- गर्मी में बिजली का झटका लोगों को पसीना बहाने के लिए कर रहा मजबूर

- पुराने तारों और लोड शेडिंग बन रहा परेशान शबब

- कई एरिया में रोटेशन के कारण नहीं मिल रहा पॉवर का सॉल्यूशन

- पीक आवर में 550 एमवी तक पहुंच जाती है डिमांड

- बिजनेस हब एरिया में छह से आठ घंटे की हो रही है पॉवर कट

PATNA@inet.co.in

PATNA : पॉवर कट पटना की दस करोड़ से अधिक की आबादी को झुलसाती गर्मी में दम निकाल रही है। कारण साफ है। पटना के विभिन्न एरिया में बिजली की कटौती के कारण लोग बेहद परेशान हैं। रेसिडेंशियल एरिया में लोग इनवर्टर तो कहीं जेनरेटर से बिजली लेने को मजबूर हैं। यह कोई एक दिन की बात नहीं पिछले क्भ्-ख्0 दिनों से यही हाल है। सबसे खस्ता हालत पटना के बिजनेस हब की है। बिजली डिपार्टमेंट के लाख दावे के बावजूद पॉवर कट झेलने की मजबूरी है। मौर्या लोक और डाकबंग्ला चौक पर पिछले कुछ दिनों से हालत बदतर है। इन बिजनेस सेंटर्स पर रौनक की बजाय जेनरेटर का शोर और धुंआ से परेशानी बनी हुई है।

पॉवर प्लांट के लिए कोयला नहीं

बिहार के लिए सबसे बड़ी चुनौती कोयला है। अभी कहलगांव और फरक्का की बिजली यूनिट का रखरखाव जारी है। इसके लिए इसे बंद कर दिया गया है। इस प्रकार यहां प्रोडक्शन बंद है। इसके अलावा जो इकाइयां चल रही हैं वह जरूरत के लिए पर्याप्त बिजली देने में सक्षम नहीं हैं। पटना में इस कमी को पूरा करने के लिए क्भ्00 एमवी की बिजली खरीदकर पूरा करता है।

फीडर है ओवरलोडेड

कैपिटल सिटी पटना का प्राइम एरिया भी बिजली क्राइसिस इतनी है कि लोग परेशान हैं। मौर्या लोक, डाकबंगला और बोरिंग रोड, पाटलीपुत्रा जैसे एरियाज में भी बिजली कटौती से परेशानी बनी है। इसे पेसू 7 सब स्टेशन से बिजली मिलती है। इसके लिए तीन सेंटर हैं बंदर बगीचा, मौर्यालोक और दीघा ग्रिड। यह हालत तब है जब इसकी पॉवर क्षमता बढ़ाई गई है। इसी प्रकार से पाटलिपुत्रा एरिया में दीघा ग्रिड में भी कमोबेश यही हालत है। इस एरिया में पाटलिपुत्रा सब स्टेशन और राजापुर के फ्फ् केवी फीडर ओवरलोडेड हो जाता है।

दिन में सबसे अधिक है परेशानी

पॉवर कंजंशन सबसे अधिक दिन में होता है और पॉवर कट भी इसी समय होता है। इसके कारण अधिकांश बिजनेस स्टैब्लिशमेंट और रेसिडेंशियल एरिया में पॉवर कट होता है। दोपहर में गर्मी के कारण डिमांड अचानक बढ़ जाती है। इसके कारण मौर्यालोक, डाकबंगला, स्टेशन रोड, पुलिस लाइन, आर ब्लॉक, बोरिंग रोड, पुनाईचक, चीना कोठी, बिस्कोमान आदि एरिया में दिन में लोग पशीने से तर-बतर हो जाते हैं।

कछुआ चाल से चल रही योजना

पटना में म्00 करोड़ रुपए की लागत से क्800 एमवी क्षमता का पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम बनाये जाने की योजना सालों पहले तय की गई थी। इस पर अब काम शुरू हुआ है। इसके अंतर्गत पांच पॉवर सब स्टेशन बनाए जाने हैं। इसके साथ जिन एरिया में बिलजी के केबल नहीं बिछाये गए हैं वहां नए पॉवर केबल बिछाए जाएंगे। हालत तो पहले ही सुधर गई होती, लेकिन इसकी कछुआ चाल होने के कारण यहां डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम ओवरलोडेड हो रहा है।

फीडर की क्षमता बढ़ाई गई

सुपरिटेंडिंग इंजीनियर दिलीप कुमार की मानें तो आरएडीआरई स्कीम के तहत नए ट्रांसफॉर्मर लगाए जा रहे हैं। इसमें 70-80 ट्रांसफॉर्मर लगाए जाने हैं। फिलहाल ब्0 लगाए जा चुके हैं। ऐसा ओवरलोडिंग की स्थिति को कंट्रोल करने के लिए किया जा रहा है। इसके अलावा राजापुर फीडर की क्0 एमवी की क्षमता को ख्0 एमवी और हाईकोर्ट की पांच एमवी को बढ़ाकर क्0 एमवी कर दिया गया है। उनका दावा है कि इससे ओवरलोडिंग की प्राब्लम कम हुई है।

क्यों कट रही है बिजली

जानकारों का कहना है कि यहां बिलजी की प्राब्लम बिजली की कमी के कारण नहीं बल्कि उसके डिस्ट्रीब्यूशन के लचर रवैये के कारण है। इसे इसी बात से समझा जा सकता है कि पटना में बिजली की खपत समर सीजन के पीक आवर में भ्भ्0 मेगावाट से भी अधिक पहुंच जाती है। हालांकि विभिन्न सोर्स से इससे कहीं अधिक बिजली मिल रही है, लेकिन पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन के लिए पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी है।

कुछ प्रमुख कमियां

- फीडर की कमी

-डिस्ट्रीब्यूशन फॉल्ट

-जले पुराने तार से डिस्ट्रीब्शन में फॉल्ट

-ट्रांसफॉर्मर ओवरलोडेड होना

-पॉवर सब स्टेशनों में सुधार की कमी

-बिजली की चोरी

हमारे लिए तो पॉवर कट एक्स्ट्रा बर्डेन यह है। एक तरफ बढ़ी हुई बिजली की रेट तो दूसरी ओर औसतन छह घंटे की कटौती के समय जेनरेटर का खर्च। इसके चलने के बाद धुंए और गंदगी से परेशानी है सो अलग।

-अब्दुल हन्नान, बिजनेसमैन, मौर्या लोक

पिछले दस-बारह दिनों से हालत बहुत खराब है। दिन में और शाम में भी पॉवर कट के कारण जेनरेटर पर निर्भर रहना पड़ता है। इससे कारण बिजनेस पर भी बुरा असर पड़ता है। कस्टमर भी परेशान हो जाते हैं। कुछ तो रास्ता निकले।

- राकेश कुमार, बिजनेसमैन, मौर्या लोक

पास के महेश नगर कॉलोनी में सात से आठ घंटे पॉवर कट के कारण लोगों को रूटीन के जरूरी काम-काज में भी दिक्कत पेश आती है। यही हालत अक्सर रात में भी हो जाती है। यहां एएन कॉलेज फीडर ओवरलोडेड हो गया है।

- रंजीत कुमार, प्रोफेशनल, पटेल नगर

पावर डिस्ट्रीब्यूशन को ठीक करने के लिए विभिन्न एरिया में नए फीडर लगाए जाएंगे। इसके बाद बहुत हद तक पॉवर कट की प्रॉब्लम सॉल्व हो जाएगी।

- हरे राम पांडे, पीआरओ, इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट

Posted By: Inextlive