-प्राइवेट कर्मियों की लापरवाही, बिजली मीटर का नंबर सीलिंग सर्टिफिकेट में कर रहे दर्ज

-बिजली निगम परीक्षण लैब में आ रहे मामले

-कर्मचारियों की लापरवाही से कंज्यूमर्स का बिल आ रहा अधिक

GORAKHPUR:

सिटी के 1.75 लाख बिजली कनेक्शनों पर स्मार्ट मीटर लगाने वाली कंपनी के प्राइवेट स्टाफ की लापरवाही ने पब्लिक को परेशान कर रखा है। आलम यह है कि ये अनट्रेंड कर्मचारी यूनिट के बजाय मीटर का नंबर ही रीडिंग में चढ़ा कर बिल निकाल दे रहे है। जिसके चलते कंज्यूमर्स के लाखों रुपए के बिल आ रहे हैं। परीक्षण खंड की लैब में मीटर्स की जांच के दौरान ऐसा ही मामला सामने आया है। इंजीनियर्स के मुताबिक जांच में कुछ मीटर्स में दर्ज रीडिंग, मीटर के नंबर है। जिसके चलते करीब दर्जन भर से ज्यादा कंज्यूमर्स का लाखों रुपए का बिल आया है।

कार्यदायी संस्था ने रखे लिए है अनट्रेंड स्टाफ

बता दें, एनर्जी एफिशिएंसी संस्थान से ठेका लेकर एलएंडटी कंपनी ने स्मार्ट बिजली मीटर लगा रही है। कंपनी ने टारगेट स्थानीय ठेकेदारों को अलग-अलग एरियाज में मीटर लगाने की जिम्मेदारी दे रखी है। सूत्रों की मानें तो इन ठेकेदारों ने अनट्रेंड स्टाफ को टीम में शामिल कर लिया है। बिजली विभाग के अभियंताओं का कहना है कि टीम के स्टाफ मीटर में दर्ज रीडिंग नहीं समझ पाने के कारण वह मीटर का नंबर दर्ज कर ही बिल निकाल दे रहे है, इस तरह के मामले आ रहे है। मोहद्दीपुर, बक्शीपुर, राप्तीनगर, एरिया के भी मीटर उतारे गए हैं। सीलिंग सर्टिफिकेट बनाने के दौरान मीटर का नंबर रीडिंग में दर्ज कर दी गई हैं।

बिजली निगम की बढ़ी परेशानी

परीक्षण खंड की लैब में मोहद्दीपुर खंड के विभिन्न मोहल्लों के करीब एक हजार से अधिक मीटर्स की जांच की गई। इसमें जमकर घालमेल पाया गया है। सिटी के कई एरियाज के मीटर में सीलिंग सर्टिफिकेट में मीटर का नंबर पाया गया। अभियंताओं का कहना है कि सुधार कराया जा रहा है। उधर कंज्यूमर्स नए बिल के साथ बिजली निगम के ऑफिस पहुंच रहे हैं। जिसको लेकर विभाग भी परेशान है।

केस वन, बक्शीपुर एरिया के सेवा राम ने बताया कि पुराना मीटर बदलकर नया स्मार्ट बिजली मीटर लगाया गया। लेकिन सीलिंग सर्टिफिकेट में मीटर का नंबर चढ़ा दिया गया। जब बिल आया तो इसकी जानकारी हुई। विभाग ने इसका निस्तारण कर दिया है।

केस टू, मोहद्दीपुर के रहने वाले बृजेश कुमार ने बताया कि पिछले माह उनका स्मार्ट बिजली मीटर लगाया गया। बिल को लेकर हमें संदेह था। बिजली विभाग पहुंचा तो पता चला कि रीडिंग गलत दर्ज हो गई है। जिसके कारण परेशानी का सामना करना पड़ा।

सिटी में कंज्यूमर्स की संख्या--1.75 लाख

लगाए गए स्मार्ट मीटर- 23000

पुराने मीटर्स का वेरिफिकेशन--15000

वर्जन

यह काफी गंभीर मामला है। इस तरह की कंप्लेन मिली है। अनट्रेंड कर्मियों की ट्रेनिंग कराई जाएगी। बिजली बिल की गड़बड़ी दुरूस्त कराई जा रही है।

ई। यूसी वर्मा, एसई शहर

Posted By: Inextlive