बिजली के निजीकरण के विरोध में कर्मचारियों हंगामा
-आक्रोशित कर्मचारियों ने किया कंपनी के लोगों का घेराव
-कर्मचारियों की चेतावनी, निजीकरण हुआ तो होगा टकराव Meerut: शहर की बिजली के निजीकरण को लेकर एमडी से मिलने आए कंपनी के लोगों का गुस्साए कर्मचारियों ने घेराव कर किया। कर्मचारियों ने कंपनी के अफसरों को पकड़कर धक्का-मुक्की भी कर दी, जिस पर विभाग के लोगों ने बीच-बचाव कराते हुए उनकी जान बचाई। कर्मचारियों का उग्र रवैया देखकर कंपनी के अफसरों ने मेरठ न आने का आश्वासन दिया। क्या है मामला दरअसल, शासन की ओर से मेरठ, गाजियाबाद व वाराणसी की बिजली को प्राइवेट हाथों में देने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसी मामले में शहर की बिजली का कांट्रेक्ट उठाने की योजना बना रही निकॉन कंपनी के कुछ लोग बुधवार को यहां एमडी के साथ बैठक करने आए थे। इस बात कही भनक किसी तरह कर्मचारियों को लग गई। कर्मचारियों ने ऊर्जा भवन पहुंच कर हंगामा कर दिया।अफसरों का घेराव
बिजली कर्मचारी संघर्ष समिति के बैनर तले ऊर्जा भवन पहुंचे सैकड़ों कर्मचारियों ने नारेबाजी शुरू कर दी। इसी बीच बैठक कर बाहर निकले कंपनी के लोगों को कर्मचारियों ने बंधक बना लिया। गुस्साए कर्मचारियों ने किसी भी कीमत पर निजीकरण होने देने की घोषणा करते हुए कंपनी के लोगों के साथ धक्का-मुक्की कर दी। मामला तूल पकड़ते देख विभाग के लोगों ने किसी तरह बीच बचाव कराया। कर्मचारियों का उग्र रूप देख कंपनी के लोगों ने मेरठ शहर में बिजली का कांट्रेक्ट न उठाने का आश्वासन दिया। कंपनी के आश्वासन पर कर्मचारी वापस लौट गए।
ये रहे शामिल धरना प्रदर्शन करने वालों में अभियंता संघ के क्षेत्रीय सचिव आरके सिंह, आईपी सिंह, मजदूर संघ के दीपक कश्यप, एसएन बंसल व महावीर सिंह आदि लोग मौजूद रहे। बिजली को किसी कीमत पर निजी हाथों में नहीं जाने दिया जाएगा। कंपनी के कुछ लोग इस मामले में एमडी से मिलने आए थे, लेकिन कर्मचारियों के विरोध के चलते उन्होंने कांट्रेक्ट न लेने का आश्वासन दिया है। यदि फिर भी निजीकरण होता है तो कर्मचारी टकराव की स्थिति में आ जाएंगे। दिलमणी प्रसाद थपलियाल, कर्मचारी नेता