- आधा अधूरी योजनाएं कर रही प्रॉब्लम खड़ी

- अंडर ग्राउंड केबल और ट्रांसफॉर्मर की क्षमता बढ़ने की योजना ठप

GORAKHPUR: बिजली देने में नाकाम इलेक्ट्रिसिटी कॉर्पोरेशन योजनाओं को पूरा करने में भी फिसड्डी साबित होने लगा है। एक साल पहले शुरू की गई इनकी कई योजनाएं अभी तक पूरी नहीं हो पायी है। इन योजनाओं के पूरा न होने से गोरखपुराइट्स को डेली नई प्रॉब्लम का सामना करना पड़ रहा है। अगर यह योजनाएं समय से पूरी हो गई होती तो इस सिटी के ब् लाख लोगों को कुछ राहत मिलती, लेकिन अफसराें की लापरवाही के कारण योजनाएं भी बिजली की तरह बेमानी साबित होने लगी है।

शाहपुर और यूनिवर्सिटी सब स्टेशन की बढ़ानी थी क्षमता

एक साल पहले सिटी के दो प्रमुख सब स्टेशनों की क्षमता बढ़ाने की योजना बनी थी। शाहपुर सब स्टेशन पर ओवर लोड अधिक होने के कारण 8 एमवीए के एक ट्रांसफॉर्मर लगाने थे, जबकि यूनिवर्सिटी पर भ् एमवीए की क्षमता के ट्रांसफॉर्मर लगाने थे। दोनों सब स्टेशनों पर यह कार्य अभी भी केवल कागजों में चल रहा है। शाहपुर सब स्टेशन की क्षमता न बढ़ने से इससे जुड़े एरिया के लोगों को लगातार बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है। जून माह में यहां कटौती के कारण दो बार हंगामा भी हो चुका है।

म्भ् ट्रांसफॉर्मर में ही सिमट गई योजना

फरवरी ख्0क्फ् में सिटी जेई के रिपोर्ट के आधार पर सिटी में ब्फ्भ् ओवरलोडेड ट्रांसफॉर्मर चिन्हित हुए थे। इन ट्रांसफॉर्मर की क्षमता वृद्धि का काम होना था, लेकिन अभी तक मात्र म्भ् ट्रांसफॉर्मर्स की क्षमता बढ़ाई गई है। योजना में था कि इन ओवर लोडेड ट्रांसफॉर्मर्स के बगल में म्फ् केवीए से लेकर ख्भ्0 केवीए क्षमता के नए ट्रांसफॉर्मर लगाए जाएंगे। अप्रैल ख्0क्ब् में शुरू हुई योजना म्भ् ट्रांसफॉर्मर्स के बाद ठप हो गई। अगर इनकी क्षमता बढ़ा दी गई होती तो शायद इस समय ट्रांसफॉर्मर जलने की घटना में भ्0 से म्0 प्रतिशत कमी आ गई होती।

एक हुई पूरी तो दूसरी रह गई अधूरी

सिटी में क्क् हजार वोल्ट के तार फॉल्ट या टूटकर गिरे न इसके लिए सिटी के क्ब् हैवी फीडर को अंडरग्राउंड करने की योजना बनी। इसमें दो फीडर पर काम भी शुरू हुआ। एक फीडर रुस्तमपुर से आजाद चौक और दूसरा लालडिग्गी सब स्टेशन से शांति कांप्लेक्स रायगंज तक बिछानी थी। रुस्तमपुर से आजाद चौक का काम पूरा हो गया है, जबकि शांति कांप्लेक्स वाला फीडर अभी भी अधूरा पड़ा है।

ब् लाख लोगों को मिलती राहत

बिजली विभाग के इन योजनाओं से सीधे रूप से सिटी के ब् लाख लोगों को राहत मिलती। ओवरलोडेड ट्रांसफॉर्मर की अगर क्षमता बढ़ जाती तो शायद सिटी के लगभग फ्00 गलियों को ट्रांसफॉर्मर जलने से निजात मिल जाता। वहीं रायगंज में इस गर्मी में दो बार हुए फॉल्ट से निजात मिल जाता। सबसे अधिक लाभ शाहपुर और विजय चौक एरिया को होता, क्योंकि इन दोनों सब स्टेशन की क्षमता बढ़ जाने से यहां की बिजली कटौती कम हो जाती।

Posted By: Inextlive