एमबीबीएस, पारा मेडिकल डिग्री कोर्सेज आदि शामिल है।

जॉब क्रिएटर बनें

समारोह में उपस्थित जय कुमार सिंह ने कहा कि आज के दौर में सरकारी क्षेत्र में नौकरियां घटी है। नवाचार से लोग आगे बढ़ रहे हैं। अब छात्रों को यह पढ़ाई के दौरान ही समझना होगा कि जॉब सीकर की बजाय जॉब क्रिएटर बनने की जरूरत है। कहा कि जॉब करना आसान है और जॉब देना कठिन, लेकिन इसी बात पर अब ध्यान देने की जरूरत है। समारोह में मंच पर शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जय कुमार सिंह, यूजीसी चेयरमैन प्रो। वेद प्रकाश प्रो। वीसी डॉ एसएम करीम, संस्थापक वीसी डॉ एसएन गुहा व अन्य उपस्थित थे।

Posted By: Inextlive