- कोसिए मत, क्योंकि फायदा पहुंचा रहा है बिजली विभाग

- रोजगार सृजन के साथ ही बीमारियों से लड़ने की दे रहा ताकत

BAREILLY:

देखिए, बात बहुत सीधी सी है। कुछ चीजें हमारे हाथ में नहीं होती है, लेकिन फिर भी हम उसको लेकर परेशान होते रहते हैं। अब बिजली को ही देख लीजिए, थोड़ी देर को भी गई तो लोग परेशान हो जाते हैं, बिजली विभाग से लेकर पूरे सिस्टम को कोसना शुरू कर देते हैं। लेकिन सिर्फ कोस कर ही हम इतिश्री कर लेते हैं, क्योंकि चाहे जितनी कोशिश कर लें। हम कुछ भी करने की स्थिति में नहीं होते हैं। अब जब ऐसा है तो फिर क्यों दूसरों को कोस कर खुद को टेंशन दें। आप थोड़ा सा पॉजिटिव होकर सोचेंगे तो फिर इस बिजली कटौती के भी आपको फायदे नजर आने लग जाएंगे। तो फिर टेंशन छोड़कर हो जाइए बी पॉजिटिव।

बिजली कटौती के बेनीफिट

1- प्रकृति की गोद में

बिजली कटौती की वजह से आज कल मैक्सिमम लोग जल्दी बिस्तर छोड़ देते है। और गर्मी से बचने के

लिए बाहर पार्क में बैठ जाते हैं। वहां दूसरे लोगों को टहलते देख स्वयं भी टहलने की जिज्ञासा जेहन में

आना स्वाभाविक है। कभी बिस्तर से 8 बजे उठने वाले रामपुर के वर्मा जी आज कल पांच बजे ही उठ जाते

हैं। एक घंटे तक अग्रसेन पार्क में व्यतीत करते है। वर्मा जी अब तो, खुद ही समय से उठ कर पत्‍‌नी संग मॉर्निग

वॉक पर निकल जाते है। और बिजली का शुक्रिया अदा करना नहीं भूलते है।

2- ऑफिस का फायदा

बिजली कटौती की वजह से घर में भीषण गर्मी, उमस, और घुटन के चलते लोग अब जल्दी ऑफिस जाने

में ही भलाई समझ रहे हैं। जबकि, शाम को भी ऑफिस में देर तक बैठने की कोशिश करते है। इससे दो

काम आसान हो गए है। एक तो, ऑफिस का पेंडिंग काम भी निपट जा रहा है और बॉस की नजर में भी काबिल कर्मचारी साबित हो रहे हैं।

3- नहीं भूलते भगवान

अपनी बिजली लाइफ में हम भगवान को बार-बार भूल जाते हैं, लेकिन जैसे ही बिजली जाती है तो मुंह

से यही निकलता है 'हे भगवान' कब आएगी लाइट। जब बिजली लंबे वक्त के बाद आती है तो कहते है कि, भगवान का शुक्र है कि, जो लाइट आ गयी। इस तरह बिजली विभाग हमें भगवान की याद दिलाता हैं। सुबह

उठ जाने के बाद मंदिर में दर्शन करने जरूर चले जाते है।

4- और तकरार हो गयी बंद

बिजली कटौती ने जो सबसे बड़ा काम किया है वह है पति-पत्‍‌नी के बीच तकरार का न होना। दरअसल, विनोद को टीवी पर न्यूज देखने की आदत थी। वहीं उनकी पत्‍‌नी सुमन को अपना फेवरिट सीरियल और टीवी एक। फिर, क्या ऐसे में आपसी अनबन तो होना लाजिमी ही है, लेकिन जब से बिजली ने अपना रंग दिखाना शुरू किया है। विनोद और सुमन कभी अनबन नहीं हुई।

