Allahabad : आज भले ही थ्री जी फोर जी की सुपर फास्ट इंटरनेट सर्विसेज में हम चिट्ठी को भूल गए हों लेकिन एक वक्त था जब चिट्ठी को स्पीड देने के लिए खूब दमखम लगाया गया था. इलाहाबाद का पोस्टल सर्विसेज से न सिर्फ पुराना बल्कि गहरा रिश्ता रहा है. यह रिश्ता कितना मजबूत है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इलाहाबाद से ही फस्र्ट टाइम पोस्ट को जल्दी पहुंचाने के लिए घोड़ा गाड़ी फिर और जल्दी पहुंचाने के लिए रेल गाड़ी और फिर उससे भी जल्दी पहुंचाने के लिए एयर सर्विस शुरुआत हुई. इन तीनों ही सर्विसेज का ट्रायल यहीं से हुआ था.


इलाहाबाद व आसपास रहा है गढ़ डाइरेक्टर पोस्टल सर्विसेज व इंडिया पोस्ट-150 ग्लोरियस इयर्स बुक लिख चुके केके यादव बताते हैं कि ब्रिटिश काल में इलाहाबाद सेंट्रल पोजिशन पर रहा है। डेवलपमेंट के लिहाज से अंग्रेजों का इलाहाबाद में खास फोकस रहा है। दूसरी बात यह थी कि बिजनेस का भी यह एरिया मेनचेस्टर रहा है। एजुकेशन के मामले में भी इलाहाबाद व बनारस गढ़ माना जाता था। क्रांति के कई आंदोलन की भी शुरुआत यहीं से हुई है। वह बताते हैं कि पोस्टल हिस्ट्री में यह बात भी मेंशन है कि गंगा नदी के किनारे स्थित होने के चलते यहां पर नदियों से नाव के थू्र भी पोस्ट भेजी जाती थी। इनलैंड ट्रांजिट कंपनी की शुरुआत यहीं से
उन्होंने बताया कि इंडिया में फस्र्ट टाइम डाक सर्विसेज के लिए कंपनी की स्थापना भी इलाहाबाद में हुई थी। इस कंपनी का नाम इनलैंड ट्रांजिट कंपनी रखा गया था। 1850 में इलाहाबादी व्यापारी लाला ठंठीमल ने कुछ अंग्रेजों के साथ मिलकर कंपनी को स्टेब्लिश किया। 1854 में सेंट्रल सिस्टम शुरू होने के बाद इस कंपनी का विलय पोस्टल सर्विसेज में कर दिया गया। वह बताते हैं कि विश्व डाक दिवस के मौके पर विभाग कई प्रोग्राम आयोजित करेगा।  1841 में घोड़ा गाड़ी से भेजी गई डाक


इलाहाबाद से कानपुर के मध्य घोड़ा गाड़ी द्वारा डाक सेवा 1841 में शुरू हुई गई। यहां के व्यापारी लाला ठंठीमल का बिजनेस कानपुर तक था। व्यापारियों को सूचना पहुंचाने के लिए उन्होंने यह सर्विस शुरू की थी। इस सर्विस में आधा तोला वजन भेजने के लिए एक पैसे किराया तुरंत भुगतान करना होता था। बाद में कुछ अंग्रेजों के साथ मिलकर उन्होंने इस सर्विस को एक्सटेंड किया और इनलैंड ट्रांजिट कंपनी को स्थापना की। 1 मई 1864 को रेलवे से भेजी गई डाक रेल डाक सेवा भी यहीं से स्टार्ट हुई। ट्रेन से डाक इलाहाबाद से कानपुर तक भेजी गई थी। यह सर्विस इतनी पापुलर हुई कि बाद में इसे रेल मेल सर्विस का नाम दे दिया गया। इलाहाबाद में ही हुई थी फ्लाइट से डाक भेजने की शुरुआत18 फरवरी 1911 को पहली बार एयर सर्विस से डाक को भेजने की शुरुआत का गौरव भी इलाहाबाद के पास है। यह दुनिया की पहली एयर मेल सर्विस थी। बमरौली से नैनी तक एयर मेल से डाक भेजी गई थी। छोटे प्लेन में अंग्रेज पायलट करीब छह हजार पोस्ट्स का थैला लेकर उड़ा था। 13 मिनट की हवाई यात्रा ने इतिहास रच दिया था।

पोस्टल सर्विसेज को स्पीड और सिस्टमेटिक करने का श्रेय इलाहाबाद को है। यहां न सिर्फ डाक को जल्दी भेजने के लिए ट्रायल हुए बल्कि डाक के लिए कंपनी तक की स्थापना हुई थी। इस माह पब्लिक को अवेयर करने व बेहतर सर्विस  के लिए कई कदम उठाए जाएंगे। -केके यादव, डाइरेक्टर पोस्टल सर्विसेज

Posted By: Inextlive