5- रोजगार के अवसर

यहीं नहीं बिजली विभाग बिजली कटौती कर रोजगार के अवसर प्रदान कर सरकार की मदद कर रहा है। बिजली कटौती से इंवर्टर और बैटरी का बिजनेस में काफी ग्रोथ हुआ है। समर में इस धंधे से नए लोग भी जुड़ गए हैं और इन्हें मुनाफा भी खूब हो रहा है। बिजली कटौती से धंधे को एक नई दिशा मिली है। बिजनेस से जुड़े लोग बिजली विभाग का शुक्रिया अदा करना नहीं भूलते है।

6 - बच्चों का फिजिकली गेम्स में इंवॉल्व होना

लाइट पर रहने पर बच्चों का टीवी पर कार्टून देखना आम बात थी। पेरेंट्स के मना करने पर भी दिन भर टीवी से चिपके रहते थे। कई बार पेरेंट्स गुस्से में बच्चों को एक दो तमाचा जड़ भी देते थे, लेकिन लाइट नहीं आने से अब बच्चे घरों में रहना पसंद ही नहीं कर रहे है। अपना फिजिकली एक्टिविटी में लगाते है, जिससे उनका शारीरिक विकास को बल मिल रहा है। बच्चों के फिजिकली स्ट्रांग होने में बिजली कटौती काफी मदद कर रही है।

7 - फैमिली मेंबर्स की होती है गुप्तगू

बिजली रहने पर देर रात तक टीवी देखना और टीवी देख कर सो जाना। न किसी की जरूरतों को जानना और न ही फेमिली मेंबर्स की भावनाओं को समझने की फुरसत, लेकिन बिजली कटौती ने फैमिली मेंबर्स की दूरियों को मिटा दिया है। राजेंद्र नगर की रहने वाली गुप्ता फैमिली में 8 मेंबर्स है। सभी मेंबर्स की एक ही जगह बैठक होती है। आपस में देश दुनिया के साथ ही सभी सदस्य अपनी फीलिंग भी एक दूसरे के साथ खुल कर शेयर करने लग गए है।

8 कई बीमारियों से राहत

हमारी बॉडी से पसीना के रूप में वेस्ट पार्टिकल बाहर निकल जाते हैं। पसीना न निकलने पर वेस्ट पार्टिकल एक्युमलेट होने की पॉसिबलिटी बढ़ जाती है। वेस्ट एंड टॉक्सिज प्रोडक्ट निकलने से बीमारियों का खतरा टला

रहता है। उचित पसीना निकलने से बॉडी में सॉल्ट बैलेंस रहता है। गर्मियों में हमारे स्कीन में तरह-तरह के इंफेक्शन हो जाते है। पसीना निकलते रहने से हेयर मॉल्यूकिल्स में इंफेक्शन की संभावना कम हो जाती है।

इन नंबर्स पर करिए शुक्रिया

9415901630 चीफ इंजीनियर

9415901700 एसई

9415901702 एक्सईएन

9415901701 एक्सईएन

9415901719 एक्सईएन

मुझे एंवॉयरमेंट से जुड़ने का मौका मिला है। लाइट रहने पर पहले मैं देर तक सोती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं है। गर्मी से सुबह नींद खुल जाने पर मैंने वॉक पर जाना शुरू कर दिया है।

श्रुति वाजपेयी, सिविल लाइंस

लाइट नहीं रहने पर अपने हॉबी पर ध्यान देती हूं। इसके पहले ऑफिस से घर जाने पर टीवी देखने के चलते अपने हॉबी से दूर हो गई थी, लेकिन अब मुझे पूरा समय मिलता है।

पुष्पा देवी, बिहारीपुर

सभी फैमिली मेंबर्स एक साथ गप्पे लड़ाते हैं। कभी-कभी तो आस-पास के लोग भी एक ही जगह इकट्ठा होते है। इसे पहले हम किसी फेस्टिव सीजन में ही मिल पाते थे।

अरूणा मेहता, रामपुर गार्डन

Posted By: Inextlive